Thursday, 10 April 2025

रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया वो एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं...सबकों प्यार देने की आदत हैं हमें अपनी अलग पहचान बनाने की आदत हैं हमें कितना भी गहरा जख़्म दे कोई उतना ही ज्यादा मुस्कुरानें की आदत हैं हमें...इस अजनबी दुनिया में अकेला ख़्वाब हूँ मैं सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं...आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं अगर रख सकों तो एक निशानी हूँ मैं खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं...