Wednesday 30 September 2020

क्या करेंगे देखकर ये चमचमाते हुए हाईवे,बेटियाँ बेफिक्र घूमें, कोई ऐसी गली बता दो...!!

जब कोई धोखा देता है,तो उस इंसान सेज्यादा खुद पर गुस्सा आता है..।

अपनी हैसियत का कभी अभिमान मत करना, उड़ान जमीन से शुरु और जमीन पर ही ख़त्म होती है !!

जो लोग दर्द को समझते हैं, वो लोग कभी भी दर्द की वजह नहीं बनते.।

रिश्तों की पाठशाला अगर बनाई रखनी है तो गणित और राजनीति विषय कमजोर होना बहुत जरूरी है..!

Tuesday 29 September 2020

लोगों ने मुझे बताया कि वक्त बदल जाता है...और वक्त ने मुझे बताया कि लोग भी बदल जाते हैं.।

*💥क्रोध💥*************एक संत भिक्षा में मिले अन्न से अपना जीवत चला रहे थे। वे रोज अलग-अलग गांवों में जाकर भिक्षा मांगते थे। एक दिन वे गांव के बड़े सेठ के यहां भिक्षा मांगने पहुंचे। सेठ ने संत को थोड़ा अनाज दिया और बोला कि गुरुजी मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूं।**संत ने सेठ से अनाज लिया और कहा कि ठीक है पूछो। सेठ ने कहा कि मैं ये जानना चाहता हूं कि लोग लड़ाई-झगड़ा क्यों करते हैं?**संत कुछ देर चुप रहे और फिर बोले कि ने मैं यहां भिक्षा लेने आया हूं, तुम्हारे मूर्खतापूर्ण सवालों के जवाब देने नहीं आया।**ये बात सुनते ही सेठ एकदम क्रोधित हो गया। उसने खुद से नियंत्रण खो दिया और बोला कि तू कैसा संत है, मैंने दान दिया और तू मुझे ऐसी बोल रहा है। सेठ ने गुस्से में संत को खूब बातें सुनाई। संत चुपचाप सुन रहे थे। उन्होंने एक भी बार पलटकर जवाब नहीं दिया।**कुछ देर बाद सेठ का गुस्सा शांत हो गया, तब संत ने उससे कहा कि भाई जैसे ही मैंने तुम्हें कुछ बुरी बातें बोलीं, तुम्हें गुस्सा आ गया। गुस्से में तुम मुझ पर चिल्लाने लगे। अगर इसी समय पर मैं भी क्रोधित हो जाता तो हमारे बीच बड़ा झगड़ा हो जाता।**क्रोध ही हर झगड़े का मूल कारण है और शांति हर विवाद को खत्म कर सकती है। अगर हम क्रोध ही नहीं करेंगे तो कभी भी वाद-विवाद नहीं होगा। जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो क्रोध को नियंत्रित करना चाहिए। क्रोध को काबू करने के लिए रोज ध्यान करें। भगवान के मंत्रों का जाप करें।**कथा की सीख:*****************इस प्रसंग का सार यह है कि घर-परिवार हो या कार्यस्थल हमें शांत रहना चाहिए। अगर कोई गुस्सा कर भी रहा है तो हमें उसका जवाब शांति से देना चाहिए। जैसे ही हमने शांति को छोड़ा और क्रोध किया तो छोटी सी बात भी बड़ा नुकसान कर सकती है।*🌹जय महाकाल 🙏

पारिवारिक संबंधों में मत-भेद भले हो, मन-भेद न हो।*************हम अपने जीवन में बहुत सारी खट्टी-मीठी बातें लेकर घूमते रहते हैं और उन्हें बार-बार याद करके दुःखी-सुखी होते रहते हैं। हमारी यादों में मीठी यादें भी होती है, लेकिन कड़वी यादों के सामने मीठी यादें प्रायः भूल जाती है। इन यादों के कारण हम अपने जरूरी कार्यों में एकाग्रचित्त नहीं हो पाते, किसी भी काम में मन लगाकर नहीं कर पाते क्योंकि हमारा मन इन दुःखी करने वाली बातों के कारण परेशान और अस्थिर बना रहता है। समय बीतने के साथ हमारा दुःख भले ही कम हो जाता है, लेकिन उन बातों को लेकर हम रोते रहते हैं और उन्हें कभी सुलझाते नहीं हैं। होता यह है कि जिस क्षण हम किसी से झगड़ते हैं, लड़ते हैं, वह क्षण तो बीत जाता है, लेकिन इसके कारण हम अपने जीवन के वर्तमान क्षणों को प्रभावित करते रहते हैं। वह अतीत में होने वाले लड़ाई-झगड़ा हमारे साथ इस कदर जुड़ जाता है कि हम उसे भूल नहीं पाते, जैसे वही हमारा साथी हो, जबकि हमें उसे भुला देना चाहिए और अपने जीवन के हर पल को नई मुस्कुराहट के साथ जीना चाहिए। जो बीत गया उससे सीखना चाहिए कि हमसे गलतियां कहाँ-कहाँ पर हो जाती है और वह दोहराई न जाए इसके लिए प्रयास करना चाहिए। यदि हम अपनी गलतियों को सुधारेंगे नहीं, दूसरों को माफ नहीं करेंगे, अपने आप को ही सबसे सही मानेंगे और दूसरों को हमेशा अपने आगे झुकाने का प्रयास करेंगे, दूसरों को अपने अनुसार चलाएंगे तो फिर परिवार में सही सामंजस्य मधुरता कैसे बन पाएगी? यदि परिवार के सदस्य आपस में ही एक दूसरे को नहीं समझेंगे, एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान नहीं करेंगे और मनमानी करते रहेंगे तो परिवार में कलह होना स्वाभाविक है। अतः परिवार की कलह को यदि दूर करना है तो प्यार, सम्मान, स्नेह, माधुर्य व आत्मीयता का जीवन में समावेश करना चाहिए। इसके साथ ही परिवार के हर सदस्य को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का बोध होना चाहिए और उसके लिए यथासंभव सहयोग करना चाहिए, अन्यथा एक ही व्यक्ति पर परिवार के अन्य सदस्यों के भरण पोषण व निर्वाह का भार पड़ेगा और वह मानसिक रूप से बोझिल महसूस करेगा। पारिवारिक संबंध होते ही ऐसे हैं, जहाँ किसी भी तरह का आडंबर नहीं होता। यहाँ व्यवहार, वार्तालाप, रहन-सहन सब स्वाभाविक होता है और यही कारण है कि इन संबंधों में अपनापन होता है।-

आसान तो कुछ भी नहीं है इस संसार में..एक साँस लेने के लिए भी पहली साँस छोड़नी पड़ती है..

बहुत बड़ा फर्क है"अहंकार और संस्कार मेंअहंकार में हमदूसरों कोझुकाकर खुश होते"और" संस्कार में हम स्वयंझुककर खुश होते हैं!

किसी इंसान से जब प्यार होता है तो उसकी कमियां नजर नहीं आती, और जब किसी इंसान से नफरत हो जाती है, तब उसकी अच्छाइयां नजर नहीं आती..!

सुंदरता सस्ती है, चरित्र महंगा है,घड़ी सस्ती है, समय महंगा है, शरीर सस्ता है, जीवन महंगा है, रिश्ता सस्ता है, लेकिन निभाना महंगा है..

किसी इंसान से जब प्यार होता है तो उसकी कमियां नजर नहीं आती, और जब किसी इंसान से नफरत हो जाती है, तब उसकी अच्छाइयां नजरनहीं आती..

मजबूरियां, शिकायत, परेशानियां, तकलीफों की बोरियां ढोते ढोते.... ना जाने अरमानों का थैला कहाँ खो जाता है..!!

ये अकेलापन भीकितना अजीब होता है... इंसान खुद को ही अंदर ही अंदर मार रहा होता है..अकेलेपन में खामोश हो जाती है जुबा..!

इंसान तब समझदार नहींहोता, जब वो बड़ी-बड़ी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है , जब वो छोटी-छोटी बातें समझने लगे..।

Sunday 27 September 2020

अपने अस्तित्व व हक के लिए जरूर लड़ें , भले ही आप कितने भी कमज़ोर क्यों ना हों..।

गलत को गलत कहनेकी क्षमता नहीं, तो सच्ची बात हैै...आपकी प्रतिभा व्यर्थ है.।

सिर्फ एक वादा अपने आप से ज़िन्दगी भर निभाना.... जहाँ आप गलत ना हों , वहाँ सिरमत झुकाना.।

बिटिया दिवस की हार्दिक शुभकामनाए बेटियाँ घर में संगीत की तरह है... जब बोलती बिना रुके ओर सब कहते हैं.. चुप भी कर जावो.. जब खामोश रहती हैं तो माँ कहती हैं.. तबियत ठीक है ना... पापा कहते घर में खामोशी क्यों हैं. भाई कहता हैं ..नाराज हो क्या.. जब शादी कर दी जाती सब कहते है. घर की रौनक चली गई.. सच में बिटिया न रुकने वाला संगीत है ..

जाने कितनी परियों ने मिल,अर्जियां दी थी,तब खुदा ने दुनिया को ये, बेटियाँ दी थी..!!

Saturday 26 September 2020

धन गुरु नानक रखी लाज, किसी दे ना होविए मोहताज, सानु बस तेरी ही आस, सतगुरू रखी चरनां दे पास ।

बड़े ही बेबस होते है वो लोग जो झूठे नहीं होते... लेकिन दूसरों को तकलीफ ना हो इसलिए सच नहीं कहते...

हम अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी “ गलती ”उन लोगों को “अहमियत” देकर करते हैं, जिनकी जिंदगी में हमारी कोई अहमियत ही नहीं.।

इरादे मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं, फिर भी लोग अपने इरादे बदल देते हैं, अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की, तो रास्ते के पत्थर भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।

गलतियां भी होगी औरगलत भी समझा जाएगा,यह जिंदगी है जनाबयहां तारीफें भी होगी और कोसा भी जाएगा.

रिश्तों को बचाइए क्योंकि आज इंसान इतना अकेला हो गया है कि कोई फोटो लेने वाला भी नहीं..! सेल्फी लेनी पड़ती है, जिसे लोग फैशन कहते हैं।

Friday 25 September 2020

शुभ प्रभातदुःख पीछे देखता है, चिन्ता इधर-उधर देखती है,लेकिन.... विश्वासहमेशा आगे ही देखता है।gm

टूटे तो बड़े चुभते हैं, क्या काँच क्या ख़्वाब, क्या रिश्ते...

चिंता से चतुराई घटे,घटे रूप और ज्ञान। चिंता बड़ी अभागिनी,चिंता चिता समान ।तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोय ,अनहोनी होनी नहीं, होनी होय सो होय ।

#beti ...एक हृदयस्पर्शी कहानी.....!एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया जन्म होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा गयी।मनहूस पर बाप ने कुछ नही कहा अपनी बेटी को, बेटी का पालन पोषण शुरू किया, खेत में काम करता और बेटी को भी खेत ले जाता, काम भी करता और भाग कर बेटी को भी संभालता।रिश्तेदारों ने बहुत समझाया के दूसरा विवाह कर लो पर बाप ने किसी की नही सुनी और पूरा ध्यान बेटी की और रखा। बेटी बड़ी हुयी स्कूल गयी फिर कॉलेज।हर क्लास में फर्स्ट आयी बाप बहुत खुश होता लोग बधाइयाँ देते।बेटी अपने बाप के साथ खेत में काम करवाती, फसल अच्छी होने लगी, रिश्तेदार ये सब देख कर चिढ़ गए। जो उसको मनहूस कहते थे वो सब चिढ़ने लग गए।लड़की एक दिन अच्छा पढ़ लिख कर पुलिस में SP बन गयी।एक दिन किसी मंत्री ने उसको सम्मानित करने का फैसला लिया और समागम का बंदोबस्त करने के आदेश दिए। समागम उनके ही गाँव में रखा गया।मंत्री ने समागम में लोगों को समझाया के बेटा बेटी में फर्क नही करना चाहिए, बेटी भी वो सब कर सकती है जो बेटा कर सकता है।भाषण के बाद मंत्री ने लड़की को स्टेज पर बुलाया और कुछ कहने को कहा। लड़की ने माइक पकड़ा और कहा-मैं आज जो भी हूं अपने बाबुल (पिता) की वजह से हूं जो लोगों के ताने सह कर भी मुझे यहाँ तक ले आये। मेरे पालन पोषण के लिए दिन रात एक कर दिया।मैंने माँ नहीं देखी और न ही कभी पिता से कहा के माँ कैसी थी, क्योंकि अगर मैं पूंछती तो बाप को लगता के शायद मेरे पालन पोषण में कोई कमी रह गयी।मेरे लिये मेरे पिता से बढ़ कर कुछ नही बाप सामने लोगों में बैठ कर आंसू बहा रहा था बेटी की भी बोलते बोलते आँखे भर आयी।उसने मंत्री से पिता को स्टेज पर बुलाने की अनुमति ली। बाप स्टेज पर आया और बेटी को गले लगाकर बोला -रोती क्यों है बेटी, तू तो मेरा शेर पुत्तर है, तू ही कमजोर पड़ गया तो मेरा क्या होगा, मैंने तुझको सारी उम्र हँसते देखना है।बाप बेटी का प्यार देखकर सब की आँखें नम हो गयी। मंत्री ने बेटी के गले में सोने का मेडल डाला। लड़की ने मैडल उतार कर बाप के गले में डाल दिया।मंत्री ने कहा- ये क्या किया, तो लड़की बोली- मैडल को उसकी सही जगह पहुँचा दिया। और कहा इसके असली हकदार मेरे पिता जी हैं।समागम में तालियाँ बज उठी...!!यह उन लोगों के लिए सबक है जो बेटियों को चार दीवारी में रखना पसंद करते हैं, पर ये फूल बाहर खिलेंगे अगर आप पानी लगाकर इन फूलों की देखभाल करोगे

हर इंसान फेसबुक परमज़े लूटने नहीं आता, कुछ लोग ज़िन्दगी की तकलीफें, अकेलापनऔर ज़िम्मेदारियों को कुछ देर भुलाने के लिए भी आते हैं.।

जीवन में परेशानियाँ; चाहे जितनी भी हों, चिंता करने से; और बड़ी हो जाती हैं, खामोश होने से; काफी कम हो जाती हैं, सब्र करने से; खत्म हो जाती हैं, और;परमात्मा का शुक्र करने से; खुशियों में बदल जाती हैं।

Wednesday 23 September 2020

budapa..... सुबह सुबह किसी ने द्वार खटखटाया, मैं लपककर आयी,जैसे ही दरवाजा खोलातो सामने “बुढ़ापा खड़ा” था,भीतर आने के लिए, जिद पर अड़ा था..😔मैंने कहा :नहीं भाई ! अभी नहीं 😔“अभी तो “मेरी उमर” ही क्या है..''वह हँसा और बोला :बेकार कि कोशिश ना कर, मोहतरमा,मुझे रोकना नामुमकिन है... मैंने कहा :".. अभी तो कुछ दिन रहने दे,अभी तक “दूसरो के लिए जी” रही हूँ ..अब अकल आई है तो कुछ दिनअपने लिए और दोस्तों के साथ भी जीने दे..''बुढ़ापा हंस कर बोला :अगर ऐसी बात है तो चिंता मत कर..उम्र भले ही तेरी बढ़ेगी मगर बुढ़ापा नहीं आएगा, तू जब तक “दोस्तों” के साथ जियेगीखुद को जवान ही पाएगी..Dedicated to my beautiful friends 🥰❤️

दुआ करते हैं, कि हमसे जलने वालों की उम्र लम्बी हो ताकि वह हमारी सफलता को देख सकें ।

वक़्त मिट्टी डाल देता है यादों पर, माज़ी पर, आरजू पर, गलती पर, चाहतों पर यहां तक कि रिश्तो पर भी…

दुआ करते हैं, कि हमसे जलने वालों की उम्र लम्बी हो ताकि वह हमारी सफलता को देख सकें ।

school time. पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें ।*पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था ।*"पुस्तक के बीच विद्या , *पौधे की पत्ती* *और मोरपंख रखने* से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था"। कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था ।*हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था ।**माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी , न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी* । सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे । *एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा* हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं । *स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?*पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी , "पीटने वाला और पिटने वाला दोनो खुश थे" , पिटने वाला इसलिए कि कम पिटे , पीटने वाला इसलिए खुश कि हाथ साफ़ हुवा। *हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं,क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना नहीं आता था* ।आज हम गिरते - सम्भलते , संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं , कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं ।*हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है , हमे हकीकतों ने पाला है , हम सच की दुनियां में थे ।*कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे ।अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं , शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है, वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं ।*हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए ।* Copied..👨‍🎨👩🏻‍🚒"REMEMBER YOUR CHILDHOODS" 😎😎😎😎

ढूढ़ना ही है तो परवाह करने वालों को ढूंढ़िये, इस्तेमाल करने वाले तो आपको ढूढ़ ही लेंगे।

किसी व्यक्ति के बर्बाद होने के 5 लक्षण होते हैं - नींद, गुस्सा, भय,आलस्य और काम को टालने की आदत ..!#chankya

जिंदगी में कुछ पल ऐसे आते हैं, जब इंसान अंदर से पूरी तरह टूट जाता है... ना तो दर्द सहा जाता है ओर ना ही किसी से कहा जाता है।।

Tuesday 22 September 2020

गुरु नानक जी आप जी के हाथ में नंव निधियां अठारह सिद्धियां, बरकत ही बरकत है । जिसु के सिर पर हाथ रख दें वो निहाल हो जाए।#Gurunanak ji

कर दिया है बेफिक्र तूने, फिक्र अब मैं कैसे करूं..फ़िक्र तो यह है कि, तेराशुक्र कैसे करू... Beautiful life

दौलत सिर्फ रहन-सहन का = स्तर बदल सकती है, बुद्धि नियत और तक़दीर नहीं, कपड़ों की मैचिंग बिठाने से सिर्फ शरीर सुंदर दिखेगा, रिश्तों व हालातों से मैचिंग बिठा लीजिये, पूरा जीवन सुंदरहो जाएगा..

* स्त्री *हू. हाँ मैंभगवान को भीअपने गर्भ मेंरखने की ताक़त रखती हूँ !!कितना ही मुझे बोलो मैं गर्व से अपने सर को उठाकर चलती हूँ.! अपने बच्चों के लिये....सारे जहर आसानी से पी लेती हूँ.!! हाँ मैं.....* स्त्री * हूँ!!!

लोग आपको कैसे देखते हैं.... ये महत्वपूर्ण नहीं है , आप अपने को आप को कैसे देखते हैं वो ज्यादा महत्वपूर्ण है।

खामोशी से भी कर्म होते है, मैंने देखा है … पेड़ो को छाया देते हुए,,!!#khamoshi #karam

काबिल लोग न तो किसी से दबते है और ना ही किसी को दबाते हैं, जवाब देना तो उन्हें भी खूब आता है पर, कीचड़ में पत्थर कौन मारे यही सोचकर चुप रह जाते हैं..#log

अच्छा बनना और अच्छा होना में बहुत फर्क है, “जनाब” लोग अच्छाबनने के लिए ना जाने कितने अच्छे लोगों की जिंदगी से खेल जाते हैं । और जो अच्छे होतेहैं , वह हजार जिंदगियों की जिंदगी बना जाते हैं.।

ये दुनिया चाहे कितना भी दुख दे, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझेसब्र करना सिखाया है..।#matapita #sabar

छल करोगे तो छल मिलेगा... आज नहीं तो कल मिलेगा... अगर जियो जिंदगी सच्चाई से तो सुकून हर पल मिलेगा..।#sach #jindagi

Sunday 20 September 2020

दिलों में वहीं बसते हैं जिनकामन साफ हो.. क्योंकि सुई मे वही धागा प्रवेशकर सकता है , जिस धागे मे कोई गांठ न हो..!

!! हर हर महादेव !! "दुःख की घड़ी उसे डरा नही सकती कोई ताकत उसे हरा नही सकती..!! और जिस पर हो जाये तेरी मेहर मेरे महादेव, फिर ये दुनिया उसे मिटा नही सकती!!#omnamohshivay. #Goodmorning.#happymonday.

जो व्यक्ति स्पष्ट साफ सीधी बात करता है,उसकी वाणी तीव्र एवं कठोर होती जरूर है..लेकिन ऐसा व्यक्ति कभी किसी को धोखा नहीं देता।

Anyone can make you smile, but not everyone can make you happy.

मेरे बटुए में तुम पाओगे अक्सर नोट खुशियों के,मैं सब चिल्लर उदासी के अलग ‘गुल्लक’ में रखता हूं.‼#khushi #batua #udasi

बहुत सी गलतियां हुई जिंदगी में , लेकिन जो गलतियां लोगो को पहचानने में हुई उसका दुख सब से ज़्यादा है...।

सब्र करो, कोई नज़रअंदाज़ कर रहा है तो करने दो । देख कर अनदेखा कर रहा है तो करने दो। बस याद रखना कि वक़्त सबका आता है..।

चार दिन गायब हो कर देख लो लोग आपका नाम तक भूल जाएंगे,.,इंसान सारी जिंदगी इस धोखे मेंरहता है , कि वह सभी लोगों के लिए अहम है.। लेकिन हकीकत ये होती है कि आपके होने और ना होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता...!!

रिश्ते को बनाए रखने के लिए कभी बहरा , कभी अंधा तो कभी गूंगा बनना पड़ता है जनाब.

Friday 18 September 2020

सच्चा दोस्त कितना भीनाराज हो जाये, पर वो कभी दुश्मन के साथ खड़ा नहीं होगा।

यूं तो ज़िन्दगी के कई लम्हों को जिया है मैंने, मगर सुकून जिसमें मिला वो बचपन था।

रफ्तार दुगुनी हो जाती है,जब जिंदगी दाँव पर लगी हो!

मुझे कहाँ मालूम था कि... सुख और उम्र की आपस में बनती नहीं...कड़ी मेहनत के बाद सुख को घर ले आया.. तो उम्र नाराज होकर चली गई..।

they don't lie to you because the truth will hurt your feelings. they lie to you because the truth might provoke you to make the choices that won't serve their interests.Beautiful life skl.

उधार दीजिए मगर सोच समझकर,अपने ही पैसे भीखारी की तरह मांगने पड़े,और सामने वाला सेठ की तरह तारीख पर तारीख देता रहे!

Thursday 17 September 2020

इंसान को इतना दुःख ज्यादादिल टूटने पर नहीं होता..जितना उम्मीद और भरोसा टूटने पर होता है क्योंकि हम किसी पर भरोसा करके ही दिल लगाते है और जब वो धोखा दे देता है सब उम्मीदों पर पानी फिर जाता है और पूरी दुनिया से भरोसा उठ जाता है...

चंद लोग पूरी दुनिया नहीं होते..मगर पूरी दुनिया का मतलब समझा देते है...

अज्ञात तिथि श्राद्ध स्नान दान की अमावस ॐ शान्ति। समस्त पितृप्यार दे कर जो हमें विदा हुए संसार से... आओ उनको विदा करें आज । वो हुए पुरखों में शामिल जो कभी थे साथ में,आज से नमन करेंगे हम मन के द्वारसे।सभी पितरों को सादर नमन Beautiful life

मार्मिक संदेश ..... 🙏🏻🙏🏻आज ऊपर बैठी रूह ने ... बड़ा ठहाका लगाया है. देखो .. आज मेरे बच्चों ने पंडित को बुलाया है.कितने जतन से पकवान बनाया है, और बड़े ही आदर भाव से खिलाया है. जिसके लिए मुझे तरसाया था .. वही सब आज बनायाहै. और तो और .... कौवे और कुत्ते को भी दावत में बुलाया है बड़े ही प्यार से इनको भी खाना खिलाया है. जगह नहीं थी मेरे लिए घर में वृद्धाश्रम पहुँचाया था, आज मेरा फोटो भगवान के साथ ही लगाया है. पैसा ही नहीं था मेरे लिए आज पंडित को हरा नोट सरकाया है. देखो !! कैसे दिखावा कर रहे हैं, अपने आप से ही छलावा कर रहे हैं. ये सब मेरे सताने के डर से कर रहे हैं. अरे ! इन्हें इतना भी नहीं पता, क्या माँ-बाप होते हैं कभी खफ़ा ? बस ... सभी बच्चों से ... 📍 इतनी सी गुज़ारिश है 📍 मेरे साथ रहने वालों की भी सिफ़ारिश है. मरने के बाद नहीं, माँ-बाप का जीते जी करो सम्मान. नहीं चाहते हैं वो पैसे, न चाहें पकवान.. बस थोड़ा सा समय निकालो, थोड़ी सी घर में जगह दो, और ... रखो उनका ध्यान..!!🙏🏻🙏🏻

Wednesday 16 September 2020

बिंदास मुस्कुराओ क्या ग़म है... ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम है...अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है... जिन्दगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम है ।

किसी के बुरे वक़्त में उसका हाथ पकड़ो, सहारा दो और उसे हिम्मत दो, क्यूँकि बुरा वक़्त तो थोड़े समय में चला जायेगा, लेकिन वो इंसान आपको दुआ जिंदगी भर देता रहेगा..

लोग जरूरत के मुताबिक हमें इस्तेमाल करते हैं, और हम यह सोचते हैं , कि लोग हमें पसंद करते हैं। “यही तो भ्रम है जिंदगी का"।

अगर लोग केवल जरूरत पर आपको याद करते हैं,तो बुरा मत मानिए बल्कि गर्व कीजिये, क्योंकि एक मोमबत्ती की याद तब आती है , जब अंधकार होता है।

वक़्त तो बड़ा बलवान है.जो इसे समझा उसी मेंकुछ करने की जान है.

Tuesday 15 September 2020

"मेरे व्यक्तित्व और मेरेव्यवहार को कभी मत मिलाईयेगा,क्योंकि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है।

किसी को मनाने से पहले येजरूर जान लेना कि वोतुमसे नाराज़ है या फिर तुमसेपरेशान.

Delete जितना तेजी से होता है,उतनी तेज Download नहीं होता... क्योंकि समय सर्जन में ही लगता है । विसर्जन में नहीं ।चाहे वो Application हो या रिश्ते.।

Delete जितना तेजी से होता है,उतनी तेज Download नहीं होता... क्योंकि समय सर्जन में ही लगता है । विसर्जन में नहीं ।चाहे वो Application हो या रिश्ते.।

Sunday 13 September 2020

अगर आप किसी चीज केसपनेदेख सकते है तो आप उसेहासिलभी कर सकते है

चाहे कितनी भी अंग्रेजी सिख लो...लेकिन... कुत्ता अगर पीछे पर जाए तो हट्ट हट्ट ही करना पड़ता है, Excuse Me से वह नही भागता!!

जिंदगी हल्की महसूसहोगी अगर, दूसरों से कम उम्मीद और खुद पर ज्यादा भरोसा हो तो..

लोग कहते है समय केसाथ दर्द कम होता जाता है...लेकिन सच तो ये है कि समय के साथ इंसान को उस दर्द को सहने कीआदत हो जाती है..!

वक्त ने थोड़ा सा साथ नहीं दिया तो लोगों ने काबिलियत पर शक करना शुरू कर दिया..

उलझी पड़ी है जिंदगी इन रेल की पटरियों की तरह.. .. रास्ते तो बहुत है , पर समझ में ही नहीं आ रहा चलना किस पर है.. #रास्ते

नहीं बदल सकता मैं खुद को औरों के हिसाब से, एक लिबास मुझे भी दिया है ,रब ने अपने हिसाब से..।

इंसान जन्म के एक वर्ष के बाद बोलना सीख जाता है , लेकिन बोलना क्या है ? यह सीखने मैं पूरा जन्म लग जाता है ।

Saturday 12 September 2020

कुछ रिश्तो को मजबूतकरते-करते इंसानखुद कमजोर हो जाताहै..

-हंसो ऐसे कि आप 10 साल के हो -पार्टी ऐसे करो कि आप 20 साल के हो -घूमो ऐसे कि जैसे आप 30 साल के हो -सोचो ऐसे कि जैसे आप 40 साल के हो -सलाह ऐसे दो कि जैसे आप 50 साल के हो -परवाह ऐसे करो कि जैसे आप 60 साल के हो -प्यार ऐसे करो की जैसे आप 70 के साल के हो -जियो ऐसे कि जैसे आज आपकी जिंदगी का आखरी दिन हो...यकीन मानो दोस्तों हमेशा खुश रहोगे!

तकलीफ देने वाले कोभले ही भूल जाना,लेकिन तकलीफ मेंसाथ देने वाले को कभी मतभूलना..

सीढ़ियां उन्हे मुबारक हो, जिन्हे छत तकजाना है....!मेरी मंज़िल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुदबनाना है...

क्रोध और आंधी दोनों बराबर होते है, शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुआ है।

सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते, जितने मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं..।

Friday 11 September 2020

*🙏बुजुर्गों का सम्मान....🙏**छोटे ने कहा," भैया, दादी कई बार कह चुकी हैं कभी मुझे भी अपने साथ होटल ले जाया करो."**गौरव बोला, " ले तो जायें पर चार लोगों के खाने पर कितना खर्च होगा.* *याद है, पिछली बार जब हम तीनों ने डिनर लिया था, तब सोलह सौ का बिल आया था.* *हमारे पास अब इतने पैसे कहाँ बचे हैं.**" पिंकी ने बताया," मेरे पास पाकेटमनी के कुछ पैसे बचे हुए हैं."* *तीनों ने मिलकर तय किया कि इस बार दादी को भी लेकर चलेंगे,* *इस बार मँहगी पनीर की सब्जी की जगह मिक्सवैज मँगवायेंगे और आइसक्रीम भी नहीं खायेंगे.**छोटू, गौरव और पिंकी तीनों दादी के कमरे में गये और बोले,**"दादी इस' संडे को लंच बाहर लेंगे, चलोगी हमारे साथ."**दादी ने खुश होकर कहा," तुम ले चलोगे अपने साथ."* *"हाँ दादी "**संडे को दादी सुबह से ही बहुत खुश थी.* *आज उन्होंने अपना सबसे बढिया वाला सूट पहना, हल्का सा मेकअप किया, बालों को एक नये ढंग से बाँधा.* *आँखों पर सुनहरे फ्रेमवाला नया चश्मा लगाया.**यह चश्मा उनका मँझला बेटा बनवाकर दे गया था जब वह पिछली बार लंदन से आया था.* *किन्तु वह उसे पहनती नहीं थी, कहती थी, इतना सुन्दर फ्रेम है, पहनूँगी तो पुराना हो जायेगा.* *आज दादी शीशे में खुद को अलग अलग एंगिल से कई बार देख चुकी थी और संतुष्ट थी.**बच्चे दादी को बुलाने आये तो पिंकी बोली,"अरे वाह दादी, आज तो आप बडी क्यूट लग रही हैं".**गौरव ने कहा," आज तो दादी ने गोल्डन फ्रेम वाला चश्मा पहना है. क्या बात है दादी किसी ब्यायफ्रैंड को भी बुला रखा है क्या."* *दादी शर्माकर बोली, " धत."**होटल में सैंटर की टेबल पर चारो बैठ गए.* *थोडी देर बाद वेटर आया, बोला, " आर्डर प्लीज ".* *अभी गौरव बोलने ही वाला था कि दादी बोली," आज आर्डर मैं करूँगी क्योंकि आज की स्पेशल गैस्ट मैं हूँ."* *दादी ने लिखवाया- दालमखनी, कढाईपनीर, मलाईकोफ्ता, रायता वैजेटेबिल वाला, सलाद, पापड, नान बटरवाली और मिस्सी रोटी.**हाँ खाने से पहले चार सूप भी.**तीनों बच्चे एकदूसरे का मुँह देख रहे थे.**थोडी देर बाद खाना टेबल पर लग गया.**खाना टेस्टी था,* *जब सब खा चुके तो वेटर फिर आया, "डेजर्ट में कुछ सर".* *दादी ने कहा, " हाँ चार कप आइसक्रीम ".* *तीनों बच्चों की हालत खराब, अब क्या होगा, दादी को मना भी नहीं कर सकते पहली बार आईं हैं.**बिल आया,**इससे पहले गौरव उसकी तरफ हाथ बढाता,**बिल दादी ने उठा लिया और कहा," आज का पेमेंट मैं करूँगी.**बच्चों मुझे तुम्हारे पर्स की नहीं,**तुम्हारे समय की आवश्यकता है,* *तुम्हारी कंपनी की आवश्यकता है.* *मैं पूरा दिन अपने कमरे में अकेली पडे पडे बोर हो जाती हूँ.**टी.वी. भी कितना देखूँ,,**मोबाईल पर भी चैटिंग कितना करूँ.**बोलो बच्चों क्या अपना थोडा सा समय मुझे दोगे,"**कहते कहते दादी की आवाज भर्रा गई.* *पिंकी अपनी चेयर से उठी,**उसने दादी को अपनी बाँहों में भर लिया और फिर दादी के गालों पर किस करते हुए बोली," मेरी प्यारी दादी जरूर."**गौरव ने कहा, " यस दादी, हम प्रामिस करते हैं, कि रोज आपके पास बैठा करेंगे* *और तय रहा कि हर महीने के सैकंड संडे को लंच या डिनर के लिए बाहर आया करेंगे और पिक्चर भी देखा करेंगे."**दादी के होठों पर 1000 वाट की मुस्कुराहट तैर गई,**आँखों में फ्लैशलाइट सी चमक आ गई और चेहरे की झुर्रियाँ खुशी के कारण नृत्य सा करती महसूस होने लगीं...-**मित्रों,**बूढ़े मां-बाप रूई के गठठर समान होते है,**शुरू में उनको बोझ नहीं महसूस होता, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ जैसे रुई भीग कर बोझिल होने लगती है. वैसे जिंदगी की थकान बोझ लगती है।**बुजुर्ग समय चाहते हैं पैसा नही,**पैसा तो उन्होंने सारी जिंदगी आपके लिए कमाया-की बुढ़ापे में आप उन्हें समय देंगे।* *यदि वृक्ष से फल न मिले,**तो कोई बात नहीं,* *किन्तु छाया सकून प्रदान करती है।।.अच्छे दोस्त के वाल से।

मुस्कराहट वो हीरा है जिसे आप बिना खरीदे पहन सकते हो और,जब तक यह हीरा आपके पास है आपको सुंदर दिखने के लिये किसी और चीज की जरुरत नहीं है

रिश्ते भी अब हो गये ज्यों दैनिक अखबार ।आज पढ़ लिया प्रेम से कल फिर से बेकार ।

Hath se Jannat Ki Chaabi Choot Jayegi, Maa Agar Ek Pal Ke Liye Bhi Rooth Jaye.

अपना और पराया क्या है? मुझे तो बस यही पता है जो भावनाओं को समझे वो अपना और जो भावना से परे हो वो पराया जो दूर रहकर भी पास हो वो अपना और जो पास रहकर भी दूर हो वो पराया

Thursday 10 September 2020

खिड़कियों से झांकने से अच्छा है कि..बारिश में भीगना सीखिये

Gut feelings are guardian angels. Listen to them.

मुस्कान को तभी रोकिए, जब वो किसी को चोट पहुँचा रही हो, वरना सदा खुश रहें मुस्कुराते रहें.

मुस्कान को तभी रोकिए, जब वो किसी को चोट पहुँचा रही हो, वरना सदा खुश रहें मुस्कुराते रहें.

गुलज़ार जी की लिखित पंक्तियाँ :- *स्त्री तुम* *पुरुष न हो पाओगी....*ज्ञान की तलाश क्या सिर्फ बुद्ध को थी?क्या तुम नहीं पाना चाहती वो ज्ञान?किन्तु जा पाओगी,अपने पति परमेश्वरऔर नवजात शिशु को छोड़कर....तुम तो उनपर जान लुटाओगी....उनके लिये अपने भविष्य को दाँव पर लगाओगी...उनकी होठों कीएक मुस्कुराहट के लिएअपनी सारी खुशियों की बलि चढ़ाओगी....*स्त्री तुम**पुरुष न हो पाओगी....*क्या राम बन पाओगी????क्या कर पाओगी अपने पति का परित्याग,उस गलती के लिए जो उसने की ही नहीं????ले पाओगी उसकी अग्निपरीक्षाउसके नाज़ायज़ सम्बधों के लिए भी????क्षमा कर दोगी उसकी गलतियों के लिए,हज़ार गम पीकर भी मुस्काओगी....*स्त्री तुम**पुरुष न हो पाओगी....*क्या कृष्ण बन पाओगी????जोड़ पाओगी अपना नाम किसी परपुरुष के साथ????जैसे कृष्ण संग राधा....अगर तुम्हारा नाम जुड़ा....तो तुम चरित्रहीन कहलाओगी....तुम मुस्कुराकर बात भी कर लोगी,तो भी कलंकिनी कुलटा कहलाओगी....*स्त्री तुम* *पुरुष न हो पाओगी........*क्या युधिष्ठिर बन पाओगी????जुए में पति को हार जाओगी?????तुम तो उसके सम्मान की खातिर,दुर्गा चंडी हो जाओगी...खुद को कुर्बान कर जाओगी......मौत भी आये तो ,उसके समक्ष अभय खड़ी हो जाओगी।*स्त्री तुम**पुरुष न हो पाओगी.......**रहने दो तुम**ये सब...क्योंकि...*तुम सबल हो,तुम सरल हो,तुम सहज हो,तुम निश्चल हो,तुम निर्मल हो,तुम शक्ति हो,तुम जीवन हो,तुम प्रेम ही प्रेम हो,*ईश्वर की अद्भुत सुंदरतम**कृति हो तुम....* *"स्त्री हो तुम"*

Tuesday 8 September 2020

Monday 7 September 2020

अनुभव कहता है , खामोशियाँ ही बेहतर हैं.. शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं.।

जैसा बाहर से दिखता हूँ वैसा ही अंदर से हूँ.. चिकनी चुपड़ी बातें करके किसी को धोखा देना मेरी फितरत नहीं.!

जवाब तो हर बात का दिया जा सकता है मगर जो रिश्तों की अहमियत न समझ पाया वो शब्दों को क्या समझेंगे

जिंदगी गुजर गयी सबको खुश करने में...जो खुश हुए वो अपने नहीं थे और जो अपने थेवो कभी खुश हुए ही नहीं......

"फितरत किसी की ना आजमाया कर ऐ जिंदगीहर शख्स अपनी हद में बेहद लाजवाब होता है।"

Friday 4 September 2020

बहुत खूबसूरत होते हैं, वो पल; जिसमें दोस्त साथ होते है लेकिन उससे भी; खूबसूरत हैं वो लम्हे, जब दूर रहकर भी वो; हमें याद करते हैं।Good Morning Have a lovely day..

बात बनती है दिल से,दिल बनता है दोस्ती से,दोस्ती बनती है प्यार से,प्यार बनता है परिवार सेपरिवार बनता है घर से,और घर बनता है अपनों से !!

किसी को भी कमजोर मत समझना साहब क्योंकि तकदीर को बदलने मे वक्त नहीं लगता.

बात बनती है दिल से,दिल बनता है दोस्ती से,दोस्ती बनती है प्यार से,प्यार बनता है परिवार सेपरिवार बनता है घर से,और घर बनता है अपनों से !!

कौंन अच्छा है इस जमाने में,क्यो किसी को कोई बुरा कहे।

Thursday 3 September 2020

#ढाई____अक्षर .... ढाई अक्षर का वक्र,और ढाई अक्षर का तुंड।ढाई अक्षर की रिद्धि,और ढाई अक्षर की सिद्धि।ढाई अक्षर का शंभु,और ढाई अक्षर की सत्तिढाई अक्षर का ब्रम्हाऔर ढाई अक्षर की सृष्टि।ढाई अक्षर का विष्णुऔर ढाई अक्षर की लक्ष्मीढाई अक्षर का कृष्णऔर ढाई अक्षर की कांता।(राधा रानी का दूसरा नाम)ढाई अक्षर की दुर्गाऔर ढाई अक्षर की शक्तिढाई अक्षर की श्रद्धाऔर ढाई अक्षर की भक्तिढाई अक्षर का त्यागऔर ढाई अक्षर का ध्यान।ढाई अक्षर की तृप्तिऔर ढाई अक्षर की तृष्णा।ढाई अक्षर का धर्मऔर ढाई अक्षर का कर्मढाई अक्षर का भाग्यऔर ढाई अक्षर की व्यथा।ढाई अक्षर का ग्रन्थ,और ढाई अक्षर का संत।ढाई अक्षर का शब्दऔर ढाई अक्षर का अर्थ।ढाई अक्षर का सत्यऔर ढाई अक्षर का मिथ्या।ढाई अक्षर की श्रुतिऔर ढाई अक्षर की ध्वनि।ढाई अक्षर की अग्निऔर ढाई अक्षर का कुंडढाई अक्षर का मंत्रऔर ढाई अक्षर का यंत्र।ढाई अक्षर की सांसऔर ढाई अक्षर के प्राणढाई अक्षर का जन्मढाई अक्षर की मृत्युढाई अक्षर की अस्थिऔर ढाई अक्षर की अर्थीढाई अक्षर का प्यारऔर ढाई अक्षर का स्वार्थ।ढाई अक्षर का मित्रऔर ढाई अक्षर का शत्रुढाई अक्षर का प्रेमऔर ढाई अक्षर की घृणा।जन्म से लेकर मृत्यु तकहम बंधे हैं ढाई अक्षर में।हैं ढाई अक्षर ही वक़्त में,और ढाई अक्षर ही अंत में।समझ ना पाया कोई भीहै रहस्य क्या ढाई अक्षर में।

Tuesday 1 September 2020

जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है, उसने बार - बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है।

जिनकी आँखे बात बात मे भीग जाती है !वो क़मजोर नही होते बल्कि दिल से सच्चे होते है !!

मैंने कभी नहीं कहा मुझमें कोई ऐब नहीं .....लेकिन एक बात पक्की है, मुझमें कोई फरेब नहीं ...!!

थमती नहीं ज़िन्दगी कभी,किसी के बिना,लेकिन ये गुज़रती भी नहीं,अपनों के बिना..

हमारे घर के हॉल में दो पंखे लगे हैं, जिनमें एक ही अक्सर चलता है और वही धूल लगकर गंदा हो जाता है। जबकि जो नही चलता वह साफ रहता है बाहर से आने वाले उसी साफ दिखने वाले पंखे की तारीफ करते हैं जो नही चलता और कहते हैं कि उसी की तरह इस पंखे को साफ रखा करो!क्या *जवाब* दूं? उन्हें कैसे समझाऊं कि जो *जिम्मेदारी* लेता है वही गंदा होता है *"मशहूर हुए वो जो कभी क़ाबिल ना थे और तो और.... कमबख़्त मंजिल भी उन्हें मिली जो दौड़ में कभी शामिल ना थे..!