Thursday 18 April 2024

एक सेवक ने अपने गुरू को अरदास की, जी मैं सत्सँग भी सुनता हूँ, सेवा भी करता हूँ, मग़र फिर भी मुझे कोई फल नहीं मिला सतगुरु ने प्यार से पूछा, बेटा तुम्हे क्या चाहिए ?सेवक बोलामैं तो बहुत ही ग़रीब हूँ दाता सतगुरु ने हँस कर पूछा, बेटा तुम्हें कितने पैसों की ज़रूरत है ?सेवक ने अर्ज की, सच्चे पातशाह, बस इतना बख्श दो, कि सिर पर छत हो, समाज में पत हो ।गुरु ने पूछा और ज़्यादा की भूख तो नहीं है बेटा ?सेवक हाथ जोड़ के बोला नहीं जी, बस इतना ही बहुत है ।गुरु ने उसे चार मोमबत्तियां दीं और कहा मोमबत्ती जला के पूरब दिशा में जाओ, जहाँ ये बुझ जाये, वहाँ खुदाई करके खूब सारा धन निकाल लेना I अगर कोई इच्छा बाकी हो तो दूसरी मोमबत्ती जला कर पश्चिम में जाना और चाहिए तो उत्तर दिशा में जाना, लेकिन सावधान, दक्षिण दिशा में कभी मत जाना, वर्ना बहुत भारी मुसीबत में फँस जाओगे ।सेवक बहुत खुश हो कर चल पड़ा जहाँ मोमबत्ती बुझ गई, वहाँ खोदा, तो सोने का भरा हुआ घड़ा मिला बहुत खुश हुआ और सतगुरु का शुक्राना करने लगा थोड़ी देर बाद, सोचा, थोड़ा और धन माल मिल जाये, फिर आराम से घर जा कर ऐश करूँगा I मोमबत्ती जलाई पश्चिम की ओर चल पड़ा हीरे मोती मिल गये ।खुशी बहुत बढ़ गई, मग़र मन की भूख भी बढ़ गई ।तीसरी मोमबत्ती जलाई और उत्तर दिशा में चला वहाँ से भी बेशुमार धन मिल गया।सोचने लगा के चौथी मोमबत्ती और दक्षिण दिशा के लिये गुरू ने मना किया था, सोचा, शायद वहाँ से भी क़ोई अनमोल चीज़ मिलेगी ।मोमबत्ती जलाई और चला दक्षिण दिशा की ओर, जैसे ही मोमबत्ती बुझी वो जल्दी से ख़ुदाई करने लगा I खुदाई की तो एक दरवाजा दिखाई दिया, दरवाजा खोल के अंदर चला गयाअंदर एक और दरवाजा दिखाई दिया उसे खोल के अन्दर चला गया।अँधेरे कमरे में उसने देखा, एक आदमी चक्की चला रहा हैसेवक ने पूछा भाई तुम कौन हो ?चक्की चलाने वाला बहुत खुश हो कर बोला, ओह ! आप आ गये ?यह कह कर उसने वो चक्की गुरू के सेवक के आगे कर दीसेवक कुछ समझ नहीं पाया,सेवक चक्की चलाने लगा,सेवक ने पूछा भाई तुम कहाँ जा रहे हो ?अपनी चक्की सम्भालो,आदमी ने केहा,मैने भी अपने सतगुरु का हुक्म नहीं माना था, और लालच के मारे यहाँ फँस गया था, बहुत रोया, गिड़गिड़ाया, तब मेरे सतगुरु ने मुझे दर्शन दिये और कहा था, बेटा जब कोई तुमसे भी बड़ा लालची यहाँ आयेगा, तभी तुम्हारी जान छूटेगीआज तुमने भी अपने गुरु के हुक्म को नहीं माना है, अब भुगतो सेवक बहुत शर्मसार हुआ और रोते रोते चक्की चलाने लगावो आज भी इंतज़ार कर रहा है, कि कोई उससे भी बड़ा लालची, पैसे का भूखा आयेगा, तभी उसकी मुक्ति हैहमेशा सतगुरु की रज़ा में राज़ी रहना चाहिए, सतगुरू को सब कुछ पता है, कि उनके बच्चों को, कब और क्या चाहिए जितना भी सतगुरु ने हमें बख्शा है, हमारी औकात से भी ज़्यादा है, बस अब सब्र करो और प्रेम से सत्संग सिमरन करो। अपने गुरु परमात्मा की दी हुई राह पर चलो।जय गुरु जी 🙏🙏#Guru # Greed

Tuesday 16 April 2024

"ना छेड़ क़िस्सा-ए-उल्फ़त बड़ी लम्बी कहानी है"... मैं ज़माने से नहीं हारा किसी अपने की मेहरबानी है। #beautifullifeskl

NOBODY IS YOUR ENEMY*ANYONE THAT ANNOYS YOU* --is teaching you patience and calmness.*ANYONE THAT ABANDONS YOU* --is teaching you how to stand up on your own feet.*ANYBODY THAT OFFENDS YOU* --is teaching you forgiveness and compassion.*ANYTHING THAT YOU HATE* --is teaching you, unconditional love.*ANYTHING THAT YOU FEAR* --is teaching you the courage to overcome your fears.*ANYTHING YOU CAN'T CONTROL* --is teaching you to let go.*ANY "NO" YOU GET FROM HUMAN* --is teaching you to be independent.*ANY PROBLEM YOU'RE FACING* --is teaching you how to get a solution to problems.*ANY ATTACK YOU GET FROM PEOPLE* --is teaching you the best form of defence.*ANYONE WHO LOOKS DOWN ON YOU* --is teaching you to look up to CREATOR ( *GOD* ). Always look out for the lesson in every situation you face in every phase of life.Be polite, calm, gentle and thankful to God because He will be with you to the end.Life had taught me lessons. I do not see people at my cross road, because humans are not reliable. I only see God as the author and finisher of my faith.*R E F L E C T I O N S**When you live your life without anyone betraying, hurting, disappointing, disgracing or offending you, then it means you never did anything worthy.* *The beauty of life, is that it comes with disappointments and betrayals, from people you least expect.**Unfortunately, some of us spend so much time crying over these betrayals and disappointments, and end up becoming victims of all circumstances.* *Remember One Thing:* *Holding unto anger is like knocking your head on the wall and expecting the other person to feel the pain. You are only hurting yourself.**The fact is that the world is full of annoying, naughty, stupid and ungrateful people, and you will always come across them at one point or another in life. But the best thing to do, is to deal with them with wisdom and maturity.**You can’t get everyone to love you, think like you or behave like you... never.Patrick

Monday 15 April 2024

लड़के ! हमेशा खड़े रहेखड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रहीबस उन्हें कहा गया हर बारचलो तुम तो लड़के होखड़े हो जाओछोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहेकक्षा के बाहर.. स्कूल विदाई परजब ली गई ग्रुप फोटो,लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं,और लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहेवे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं..कॉलेज के बाहर खड़े होकर,करते रहे किसी लड़की का इंतज़ार,या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे,एक झलक, एक हाँ के लिएअपने आपको आधा छोड़ वे आज भीवहीं रह गए हैं...बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे,मंडप के बाहर बारात का स्वागत करने के लिएखड़े रहे रात भर हलवाई के पास,कभी भाजी में कोई कमी ना रहेखड़े रहे खाने की स्टाल के साथ,कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाएखड़े रहे विदाई तकदरवाजे के सहारे और टैंट केअंतिम पाईप के उखड़ जाने तकबेटियाँ-बहनें जब तक वापिस लौटेंगीवे खड़े ही मिलेंगे...वे खड़े रहे पत्नी को सीट पर बैठाकर,बस या ट्रेन की खिड़की थाम कर वे खड़े रहेबहन के साथ घर के काम में,कोई भारी सामान थामकरवे खड़े रहेमाँ के ऑपरेशन के समयओ. टी.के बाहर घंटों. वे खड़े रहेपिता की मौत परअंतिम लकड़ी के जल जाने तकवे खड़े रहे ,अस्थियाँ बहाते हुए गंगा के बर्फ से पानी मेंलड़कों ! रीढ़ तो तुम्हारी पीठ में भी है,क्या यह अकड़ती नहीं.....?- #marad #boys #gents #admit

Wednesday 10 April 2024

लोग अकेलेपन से त्रस्त है , अकेलेपन को दूर करना चाहते हैं,किसी से मन की कह हल्के हो लेना चाहते हैं पर सुनने वाला कोई नहीं है इसीलिये कोई पेड़ पौधों से बातें कर रहा है कोई कुत्ते बिल्ली से। मन तो है किसी से बोलें पर समस्या है कि बोलें किससे।भाग कर रिश्तेदारों के पास बोलने जाता है, रिश्तेदार पुराने बही खाते संभाले बैठे साहूकार की तरह हैं, तेरे पिताजी ने तेरी शादी में हमें नहीं बुलाया था जैसी बरसों पुरानी शिकायतों के बंडल निकल आते हैं। इंसान वहां गया था मन हल्का करने और बोझ लिए वापिस लौट आता है।फिर इंसान पड़ोसी के पास जाता है, उसके पास भी कई शिकायतें हैं, पानी को लेकर पार्किंग को लेकर। दोस्तों के पास अब समय नहीं रहा । सहकर्मी तो ऑफिस की बातों के अलावा कुछ सुनते समझते नहीं। हममें से ज्यादातर के जीवनसाथी की रुचियाँ बिल्कुल भिन्न है, आप संगीत की बात करो, वो आज खाने में क्या बनाना है के यक्ष प्रश्न पर अटकी है या आप कोई कविता सुनाना चाहती हैं और वो ट्वेंटी ट्वेंटी के मैच में उलझा है।घबराया इंसान यहां सोशल मीडिया पर आता है, अपने मन की बात यहां कह हल्का हो लेता है। धीरे धीरे उसकी बात सुनने या उसकी जैसी कहने वाले लोगों का एक ग्रुप बनता जाता है। यहां अतीत के उलाहने नहीं हैं, यहां पानी और पार्किंग के झगड़े नहीं हैं, रुचियां समान हैं तभी एक चौपाल सजाए बैठे हैं । यहां जुड़ना सरल है और निकलना उससे भी सरल, कुछ चुभे, बस अनफ़्रेंड करो और भूल जाओ, ज्यादा बुरा लगता हो तो ब्लॉक मारो, मिट्टी पाओ।किसी की कोई बड़ी अपेक्षा नहीं, किसी के ताने नहीं। किसी से आजीवन जुड़े रहने की कोई मजबूरी नहीं।लोग कहते हैं ये दुनिया नकली है मैं कहता हूं यही दुनिया असली है यहां किसी को कुछ खोने पाने का डर नहीं है । जिसे असली जीवन में किसी अखबार में एक लाइन लिखने को नहीं मिल सकती वो यहां चंद्रकांता संतति रच दे कौन रोकता है, सब अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन यहां कर दें समान अवसर है। यदि बन्दा बस अपना मन हल्का करने के उद्देश्य से यहां है, किसी लाइक कमेन्ट फॉलोवर्स की विशाल संख्या की अपेक्षा नहीं है तो उसके लिए यह नकली दुनिया स्वर्ग है।संदीप साहनी