Wednesday, 23 April 2025

कई बार हम मोह में आ कर पाप कर्म करते हैं। सोचते हैं...यह तो हमने अपने घनिष्ठ मित्र अथवा परिजन के लिये किया, पर सदा याद रखें...कर्म में कोई भी भागीदार नहीं होता।कोई भी बुरा कर्म केवल कर्ता को ही भोगना पड़ता है।