Wednesday, 30 April 2025
Tuesday, 29 April 2025
Monday, 28 April 2025
Sunday, 27 April 2025
Saturday, 26 April 2025
Friday, 25 April 2025
Thursday, 24 April 2025
Wednesday, 23 April 2025
एक घर में सास और बहु बहुत प्यार से रहते थे एक बार एक मेहमान से सास बात कर रही थी जिसे बहु ने सुन लिया !सास कह रही थी-- "बेटी शक्कर की तरह होती है और बहु नमक के समान !बस उस दिन से बहु उदास रहने लगी ! सास ने बहु में हुए बदलाव को महसूस किया और कारण पूछा ! बहु ने जब कारण बताया तो सास ने मुस्कुराकर उसे कहा कि---"बहु..... मेरी कही बात तुम ठीक से समझी नहीं मेरे कहे का मतलब ये है कि, बेटी शक्कर की तरह होती है, जो हर हाल में मीठी लगती है !"जबकि बहु नमक के सामान होती है, जिसका कर्ज नहीं चुकाया जा सकता और जिसके बिना हर चीज का स्वाद, बे स्वाद हो जाता है" !
Tuesday, 22 April 2025
Sunday, 20 April 2025
मायका और माँ ( कितनी खूबसूरत सच्ची कहानी है ). माँ थीं तो मोहल्ले भर को मेरे आने का पता होता था माँ थीं तो बने होते थे राजमाह चावल पुदीने की चटनी माँ थीं तो बिलकुल बुरा नहीं लगता था बिस्तर में लेटे रहना , सुस्ताना , टी वी देखना , चाय पीना माँ थीं तो अपने साथ साथ मेरे लिए भी डाल लेती थीं आम का अचार साल भर के लिए ले लेती साल भर के लिए देसी चावल जब छोटे छोटे बच्चों के साथ जाती तो कहती भूल जाओ सब , आनंद करो , मस्ती करो सब मैं संभाल लूँगी मेरे घर आती तो सब बनेरों पे पड़े होते धुले हुए चादर खेस लिहाफ़ सारे मोहल्ले को पता होता माँ आईं हैं निहायत बुरे वक्तों में सीने में मेरा मुँह छुपा लेती और कहती मैं हूँ न बुरा सपना आता तो सुबह बस पकड़ आती देखती मैं ठीक हूँ तो शाम को लौट जातींहाँ , काफ़ी छुपाती थी मैं अपने दर्द उन से पर माँ की आँखें तो तस्वीर में भी भाँप जाती है दर्द गईं तो मेरा मायका भी साथ ले गईंएक बार गई मैं तो बाहर वाले कमरे में बैठ घंटों रोती रहीकिसी को ख़बर तक न पड़ी मेरे आने की फिर सालों साल उस शहर में क़दम पड़े ही नहीं वो रास्ते यूँ जैसे नाग फ़न फैलाए बैठे हों सोचा था , अब धुँधला पड़ने लगा है सब अब जाने लगी हूँ उस शहर ख़रीदारी भी कर लेती हूँ वहाँ माँ थीं तो ज़रूरी होता था शॉपिंग पे जाना नहीं तो पूछतींकोई बात है उदास हो क्या पैसे मुझ से ले लो कुछ बचा कर रखे हैं तुम्हारे बाबू जी से परे नहीं , पर कुछ भी धुँधला नहीं पड़ा है पालती मार कर बैठा था कहीं ज़िंदगी की व्यस्तता में कहीं एक शब्द पढ़ा तो ज़ार ज़ार फूट पड़ा सब कोई भी दर्द क्या मर पाता है कभी पूरी तरह यूँ तो सब ठीक है पर काश माँ को कोई दर्द न देती काश उनका दर्द बाँट लेती काश उनके लिए ढेरों सूट गहने ख़रीद पाती काश उन्हें घुमाने ले जा पाती काश उन्होंने कभी जो देखे थे ख़्वाब पूरे कर पाती पर यह काश भी तो ख़ुद माँ बन कर ही समझ आता है इतनी देर से क्यों समझ आता है ? #maa
P-1पता ही नहीं चला!अरे सखियो कब 30+, 40+, 50+ के हो गये पता ही नहीं चला। कैसे कटा 21 से 31,41, 51 तक का सफ़र पता ही नहीं चला क्या पाया क्या खोया क्यों खोया पता ही नहीं चला बीता बचपन गई जवानी कब आया बुढ़ापा पता ही नहीं चला कल बेटी थे आज सास हो गये पता ही नहीं चला कब मम्मी से नानी बन गये पता ही नहीं चला कोई कहता सठिया गयी कोई कहता छा गयी क्या सच है पता ही नहीं चला पहले माँ बाप की चली फिर पतिदेव की चली अपनी कब चली पता ही नहीं चला पति महोदय कहते अब तो समझ जाओ क्या समझूँ क्या न समझूँ न जाने क्यों पता ही नहीं चला दिल कहता जवान हूं मैं उम्र कहती नादान हुं मैं इसी चक्कर में कब घुटनें घिस गये पता ही नहीं चला झड गये बाल लटक गये गाल लग गया चश्मा कब बदलीं यह सूरत पता ही नहीं चला मैं ही बदली या बदली मेरी सखियां या समय भी बदल कितनी छूट गयीं कितनी रह गयीं सहेलियां पता ही नहीं चला कल तक अठखेलियाँ करते थे सखियों के साथ आज सीनियर सिटिज़न हो गये पता ही नहीं चला अभी तो जीना सीखा है कब समझ आई पता ही नहीं चला आदर सम्मान प्रेम और प्यार वाह वाह करती कब आई ज़िन्दगी पता ही नहीं चला बहु जमाईं नाते पोते ख़ुशियाँ लाये ख़ुशियाँ आई कब मुस्कुराई उदास ज़िन्दगी पता ही नहीं चलाज़िन्दगी मे खुद के लिए क्या किया कुछ पता ही नहीं चला! खुल कर कभी हस भी नहीं पायी कभी अपनी ज़िन्दगी के बारे मे सोच नहीं पायी कभी अपने मन कि नहीं सुन पायी कभी मेरी दिल क्या चाहती है कभी सुन ही नही सकी! फिर वही लोग कहते है तुमने किया ही क्या है मेरे लिए! अब से खुद के लिए भी समय दो जिससे दिल कहे बात करो जहाँ प्रेम करना चाहो वहा करो जिससे मिलना चाहो बैठ कर बाते करो एक दूसरे मे खो जाये कुछ वो कुछ आप कहे ❤❤❤ जी भर के जी लो प्यारी सखियो फिर न कहना पता ही नहीं चला🙏🌹❤️अगर मेरी स्टोरी आपके दिल को छू गयी हो 🙏🙏💖💖💖 Aj
Saturday, 19 April 2025
Friday, 18 April 2025
Thursday, 17 April 2025
जो बातें खुले तौर पर होनी चाहिए,उसे समाज ढक देता है, कभी संस्कार के नाम पर तो कभी रीति रिवाज के नाम पर, जीवन में वैवाहिक रिश्तें टूटने कामुख्य कारण में से एक कारण ये भी है..✍️शादी के पहले ही बहुत से मेडिकल टेस्ट करवा लेने चाहिए, वर वधु के ताकि आने वाले कल में वैवाहिक जीवन क्षतिग्रस्त न हो , क्योंकि वैवाहिक जीवन की क्षतिपूर्ति कोई भी दूसरा रिश्ता नहीं कर सकता, वैवाहिक जोड़े जीवन भर घुटते मरते रह जाते हैं।हर एक इंसान को इतनी आजादी तो मिलनी ही चाहिए ताकि वो एक खूबसूरत वैवाहिक जीवन जी सकें।#beautifullife skl
Wednesday, 16 April 2025
Tuesday, 15 April 2025
Monday, 14 April 2025
Friday, 11 April 2025
Thursday, 10 April 2025
रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया वो एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं...सबकों प्यार देने की आदत हैं हमें अपनी अलग पहचान बनाने की आदत हैं हमें कितना भी गहरा जख़्म दे कोई उतना ही ज्यादा मुस्कुरानें की आदत हैं हमें...इस अजनबी दुनिया में अकेला ख़्वाब हूँ मैं सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं...आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं अगर रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं...
Wednesday, 9 April 2025
Never take for granted your #mom—she’s your biggest supporter, your comfort in hard times, and the one who loves you unconditionally. Her presence is a gift, her love unmatched. Cherish every moment, every hug, every word. One day, those memories will be all you have. Appreciate her now, while you still can. A #mother’s love is truly irreplaceable. #beautifullife #motivationalquotes
Friday, 4 April 2025
मैं अंधी नहीं हूं, मैं सब कुछ देखती हूं।मैं देखती हूं......जब लोग मुझे अलग तरह से ट्रीट करते हैं।...जब दूसरों को लगता है कि मैं इतनी मूर्ख हूं कि झूठ को समझ नहीं पाऊंगी।...जब मैं योजना का हिस्सा नहीं होती।...जब कुछ लोग मेरे प्रति अजीब व्यवहार करते हैं।...जब मैं सिर्फ एक विकल्प होती हूं।...जब मुझे किसी और के फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है।...जब दया का कोई और मतलब होता है।...जब लोग साजिश करते हैं।मैं सब कुछ देखती हूं।तो मेरी चुप्पी को मूर्खता न समझें।मैं इसके लिए बहुत सतर्क हूं।मैं अंधी नहीं हूं, मैं सब कुछ देखती हूं।
🌹🌹🌹सड़क का कुत्तासड़क के किनारे, वो अकेला चलता, न कोई सहारा, न कोई पलटा। भूखे पेट उसकी, दरिद्रता की कहानी, चोटों से भरी है, उसकी ये जवानी। रात की चादर में, वो सिमट जाता, सपनों में खोकर, वो खुद को भुला जाता। कभी एक टुकड़ा, कभी एक दया की नजर, पर सच्चाई की ठोकर, उसे हर बार बिखेरा। जब बारिश आती है, वो पनाह ढूंढता, कभी किसी खण्डहर में,कभी किसी कोने में। लोग गुज़रते हैं, पर आँखें मूंद लेते, उसकी पीड़ा में, कोई भी नहीं पड़ता। बच्चों की खिलौने, वो बस देखता है, पर खुद के लिये कोई,उसे नहीं देता है। एक झलक प्यार की, वो तरसता रहता, सड़क पर ये कुत्ता,बस खामोशी में जीता। कभी-कभी उसे, एक दोस्ती मिलती, पर वो भी पल भर में, फिर से छूट जाती। आँखों में आँसू हैं, दिल में है उदासी, इस सड़क के कुत्ते की, क्या है ये बेमिसाली। एक दिन जब वो, थक कर सो जायेगा, सड़क की धूल में, चुपचाप खो जायेगा। बस यादों में रहेगा,उस प्यार का नज़ारा, सड़क का ये कुत्ता, सबका है प्यारा। पर क्या कोई समझेगा,उसकी ये कहानी? क्योंकि वो सिर्फ एक कुत्ता है, पर दिल में है इंसानियत की ज़मीनी।😒
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