Friday 31 December 2021

जब ज़्यादातर लोग नए साल का जश्न मना रहे हैं, बहुत से लोग ऐसे भी जो अपने घर में उदास बैठे हैं। जिन्होंने इस साल किसी अपने को खो दिया है, बहुत से बच्चों ने माता पिता खोए, कई बूढ़े माता पिता ने जवान बेटे खोये, कई लोगों ने अपने जीवनसाथी खो दिये...नए साल पर बस यही प्रार्थना है कि ईश्वर इन्हें संभलने का अवसर दे और इन्हें इनके आने वाले जीवन में खुशियाँ मिलें ।

धीरे धीरे सब दूर होते गए.. वक्त के आगे मजबूर होते गए..रिश्तों में हमने ऐसी चोट खाई..कि बस हम बेवफा और सब बेकसूर होते गए।

आप सब तो साल बदलता देख रहे हैं......मैंने साल भर लोगों को बदलते देखा है....

Good Bye 2021दिन बीत जाते है सुहानी रातें बनकर ...कभी बातें रह जाती हैं कहानी बनकर ... पर दोस्त तो हमेशा दिल के .. करीब रहेंगे.. कभी मुस्कान तो कभी आंखोका पानी बनकर ....!Welcome 2022

Wednesday 29 December 2021

उम्र की डोर से फ़िर एक मोती झड़ रहा हैतारीख़ों के जीने से दिसम्बर फ़िर उतर रहा है..🌺कुछ चेहरे घटे, चन्द यादेंजुड़ गये वक़्त मेंउम्र का पन्छी नित दूर और दूर निकल रहा है___🌺गुनगुनी धूप और ठिठुरी रातें जाड़ों की___😃गुज़रे लम्हों पर झीना-झीना साइक़ पर्दा गिर रहा है___🌺ज़ायका लिया नहीं औरफ़िसल गयी ज़िन्दगीवक़्त है कि सब कुछ समेटेबादल बन उड़ रहा है🌺फ़िर एक दिसम्बर गुज़र रहा हैबूढ़ा दिसम्बर जवान जनवरी क़दमों मे बिछ रहा हैलो इक्कीसवीं सदी को बाइसवाः साल लग रहा है ll❤️🌺

अब वो जमाना नहीं रहा कि जब रिश्ते निभाने के लिए लोग अपनी खुशियां तक कुर्बान कर देते थे.. अब तो वह जमाना है जब अपनी खुशियों के लिए लोग रिश्ते तक कुर्बान कर देते हैं..।

जब तक साँस है, टकराव मिलता रहेगा ! जब तक रिश्ते हैं, घाव मिलता रहेगा !पीठ पीछे जो बोलते हैं, उन्हें पीछे ही रहने दें, रास्ता सही है तो गैरों से भी लगाव मिलता रहेगा...

Saturday 25 December 2021

लोगों को अच्छा समझना छोड़ दो .. क्योंकि अंदर से लोग वह नहीं होते जो ऊपर से दिखाई देते हैं।

तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों से बचना ज़रूरी है, क्योंकि ये इंसान को धीरे-धीरे कमज़ोर कर देते हैं।

अपनों के साथ वक्त का पता नहीं चलता मगर,वक्त के साथ अपनों का पता चल जाता है,।

जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारी जिंदगी के फैसले के दूसरे लोग ही लेते रहेंगे...

जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारी जिंदगी के फैसले के दूसरे लोग ही लेते रहेंगे...

इन लोगो से हमेशा सतर्क रहना1. दोगले प्यार से2. दुश्मन के दोस्त से3. सफर में अनजान इंसान से4. हमेशा तारीफ करने वाले से5. बात बात पर हँसने वाले से6. अचानक व्यवहार बदले उस इंसान से।

कुछ लोग आपसे नफरत इसलिए करने लगते हैं, क्योंकि आपकी सही बात उन्हें कड़वी लग जाती है..।

Very nice Tribute to the Passing Year 2021......A Poem by Gulzar:✍Ahista chal Zindagi,Abhi kai Karz Chukana baaki hai.😘Kuch Dard Mitana baaki hai,Kuch Farz Nibhana baaki hai.😗Raftaar mein Tere chalne se -Kuchh Rooth gaye, Kuch Chhut gaye.😅Roothon ko Manana baaki hai,Roton ko Hasana baaki hai.😊Kuch Hasraatein abhi Adhuri hain,Kuch Kaam bhi aur Zaruri hai.😘Khwahishen jo Ghut Gayi is Dil mein,Unko Dafnana baaki hai.😘Kuch Rishte Ban kar - Toot gaye,Kuch Judte-Judte Chhut gaye.😊Un Tootte-Chhutte Rishton keZakhmon ko Mitana baki hai.😅Tu Aage chal Main aata hoon,Kya chhod Tujhe Ji paunga ?🥰In Saanson par Haqq hai Jinka,Unko Samjhaana baaki hai.🙋Aahista chal Zindagi,Abhi kai Karz Chukana baaki hai .🙏

Tuesday 21 December 2021

मेरी ज़िन्दगी में आने वाले सभी बुरे लोगों का शुक्रिया, इनसे मैंने सीखा कि मुझे इनके जैसा नहीं बनना है।

पके हुए फल की तीन पहचान होती है, एक तो वह नर्म हो जाता है, दूसरा वह मीठा हो जाता है , और तीसरा उसका रंग बदल जाता है । इसी तरह अच्छे परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है, पहली उसमें नम्रता होती है, दूसरा उसकी वाणी में मिठास होती है, और तीसरा उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है.।

पके हुए फल की तीन पहचान होती है, एक तो वह नर्म हो जाता है, दूसरा वह मीठा हो जाता है , और तीसरा उसका रंग बदल जाता है । इसी तरह अच्छे परिपक्व व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है, पहली उसमें नम्रता होती है, दूसरा उसकी वाणी में मिठास होती है, और तीसरा उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग होता है.।

BEST WISHES FOR 21ST DAY OF 21ST YEAR OF 21STCENTURY...!

जीवन में परेशानियाँ, चाहे जितनी भी हों, चिंता करने से; और बड़ी हो जाती हैं, खामोश होने से; काफी कम हो जाती हैं,सब्र करने से; खत्म हो जाती हैं, और; परमात्मा का शुक्र करने से;खुशियों में बदल जाती हैं।

Monday 20 December 2021

सतगुरु कहते है कि अहंकारी इंसान एक अंधे के समान है जिसे न तो अपनी गलती दिखाई देती है न दुसरों की अच्छाई। सतनाम श्री वाहेगुरु

झूठा सच पर भी यकीन नहीं करता ! सच्चा झूठ पर भी यकीन कर लेता है !!

बड़ी अजीब है ये दुनिया…यहाँ झूठ बोलने से नहीं, सच बोलने से रिश्ते टूट जाते हैं..:)

बड़ी अजीब है ये दुनिया…यहाँ झूठ बोलने से नहीं, सच बोलने से रिश्ते टूट जाते हैं..:)

कुछ रास्तों पर... आपको अकेले ही चलना पड़ेगा.... ना परिवार... ना कोई दोस्त... बस आप... और आपकी हिम्मत....

जीवन में अगर खुश रहना चाहते हो तो इच्छाओं का त्याग कर दो खुश रहोगे, क्योंकि इच्छाएं ही दुख का कारण होती है।

कभी आपने महसूस किया है कि बस में सफर करते समय अगर हम पीछे की सीट में बैठते हैं तो धक्के ज्यादा लगते हैं। जैसे जैसे हम आगे की सीट पे जाते हैं तो धक्के कम लगते हैं। ड्राइवर और हमारी सीट में अंतर ज्यादा तो धक्के ज्यादा, ड्राइवर और हमारी सीट में अंतर कम तो धक्के कम। हमारी जीवन रूपी गाड़ी के ड्राइवर, सारथी, ईश्वर हैं ईश्वर से अंतर ज्यादा तो धक्के ज्यादा, ईश्वर से अंतर कम तो धक्के कम इसलिये परमात्मा से सच्चा और गहरा सम्बन्ध जोड़ें।

PrayerIs the spiritualOxygen we all need.

Sunday 19 December 2021

हुनर होना चाहिए सच और झूठ में फर्क पता करने का, कानो में जहर घोलना तो जमाने का काम है...

जो आपकी हर बात का यकीन करता है, उससे कभी झूठ मतबोलना।

ना जाने कितनी अनकही बातें साथ ले जाएगें, लोग झूठ कहतें हैं की खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाएगें।

स्पष्ट बोलने वाला व्यक्ति एक इंजेक्शन की तरह होता है, इसमें थोड़ी देर के लिए दर्द होता है, लेकिन फायदा जीवन भर रहता है..

हजार गलतियों के बाद भी लोग खुद से प्यार करते हैं..फिर क्यों दूसरों की एक गलती सेनफरत करने लगते हैं।

Tuesday 14 December 2021

*'मां' और 'सास' में अंतर कुछ नहीं 🙏🏻❤️❤️* रोते हुए *'संसार'* में आई, तब *'मां'* ने गोद में उठाया.! रोते हुए *'ससुराल'* गई, तब *'सास'* ने गले से लगाया.!*'मां'* ने *'जीवन'* दिया तो... *'सास'* ने *'जीवन-साथी'* दिया..! *'मां'* ने *'चलना-बैठना'* सिखाया तो...*'सास'* ने *'समाज में उठना-बैठना'* सिखाया.! *'मां'* ने *'घर के काम'* सिखाए तो... *'सास'* ने *'घर चलाना'* सिखाया.! *'मां'* ने *'कोमल कली'* की तरह संभाला तो... *'सास'* ने *'विशाल वृक्ष'* जैसा बनाया.! *'मां'* ने *'सुख में जीना'* सिखलाया तो...*'सास'* ने *'दुख में भी जीना'* सिखलाया.! *'मां'.. 'ईश्वर' के समान है तो...**'सास'.. 'गुरु' के समान है..।*नमन दोनों मां को 🙏🏻🙏🏻🌷🌹👌🏼👏🏼👍🏼🌹🌷💅🏻

इंसान ही इंसान का रास्ता काटता है, बिल्लियाँ तो यूँ ही बदनाम है..।

"खुशी" के लिये बहुत कुछ इकट्ठा करना पड़ता है, ऐसा हम समझते हैं,, किन्तु हकीकत में "खुशी" के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है, ऐसा "अनुभव" कहता है..

Monday 13 December 2021

*उम्रदराज* न बनें*उम्र को दराज़* में रख दें खो जाएं ज़िन्दगी में*मौत का इन्तज़ार न करें*जिनको आना है आएजिसको जाना है जाए*पर हमें जीना है*। ये न भूल जाएंजिनसे मिलता है प्यार। उनसे ही मिलें बार बार महफिलों का शौक रखें*दोस्तों से प्यार करें* जो रिश्ते हमें समझ सकेंउन रिश्तों की कद्र करें*बंधें नहीं किसी से भीना किसी को बँधने परमजबूर करेंदिल से जोड़ें हर रिश्ता। और उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहें*हँसना अच्छा होता है*पर अपनों के लिये रोया भी करें। याद आएं कभी अपने तोआँखें अपनी नम भी करें।*ज़िन्दगी चार दिन की है*तो फिर शिकवे शिकायतेंकम ही करें। *उम्र को दराज़ में रख देंउम्रदराज़ न बनें।

आजाद रहिये विचारों से... लेकिन बंधे रहिये अपने संस्कारों से...!

खुद पर भरोसा करने काहुनर सीख लो, सहारे कितने भी भरोसेमंद हों, एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं।🥀

साथ छोड़ने वालों को तो बहाना चाहिए, वरना साथ निभाने वाले मौत के दरवाजे तक भी साथ नही छोड़ते..

कुछ सवाल , सवाल ही रहें तो अच्छा है... क्यूंकि सुना है, उनके जवाब ढूंढने पे अक्सर रिश्ते खो जाते हैं।

Saturday 11 December 2021

बुराई भी होनी जरूरी है, क्योंकि हर रोज तारीफ़ मिलेगी तो आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

बुराई भी होनी जरूरी है, क्योंकि हर रोज तारीफ़ मिलेगी तो आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

* सबसे सुंदर बात * कोई भी मनुष्य किस बात को, किस प्रकार से समझता है। यह उसकी मानसिकता तय करती है। कोई दूसरों की थाली में से भी, छीन कर खाने में अपनी शान समझता है तो कोई अपनी थाली में से दूसरों को, निवाले खिला कर संतुष्ट होता है। सारा खेल संस्कारों, समझ, और मानसिकता का है लेकिन एक बात तो तय है कि छीन कर, खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता। और बाँट कर खाने वाले, कभीभी भूखे नहीं रहते।

Thursday 9 December 2021

Well said by Amitabh Bachchan...!! 👌❤️What is the difference betweenyour mother and wife..They both LOVE us,Both SACRIFICE for us,Both make us EATmore than we require,Both make ourhouse into HOME,Both PRAY for us,Both are ALWAYSthere for us,Both LIVE for us then why do...We post/say funny jokes about wife and Laugh & always post respectable quote for mother...The only difference I can see is one brings you into the world... and other makes YOU her world, but men always take their wives for granted & often ignore them in important talks, matters,decisions, Plannings etc...because they think that they are in-efficient to handle them.Dear men it's True that your mother sacrifices to make you become a Leader but a wife sacrifices to maintain your Leadership...your mother gets your affection and care throughout her Life..but a wife gets your full attention only when she is near the end of her Life...waiting to get your Certification of her soulmate...Please give her importance in early age of her Life so that she can feel that she is not only the Princess of her Father but also the Queen of her Husband.

जिस इंसान को हम बेहद प्यार करते हैं, जिन्दगी में वही इंसान हमारा सबसे ज्यादा फायदा उठाता है। क्युंकी वो इंसान ही जानता है.. हमारी कमजोरी क्या है ।।

Sunday 5 December 2021

10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मुमानी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बाप, कर्ज में डूबा ना हो वअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।बदलाव एक कोशिश#####लेख अच्छा लगे तो फॉलो करे

इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है।1-मेरा नाम ऊँचा हो .२ -मेरा लिबास अच्छा हो .3-मेरा मकान खूबसूरत हो ..लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़ेसबसे पहले बदल देता है१- नाम = (स्वर्गीय )२- लिबास = (कफन )३-मकान = ( श्मशान )जीवन की कड़वी सच्चाई जिसे हम समझना नहीं चाहते ।

जिनसे ख़त्म हो जाती है उम्मीदें उनसे फिर शिकायतेंनहीं रहती..

अपनी हर सुबह की शुरुआत “आईसक्रीम" से कीजिये .....“आ” - आत्मविश्वास,"ई" - ईच्छाशक्ति,"स" - सकारात्मक दृष्टिकोण,“क्री” - क्रियाशीलता,"म"- महत्वाकांक्षा |

Thursday 2 December 2021

थकान हमेशा काम के कारण ही नहीं होती, ज्यादातर चिंता, निराशा, भय और असंतोष के कारण भी होती है।

उम्रदराज न बनें। उम्र को दराज़ में रख दें.. . खो जाएं ज़िन्दगी में , मौत का इन्तज़ार न करें । जिनको आना है आए जिसको जाना है जाए । पर हमें जीना है ये न भूल जाएं ।जिनसे मिलता है प्यार उनसे ही मिलें बार बार । महफिलों का शौक रखें दोस्तों से प्यार करें ,जो रिश्ते हमें समझ सकें उन रिश्तों की कद्र करें । बंधें नहीं किसी से भी ना किसी को बँधने पर मजबूर करें ।दिल से जोड़ें हर रिश्ताऔर उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहें ।हँसना अच्छा होता है पर अपनों के लिये रोया भी करें। याद आएं कभी अपने तो आँखें अपनी नम भी करें ज़िन्दगी चार दिन की है तो फिर शिकवे शिकायतें कम ही करें ।उम्र को दराज़ में रख दें उम्रदराज़ न बनें।..

Sunday 28 November 2021

।।।।।।।।।। मन के विचार ।।।।।।।।।।एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- "मुझे नहीं पता क्यों,पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।"______________________________________ यह सुनकर मंत्री को बहुत दु:ख हुआ लेकिन जब तक वह राजा से कोई कारण पूछता, तब तक राजा आगे बढ़ गया।अगले दिन, मंत्री उस दुकानदार से मिलने के लिए एक साधारण नागरिक के वेष में उसकी दुकान पर पहुँचा। उसने दुकानदार से ऐसे ही पूछ लिया कि उसका व्यापार कैसा चल रहा है? ______________________________________दुकानदार चंदन की लकड़ी बेचता था। उसने बहुत दुखी होकर बताया कि मुश्किल से ही उसे कोई ग्राहक मिलता है। लोग उसकी दुकान पर आते हैं, चंदन को सूँघते हैं और चले जाते हैं। वे चंदन कि गुणवत्ता की प्रशंसा भी करते हैं, पर ख़रीदते कुछ नहीं। अब उसकी आशा केवल इस बात पर टिकी है कि राजा जल्दी ही मर जाए। उसकी अन्त्येष्टि के लिए बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी खरीदी जाएगी। वह आसपास अकेला चंदन की लकड़ी का दुकानदार था, इसलिए उसे पक्का विश्वास था कि राजा के मरने पर उसके दिन बदलेंगे।______________________________________ अब मंत्री की समझ में आ गया कि राजा उसकी दुकान के सामने क्यों रुका था और क्यों दुकानदार को मार डालने की इच्छा व्यक्त की थी। शायद दुकानदार के नकारात्मक विचारों की तरंगों ने राजा पर वैसा प्रभाव डाला था, जिसने उसके बदले में दुकानदार के प्रति अपने अन्दर उसी तरह के नकारात्मक विचारों का अनुभव किया था। बुद्धिमान मंत्री ने इस विषय पर कुछ क्षण तक विचार किया। फिर उसने अपनी पहचान और पिछले दिन की घटना बताये बिना कुछ चन्दन की लकड़ी ख़रीदने की इच्छा व्यक्त की। ______________________________________दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने चंदन को अच्छी तरह कागज में लपेटकर मंत्री को दे दिया। जब मंत्री महल में लौटा तो वह सीधा दरबार में गया जहाँ राजा बैठा हुआ था और सूचना दी कि चंदन की लकड़ी के दुकानदार ने उसे एक भेंट भेजी है। राजा को आश्चर्य हुआ। जब उसने बंडल को खोला तो उसमें सुनहरे रंग के श्रेष्ठ चंदन की लकड़ी और उसकी सुगंध को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रसन्न होकर उसने चंदन के व्यापारी के लिए कुछ सोने के सिक्के भिजवा दिये। राजा को यह सोचकर अपने हृदय में बहुत खेद हुआ कि उसे दुकानदार को मारने का अवांछित विचार आया था।______________________________________जब दुकानदार को राजा से सोने के सिक्के प्राप्त हुए, तो वह भी आश्चर्यचकित हो गया। वह राजा के गुण गाने लगा जिसने सोने के सिक्के भेजकर उसे ग़रीबी के अभिशाप से बचा लिया था। कुछ समय बाद उसे अपने उन कलुषित विचारों की याद आयी जो वह राजा के प्रति सोचा करता था। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे नकारात्मक विचार करने पर बहुत पश्चात्ताप हुआ।.......... यदि हम दूसरे व्यक्तियों के प्रति अच्छे और दयालु विचार रखेंगे, तो वे सकारात्मक विचार हमारे पास अनुकूल रूप में ही लौटेंगे। लेकिन यदि हम बुरे विचारों को पालेंगे, तो वे विचार हमारे पास उसी रूप में लौटेंगे।______________________________________ "कर्म क्या है?" "हमारे शब्द, हमारे कार्य, हमारी भावनायें, हमारी गतिविधियाँ.।" हमारे सोच विचारों से ही हमारे कर्म बनते हैं।______________________________________

।।।।।।।।।।।। मन का भूत ।।।।।।।।।।।।एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया , संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई, सेठ ने उससे पूछा - भाई यह क्या है,उसने जवाब दिया कि यह एक भूत है। इसमें अपार बल है कितना भी कठिन कार्य क्यों न हो यह एक पल में निपटा देता है। यह कई वर्षों का काम मिनटों में कर सकता है।सेठ भूत की प्रशंसा सुन कर ललचा गया और उसकी कीमत पूछी......., उस आदमी ने कहा कीमत बस पाँच सौ रुपए है ,कीमत सुन कर सेठ ने हैरानी से पूछा- बस पाँच सौ रुपए.......उस आदमी ने कहा - सेठ जी जहाँ इसके असंख्य गुण हैं वहाँ एक दोष भी है।अगर इसे काम न मिले तो मालिक को खाने दौड़ता है।सेठ ने विचार किया कि मेरे तो सैकड़ों व्यवसाय हैं, विलायत तक कारोबार है यह भूत मर जायेगा पर काम खत्म न होगा , यह सोच कर उसने भूत खरीद लिया मगर भूत तो भूत ही था , उसने अपना मुँह फैलाया और बोला - काम काम काम काम...सेठ भी तैयार ही था, उसने भूत को तुरन्त दस काम बता दिये ,पर भूत उसकी सोच से कहीं अधिक तेज था इधर मुँह से काम निकलता उधर पूरा होता , अब सेठ घबरा गया ,संयोग से एक सन्त वहाँ आये,सेठ ने विनयपूर्वक उन्हें भूत की पूरी कहानी बताई..सन्त ने हँस कर कहा अब जरा भी चिन्ता मत करो एक काम करो उस भूत से कहो कि एक लम्बा बाँस ला कर आपके आँगन में गाड़ दे बस जब काम हो तो काम करवा लो और कोई काम न हो तो उसे कहें कि वह बाँस पर चढ़ा और उतरा करे तब आपके काम भी हो जायेंगे और आपको कोई परेशानी भी न रहेगी सेठ ने ऐसा ही किया और सुख से रहने लगा.....यह मन ही वह भूत है। यह सदा कुछ न कुछ करता रहता है एक पल भी खाली बिठाना चाहो तो खाने को दौड़ता है।श्वास ही बाँस है।श्वास पर भजन- सिमरन का अभ्यास ही बाँस पर चढ़ना उतरना है।आप भी ऐसा ही करें। जब आवश्यकता हो मन से काम ले लें जब काम न रहे तो श्वास में नाम जपने लगो तब आप भी सुख से रहने लगेंगे...

|||||||||||||| क्रोध ||||||||||||______________________________एक संत भिक्षा में मिले अन्न से अपना जीवत चला रहे थे। वे रोज अलग-अलग गांवों में जाकर भिक्षा मांगते थे। एक दिन वे गांव के बड़े सेठ के यहां भिक्षा मांगने पहुंचे। सेठ ने संत को थोड़ा अनाज दिया और बोला कि गुरुजी मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूं। संत ने सेठ से अनाज लिया और कहा कि ठीक है पूछो। सेठ ने कहा कि मैं ये जानना चाहता हूं कि लोग लड़ाई-झगड़ा क्यों करते हैं? संत कुछ देर चुप रहे और फिर बोले कि मैं यहां भिक्षा लेने आया हूं, तुम्हारे मूर्खतापूर्ण सवालों के जवाब देने नहीं आया। ______________________________________ये बात सुनते ही सेठ एकदम क्रोधित हो गया। उसने खुद से नियंत्रण खो दिया और बोला कि तू कैसा संत है, मैंने दान दिया और तू मुझे ऐसा बोल रहा है। सेठ ने गुस्से में संत को खूब बातें सुनाई। संत चुपचाप सुन रहे थे। उन्होंने एक भी बार पलटकर जवाब नहीं दिया। ______________________________________कुछ देर बाद सेठ का गुस्सा शांत हो गया, तब संत ने उससे कहा कि भाई जैसे ही मैंने तुम्हें कुछ बुरी बातें बोलीं, तुम्हें गुस्सा आ गया। गुस्से में तुम मुझ पर चिल्लाने लगे। अगर इसी समय पर मैं भी क्रोधित हो जाता तो हमारे बीच बड़ा झगड़ा हो जाता।______________________________________*शिक्षा:-*क्रोध ही हर झगड़े का मूल कारण है और शांति हर विवाद को खत्म कर सकती है। अगर हम क्रोध ही नहीं करेंगे तो कभी भी वाद-विवाद नहीं होगा। जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो क्रोध को नियंत्रित करना चाहिए। क्रोध को काबू करने के लिए रोज ध्यान करें..!!______________________________________

खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो, सहारे कितने भी भरोसेमन्द हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं।

Saturday 27 November 2021

आता नहीं है मुझे फरेब बेचना !!तभी तो साहब अभी तक फ़कीर हूँ ..

हमेशा याद रखना, बेहतरीनदिनों के लिए बुरे दिनों से लड़नापड़ता है।

सुबह सूर्य की रोशनी में ज्यादा समय बिताने वाले को Stress Dipression कम होता है

खुद से ज्यादासंभाल कर रखता हूँ मोबाइल अपना.. क्योंकि रिश्ते सारे अब इसी में कैद हैं.!

इतने काबिल बनो की कोई आपसे ये ना बोल पाए की मेरे बिना तेरा क्या होगा।

ये तीन चीजें काफी है जिंदगी का सुकून छीनने के लिएझूठा प्यार, मतलबी यार, पंचायती रिश्तेदार

कलयुग है भैया कलयुग झूठे का स्वीकार और सच्चे का शिकार आसानी से होता है.

साँप मेरे ही बिस्तर के नीचे ही नहीं है, साँप तुम्हारे बिस्तर के नीचे भीहै । तुम सो रहे हो क्योंकि नीचेझांका नहीं...मैं बेचैन हूँ क्योंकि झांक कर देख लिया।

Friday 26 November 2021

अरदास करना कभी मत भूलें. अरदास में अपार शक्ति होती है, रोज़ अरदास किया करो... ऐ मेरे सतगुरु जी तेरेहर पल का “शुकराना” हर स्वांस का “शुकराना” हाथ थामने का “शुकराना” सिर पर हाथ रखने का “शुकराना” हर दुख से बचाने का “शुकराना”अंग संग रहने का “शुकराना” अपना बनाने का “शुकराना” जब समस्या भारी हो और आपकी ताकत उसके लिए काफी न होतो परेशान मत होना.. क्योंकि जहाँ हमारी ताकत खत्म होती है, वहां से गुरु की रहमत शुरू होती है।

टेंशन उतनी ही लो जितने में काम हो जाए, उतनी नहीं कि जिन्दगी ही तमाम हो जाए..!

कितने अजीब होते हैं लोग.. गलत साबित होने पर माफ़ी नहीं मांगते बल्कि आपको गलत साबित करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं..

समझनी पड़ती हैं उम्मीदें और परेशानियां भी चंद दीवारों और छत से घर नहीं बनते..

फासलों का अहसास तब हुआ जब मैंने कहाठीक हूँ,और उसने मान लिया..

Thursday 25 November 2021

*अजीनोमोटो* "दिमाग़ को पागल करने का मसाला"*शादी-ब्याह* *दावतों* में भूल कर भी हलवाई को ना देवें !आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में, एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में *मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायनजिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है, का प्रयोग बहुत बढ़ गया है,बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है? *अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* खाना भी अच्छा महसूस होता है। इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं। चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से 1-एलर्जी, 2-पेट में अफारा, 3-सिरदर्द, 4-सीने में जलन, 5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन, 6-माइग्रेन आदि हो सकते है। *अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘*चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।अमेरिका आदि बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है। न जाने *फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है? *सुरक्षित खाद्य अभियान* ("Safe Food Abhiyan")की पाठकों से जोरदार अपील है कि दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा, फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें। कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए ! जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें। *अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*को देंगे ????*सुरक्षित खाद्य अभियान*(Safe Food Abhiyan)द्वारा "विज्ञान प्रगति’ मई-2017"में छपी सामग्री पर आधारित।

भरोसा रखेंजब हम किसी का अच्छा कर रहे होते हैं, तब हमारे लिए भी कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है।

उम्रदराज न बनेंउम्र को दराज़ में रख देंखो जाएं ज़िन्दगी मेंमौत का इन्तज़ार न करेंजिनको आना है आएजिसको जाना है जाएपर हमें जीना हैये न भूल जाएंजिनसे मिलता है प्यारउनसे ही मिलें बार बारमहफिलों का शौक रखेंदोस्तों से प्यार करेंजो रिश्ते हमें समझ सकेंउन रिश्तों की कद्र करेंबंधें नहीं किसी से भीना किसी को बँधने परमजबूर करेंदिल से जोड़ें हर रिश्ताऔर उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहेंहँसना अच्छा होता हैपर अपनों के लियेरोया भी करेंयाद आएं कभी अपने तोआँखें अपनी नम भी करेंज़िन्दगी चार दिन की हैतो फिर शिकवे शिकायतेंकम ही करेंउम्र को दराज़ में रख देंउम्रदराज़ न बनें।........

Wednesday 24 November 2021

#Ardaas 🙏🌹वाहेगुरु जी🌹🙏 *"काश! हम उतना देख पाते"*🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏*मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को पृथ्वी पर भेजा। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था।**देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी जुड़वा लड़कियां एक अभी भी उस मृत स्त्री से लगी हुई चीख रही है, पुकार रही है।* *एक रोते-रोते सो गयी है, उसके आंसू उसकी आंखों के पास सूख गए हैं। और स्त्री मर गयी है, और कोई देखने वाला भी नहीं है। पति पहले ही मर चुका था। परिवार में और कोई भी नहीं है। इन तीन छोटी बच्चियों का क्या होगा?**उस देवदूत को यह खयाल आया , तो वह खाली हाथ वापस लौट गया। उसने जा कर अपने प्रधान को कहा कि मैं न ला सका, मुझे क्षमा करें, लेकिन आपको स्थिति का पता ही नहीं है।* *तीन जुड़वां बच्चियां हैं,* *छोटी-छोटी, दूध पीती। एक अभी भी मृत से लगी है, एक रोते-रोते सो गयी है, दूसरी अभी चीख-पुकार रही है। मेरा हृदय ला न सका।**क्या यह नहीं हो सकता कि इस स्त्री को कुछ दिन और जीवन के दे दिए जाएं? कम से कम लड़कियां थोड़ी बड़ी हो जाएं। और कोई देखने वाला नहीं है।**मृत्यु के देवता ने कहा, तो तुम फिर समझदार हो गया, उससे ज्यादा, जिसकी मर्जी से मौत होती है, जिसकी मर्जी से जीवन होता है!**तो तुमने पहला पाप कर दिया, और इसकी तुझे सजा मिलेगी। और सजा यह है कि तुझे पृथ्वी पर जाना पड़ेगा। और जब तक तुम अपनी मूर्खता पर तीन बार हंस नही लेगा , तब तक वापस नहीं आ सकेगा।**इसे थोड़ा समझना। तीन बार न हंस लेगा अपनी मूर्खता पर, क्योंकि दूसरे की मूर्खता पर तो अहंकार हंसता है। जब तुम अपनी मूर्खता पर हंसते हो तब अहंकार टूटता है।**देवदूत ने बुरा नहीं माना । वह दंड भोगने को राजी हो गया , लेकिन फिर भी उसे लगा कि सही तो मैं ही हूं। और हंसने का मौका कैसे आएगा?**उसे पृथ्वी पर भेज दिया गया।**सर्दियों के दिन करीब आ रहे थे एक जूता कारीगर अपने बच्चों के लिए कोट और कंबल खरीदने शहर गया था,**कुछ रुपए इकट्ठे कर के। जब वह शहर जा रहा था तो उसने राह के किनारे एक नंगे आदमी को पड़े हुए, ठिठुरते हुए देखा।**यह नंगा आदमी वही देवदूत है जो पृथ्वी पर फेंक दिया गया था। उस कारीगर को दया आ गयी। और बजाय अपने बच्चों के लिए कपड़े खरीदने के, उसने इस आदमी के लिए कंबल और कपड़े खरीद लिए।* *इस आदमी को कुछ खाने-पीने को भी न था, घर भी न था, छप्पर भी न था जहां वह रुक सके।* *तो कारीगर ने कहा कि अब तुम मेरे साथ ही आ जाओ। लेकिन अगर मेरी पत्नी नाराज हो, जो कि वह निश्चित होगी, क्योंकि बच्चों के लिए कपड़े खरीदने गया था, वह पैसे तो खर्च हो गए-वह अगर नाराज हो, चिल्लाए, तो तुम परेशान मत होना। थोड़े दिन में सब ठीक हो जाएगा।**उस देवदूत को लेकर कारीगर घर लौटा। न तो कारीगर को पता है कि यह देवदूत घर में आ रहा है, न पत्नी को पता है।* *जैसे ही देवदूत को लेकर कारीगर घर में पहुंचा, पत्नी एकदम पागल हो गयी। बहुत नाराज हुई, बहुत चीखी चिल्लायी और देवदूत पहली दफा हंसा।**कारीगर ने उससे कहा, हंसते क्यों हो, क्या बात है? उसने कहा, मैं जब तक तीन बार हंस न लूंगा तब तक बता नही सकूंगा।**देवदूत हंसा पहली बार, क्योंकि उसने देखा कि इस पत्नी को पता ही नहीं है कि कारीगर देवदूत को घर में ले आया है, जिसके आते ही घर में हजारों खुशियां आ जाएंगी।* *लेकिन आदमी देख ही कितनी दूर तक सकता है!* *पत्नी तो इतना ही देख पा रही है कि एक कंबल और बच्चों के कपड़े नहीं बने। जो खो गया है वह देख पा रही है, जो मिला है उसका उसे अंदाज ही नहीं है। मुफ्त में घर में देवदूत आ गया है।**देवदूत उस कारीगर के घर काम करने लगा , क्योंकि वह देवदूत था, इसलिए वह जल्दी ही सात दिन में ही उसने जूता कारीगर का सब काम सीख लिया।* *और उसके जूते इतने प्रसिद्ध हो गए कि कारीगर महीनों के भीतर धनी होने लगा। आधा साल होते-होते तो उसकी ख्याति सारे लोक में पहुंच गयी कि उस जैसा जूते बनाने वाला कोई भी नहीं, क्योंकि वह जूते देवदूत बनाता था। सम्राटों के जूते वहां बनने लगे।**धन अपरंपार बरसने लगा। एक दिन सम्राट का आदमी आया। और उसने कहा कि यह चमड़ा बहुत कीमती है, आसानी से मिलता नहीं, कोई भूल-चूक नहीं करना।* *जूते ठीक इस तरह के बनने हैं। और ध्यान रखना जूते बनाने हैं, स्लीपर नहीं। क्योंकि इस देश में जब कोई आदमी मर जाता है तब उसको स्लीपर पहना कर मरघट तक लेकर जाते हैं।* *कारीगर ने भी देवदूत को कहा कि स्लीपर मत बना देना।**जूते बनाने हैं, स्पष्ट आज्ञा है, और चमड़ा इतना ही है। अगर गड़बड़ हो गयी तो हम मुसीबत में फंसेंगे।**लेकिन फिर भी देवदूत ने स्लीपर ही बनाए। जब कारीगर ने देखे कि स्लीपर बने हैं तो वह क्रोध से आगबबूला हो गया। वह लकड़ी उठा कर उसको मारने को तैयार हो गया कि तुम मुझे फांसी लगवा दोगे और तुझे बार-बार कहा था कि स्लीपर नहीं बनाने हैं, फिर स्लीपर किसलिए बनाये ?**तभी सम्राट के घर से एक आदमी भागा हुआ आया। उसने कहा, जूते मत बनाना, स्लीपर बनाना ह। क्योंकि सम्राट की मृत्यु हो गयी है।* *भविष्य अज्ञात है। सिवाय उसके और किसी को ज्ञात नहीं।* *और आदमी तो अतीत के आधार पर निर्णय लेता है। सम्राट जिंदा था तो जूते चाहिए थे, मर गया तो स्लीपर चाहिए।**तब वह कारीगर उसके पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा कि मुझे माफ कर दे, मैंने तुझे मारा। पर उसने कहा, कोई हर्ज नहीं। मैं अपना दंड भोग रहा हूं।* *लेकिन वह आज दुबारा हंसा। कारीगर ने फिर पूछा कि हंसी का कारण? उसने कहा कि मैं जब तक तीन बार हंस न लूंगा तब तक नहीं बता सकूंगा।**दुबारा हंसा इसलिए कि भविष्य हमें ज्ञात नहीं है। इसलिए हम इच्छा रखते हैं जो कि व्यर्थ हैं।* *हम इच्छा करते हैं जो कभी पूरी न होंगी। हम मांगते हैं जो कभी नहीं होगा। क्योंकि कुछ और ही घटना तय है। हमसे बिना पूछे हमारी नियति घूम रही है।* *और हम व्यर्थ ही बीच में शोरगुल मचा रहे हैं। चाहिए स्लीपर और हम जूते बनवाते हैं। मरने का वक्त करीब आ रहा है और हम जिंदगी का आयोजन करते हैं।**तो देवदूत को लगा कि वे बच्चियां! मुझे क्या पता, उनका भविष्य क्या होने वाला है? मैं नाहक बीच में आया।**और तीसरी घटना घटी कि एक दिन तीन जवान लड़कियां आयीं।* *उन तीनों की शादी हो रही थी। और उन तीनों ने जूतों के आर्डर दिए कि उनके लिए जूते बनाए जाएं। एक बूढ़ी महिला उनके साथ आयी थी जो बड़ी धनी थी।* *देवदूत पहचान गया, ये वे ही तीन लड़कियां हैं, जिनको वह मृत मां के पास छोड़ गया था और जिनकी वजह से वह दंड भोग रहा है। वे सब स्वस्थ हैं, सुंदर हैं।* *उसने पूछा कि क्या हुआ? यह बूढ़ी औरत कौन है? उस बूढ़ी औरत ने कहा कि ये मेरी पड़ोसिन की लड़कियां हैं। वो एक गरीब औरत थी, उसके शरीर में दूध भी न था। उसके पास पैसे-लत्ते भी नहीं थे। और तीन बच्चे जुड़वां। वह इन्हीं को दूध पिलाते-पिलाते मर गयी।* *लेकिन मुझे दया आ गयी, मेरे कोई बच्चे नहीं थे, और मैंने इन तीनों बच्चियों को पाल लिया।**अगर मां जिंदा रहती तो ये तीनों बच्चियां गरीबी, भूख और दीनता और दरिद्रता में बड़ी होतीं।* *मां के मरने के बाद ये बच्चियां तीनों बहुत बड़े धन-वैभव में, संपदा में पलीं।**और अब उस बूढ़ी की सारी संपदा की ये ही तीन मालिक हैं और इनका बड़े खानदानी परिवार में विवाह हो रहा है।**देवदूत तीसरी बार हंसा। और कारीगर को उसने कहा कि ये तीन कारण हैं।* *भूल मेरी थी। नियति बड़ी है।* *और हम उतना ही देख पाते हैं, जितना हमारे सामने हैं। जो होने वाला ह वो हम नहीं देख पाते,**और हम जो देख पाते हैं उससे हम कोई अंदाज नहीं लगा सकते, की आगे क्या होने वाला है**मैं अपनी मूर्खता पर तीन बार हंस लिया हूं। अब मेरा दंड पूरा हो गया और अब मैं जाता हूं।**हम अगर अपने को बीच में लाना बंद कर दे, तो हमे मार्गों का मार्ग मिल जायेगा। फिर असंख्य मार्गों की चिंता न करनी पड़ेगी।* *छोड़ दो उस पर। वह जो करवा रहा है, जो अब तक करवाया है उसके लिए धन्यवाद* *जो अभी करवा रहा है, उसके लिए धन्यवाद। जो वह कल करवाएगा, उसके लिए धन्यवाद।**ईश्वर की लीला है!**होगा वही जो वो चाहेगा..!!* 🙏🌹धन गुरु नानक🌹🙏 #अरदास

जिन्दगी जब कठिन समय में नाच नचाती है तो..विडम्बना ये होती है की ढोलक बजाने वाले आपके अपने जान पहचान वाले ही होते हैं।

कोई बुरा तब ही बनता है जब वो अच्छा बन कर टूट चुका होता है।

एक डाल दो पंछी बैठा,कौन गुरु कौन चेला,गुरु की करनी गुरु भरेगा,चेला की करनी चेला रे साधु भाई,उड़ जा हंस अकेला ॥माटी चुन चुन महल बनाया,लोग कहे घर मेरा,ना घर तेरा ना घर मेरा,ना घर तेरा ना घर मेरा,चिड़िया रैन बसेरा रे साधुभाई,उड़ जा हंस अकेला ॥मात कहे ये पुत्र हमारा,बहन कहे ये वीरा,भाई कहे ये भुजा हमारी,भाई कहे ये भुजा हमारी,नारी कहे नर मेरा रे साधुभाई,उड़ जा हंस अकेला ॥पेट पकड़ के माता रोई,बांह पकड़ के भाई,लपट झपट के तिरिया रोये,लपट झपट के तिरिया रोये,हंस अकेला जाई रे साधुभाई,उड़ जा हंस अकेला ॥कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,जोड़ भरेला थैला,कहत कबीर सुनो भाई साधो,कहत कबीर सुनो भाई साधो,संग चले ना ढेला रे साधुभाई,उड़ जा हंस अकेला ॥एक डाल दो पंछी बैठा,कौन गुरु कौन चेला,गुरु की करनी गुरु भरेगा,चेला की करनी चेला रे साधु भाई,उड़ जा हंस अकेला ॥

Monday 22 November 2021

खुद को माचिस की तिली की तरह मत बनाओ,जो थोड़े से घर्षण से सुलग जाती है। बनाना है तो खुद को शांत सरोवर की तरह बनाओ ,जिसमें अगर कोई अंगारा भी फेंके तो वो भी बुझ जाए।

एक सच ये भी"लोग समझते हैं, कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ होते हैं,,,! "जबकि सच्चाई यह है, कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ नही होते, "वे बखूबी ये जानते हैं, कि लोग उनके साथ क्या कर रहे हैं"पर हर बार लोगों को माफ करना* ,,,! "यह जाहिर करता है, कि वो एक खूबसूरत “दिल” के मालिक हैं, और वे "रिश्तों" को सँभालना बखूबी जानते हैं

एक सच ये भी"लोग समझते हैं, कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ होते हैं,,,! "जबकि सच्चाई यह है, कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ नही होते, "वे बखूबी ये जानते हैं, कि लोग उनके साथ क्या कर रहे हैं"पर हर बार लोगों को माफ करना* ,,,! "यह जाहिर करता है, कि वो एक खूबसूरत “दिल” के मालिक हैं, और वे "रिश्तों" को सँभालना बखूबी जानते हैं

बाजार से सबकुछ मिल जाता है पर मां जैसी जन्नत और बाप जैसा साया कभी नहीं मिलता

गलती "पीठ की तरह होती हैं औरो की दिखती हैं पर अपनी नहीं।

Sunday 14 November 2021

लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों..! किसी को पता नहीं, सांसों की मोहलत कहां तक है..!!

7 Rules of Life1. Make peace with your past so it won't disturb your future.2. What other people think of you is none of your business.3. The only person in charge of your happiness is you.4. Don't compare your life to others, comparison is the thief of joy.5. Time heals almost everything. Give it time.6. STOP thinking so much. Its alright not to know all the answers.7. Smile. You don't own all the problems in the world.

जीवन का कड़वा सत्य..84 लाख योनियो में,एक इंसान ही पैसा कमाता है ।अन्य कोई जीव कभीभूखा नहीं मरा,और इंसान जिसका कभीपेट नहीं भरा !!!

मूर्खों को कभी भूलकर भी ज्ञान नही देना चाहिए,वो उनके लिए विष के समान कड़वा होता है ।

चार दिन की जिंदगी हंसी खुशी में काट ले, मत किसी का दिल दुखा दर्द सबके बांट ले, कुछ नहीं साथ जाना एक नेकी के सिवा कर भला होगा भला, गांठ में ये बांध ले..

Friday 12 November 2021

Wednesday 10 November 2021

समय बलवान होता है जो व्यक्ति को कभी मगरूर तो कभी मजबूर बना देता है! यदि तुम्हारा समय बलवान है तो अहंकार से बचो। यदि समय खराब है तो बुरी संगति से बचो।

कुछ रिश्ते आजकल उस रास्ते जा रहे है, जिस रास्ते पर.. ना तो साथ छोड़ रहे हैं, ना ही साथ निभा रहे है, ना खामोश हैं और ना ही ढंग से बोल पा रहे हैं..

कितना सुंदर लिखा है किसी ने। प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी में जहर था... पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते! बस यही दो मसले जिंदगीभर ना हल हुए!!! ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!! वक़्त ने कहा- काश थोड़ा और सब्र होता !!! सब्र ने कहा.....काश थोड़ा और वक़्त होता!!! "शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हूँ कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता..

Monday 8 November 2021

*दु:ख भुगतना ही, कर्म का कटना है. हमारे कर्म काटने के लिए ही हमको दु:ख दिये जाते है. दु:ख का कारण तो हमारे अपने ही कर्म है, जिनको हमें भुगतना ही है। यदि दु:ख नही आयेगें तो कर्म कैसे कटेंगे?* *एक छोटे बच्चे को उसकी माता साबुन से मलमल के नहलाती है जिससे बच्चा रोता है. परंतु उस माता को, उसके रोने की, कुछ भी परवाह नही है, जब तक उसके शरीर पर मैल दिखता है, तब तक उसी तरह से नहलाना जारी रखती है और जब मैल निकल जाता है तब ही मलना, रगड़ना बंद करती है।* *वह उसका मैल निकालने के लिए ही उसे मलती, रगड़ती है, कुछ द्वेषभाव से नहीं. माँ उसको दु:ख देने के अभिप्राय से नहीं रगड़ती, परंतु बच्चा इस बात को समझता नहीं इसलिए इससे रोता है।* *इसी तरह हमको दु:ख देने से परमेश्वर को कोई लाभ नहीं है. परंतु हमारे पूर्वजन्मों के कर्म काटने के लिए, हमको पापों से बचाने के लिए और जगत का मिथ्यापन बताने के लिए वह हमको दु:ख देता है।* *अर्थात् जब तक हमारे पाप नहीं धुल जाते, तब तक हमारे रोने चिल्लाने पर भी परमेश्वर हमको नहीं छोड़ता ।* *इसलिए दु:ख से निराश न होकर, हमें मालिक से मिलने के बारे मे विचार करना चाहिए और भजन सुमिरन का ध्यान करना चाहिए..!!* *🙏🙏🏿 राधा स्वामीजी

कड़वा सत्य"किसी भी व्यक्ति को ज्यादा सुधारना चाहोगे तो वो आपका दुश्मन बन जाएगा" !!

किसी को इतना भी मजबूर ना करो कि, वो अपनी चुप्पी तोड़ कर तुम्हारी धज्जियां उड़ा दे..

जहाँ अपना वश नहीं,वहाँ मोह करना ही दुःख है..।

Sunday 7 November 2021

*Positive Thinking*एक महिला की आदत थी, कि वह हर रोज सोने से पहले, अपनी दिन भर की खुशियों को एक काग़ज़ पर, लिख लिया करती थीं.... एक रात उन्होंने लिखा :*मैं खुश हूं,* कि मेरा पति पूरी रात, ज़ोरदार खर्राटे लेता है. क्योंकि वह ज़िंदा है, और मेरे पास है. ये ईश्वर का, शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि मेरा बेटा सुबह सबेरे इस बात पर झगड़ा करता है, कि रात भर मच्छर - खटमल सोने नहीं देते. यानी वह रात घर पर गुज़रता है, आवारागर्दी नहीं करता. ईश्वर का शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि, हर महीना बिजली, गैस, पेट्रोल, पानी वगैरह का, अच्छा खासा टैक्स देना पड़ता है. यानी ये सब चीजें मेरे पास, मेरे इस्तेमाल में हैं. अगर यह ना होती, तो ज़िन्दगी कितनी मुश्किल होती ? ईश्वर का शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि दिन ख़त्म होने तक, मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है. यानी मेरे अंदर दिन भर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत, सिर्फ ईश्वर की मेहर से है..*मैं खुश हूं,* कि हर रोज अपने घर का झाड़ू पोछा करना पड़ता है, और दरवाज़े -खिड़कियों को साफ करना पड़ता है. शुक्र है, मेरे पास घर तो है. जिनके पास छत नहीं, उनका क्या हाल होता होगा ? ईश्वर का, शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि कभी कभार, थोड़ी बीमार हो जाती हूँ. यानी मैं ज़्यादातर सेहतमंद ही रहती हूं. ईश्वर का, शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि हर साल त्यौहारो पर तोहफ़े देने में, पर्स ख़ाली हो जाता है. यानी मेरे पास चाहने वाले, मेरे अज़ीज़, रिश्तेदार, दोस्त, अपने हैं, जिन्हें *तोहफ़ा दे सकूं. अगर ये ना हों, तो ज़िन्दगी कितनी बेरौनक* हो..? ईश्वर का, शुक्र है..*मैं खुश हूं,* कि हर रोज अलार्म की आवाज़ पर, उठ जाती हूँ. यानी मुझे हर रोज़, एक नई सुबह देखना नसीब होती है. ये भी, ईश्वर का ही करम है.._*जीने के इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए, अपनी और अपने लोगों की ज़िंदगी, सुकून की बनानी चाहिए. छोटी या बड़ी परेशानियों में भी, खुशियों की तलाश करिए, हर हाल में, उस ईश्वर का शुक्रिया कर, जिंदगी खुशगवार बनाए..,!!!!*_🙏🙏🙏🌹🌹Think Positive in each & every situation.

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो,तो भी एक अच्छा जूता पहनकरउस पर चला जा सकता है....लेकिन यदि एक अच्छे जूते, के अंदर एक भी कंकड़ हो तो,एक अच्छी सड़क पर भी,कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।यानी........"बाहर की चुनौतियों से नहीं, हम अपनी अंदर की कमजोरियों, से हारते है।:)

प्रार्थना से परिस्थिति बदले ना बदले पर व्यक्ति का चरित्र अवश्य बदल जाता है..

प्रार्थना से परिस्थिति बदले ना बदले पर व्यक्ति का चरित्र अवश्य बदल जाता है..

किसी के मीठे बोल हैं... किसी के नियत में झोल है, साहब! ये दुनिया गोल है... यहां सबके डबल रोल हैं !!

जिस पर तुम्हारा वश नहीं, उसके लिये दुख करना बंद कर दो।

साथ रहने का हुनर ताले से सीखिए, टूट जायेगा मगर चाबी नहीं बदलेगा.

हालात सिखाते है बातें सुनना और सहना, वरना हर शख्श फितरत से बादशाह ही होता है ।

कहो उसी से जो कहे नाकिसी से ..मांगो उसी से जो दे दे खुशी से ..चाहो उसे जो मिले नसीब से ...दोस्ती करो उसी से जो निभाए खुशी से।

Wednesday 3 November 2021

मां-बाप साथ हैं तो रोज * धनतेरस*, जीवनसाथी साथ है तो रोज *रूप चौदस* बच्चे साथ हैं तो रोज *दिवाली. * पति-पत्नी साथ हैं तो रोज * सुहाग पड़वा और भाई-बहन साथ हैं तो रोज *भाई-दूज*. *महापर्व दिपावली आगमन की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ.*

सुख समृद्धि मिले आपको इस दीवाली पर,दुख से मुक्ति मिले इस दीवाली पर,माॅं लक्ष्मी का आशीर्वाद हो आपके साथ,और लाखों खुशियां मिलें इस दीवाली पर..!शुभ दीवाली !

मुस्कुराते हँसते दीप तुम जलाना,जीवन में नई खुशियों को लाना,दुःख दर्द अपने भूल कर, सबको गले लगाना।शुभ दिवाली

मन के सारे राज हर किसी को बताना अनुचित है क्योंकि कब मित्र शत्रु बन जाये कह नहीं सकते..

दीप जगमगाते रहें,सबके घर झिलमिलाते रहें,साथ हों सब अपने,सब यूँ ही मुस्कुराते रहें।शुभ दिवाली

Tuesday 2 November 2021

आप सब को धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं🌹धनतेरस के दिन गेहूं खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है गेहूं को दूसरे रूप में सोना भी माना जाता हैइस दिन चने की दाल भी खरीदे.. इसके अलावा चावल चांदी का ही दूसरा रूप माना जाता है तो आज के दिन अक्षत यानी टूटे हुए चावल नहीं होने चाहिए आप साबुत चावल ..अच्छी किस्म के चावल जरूर खरीदें और इसको भी पूजा स्थान में..धन्तेरस और दिवाली के दिन जरूर रखें आप हल्दी खरीद सकते हैं और हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर... चाहे साबुत हल्दी या पीसी हुई हल्दी खरीद कर भी अपनी पूजा स्थान में रखें इस दिन शहद खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है आप सोना चांदी की बहुमूल्य वस्तुएं खरीदें लेकिन साथ ही इन वस्तुओं को भी अपने घर में जरूर स्थान देंगेहूं चावल हल्दी मीठा जो भी आप खरीद रहे हैं उसे आप इस्तेमाल कीजिए पूजा करने के बाद यह किसी को भी आपने दान में नहीं देना है बल्कि अपने घर के राशन में इन चीजों को स्थापित कर देना है..खरीदने का शुभ समय शाम 6.15 से 8.22 मिन्ट तक का है.. जय माँ कालिका जी जय जय काली.. काली महाकाली जय काली काली.. महा सरस्वती जय काली काली.. महा लक्ष्मी जी 🙏🌹

शुक्रिया.उन लोगों का जो मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि उन्होंने मुझे मज़बूत बनाया । शुक्रिया उन लोगों का जो मुझसे प्यार करते हैं क्योंकि उन्होंने मेरा दिल बड़ा कर दिया।शुक्रिया उन लोगों का जो मेरे लिए परेशान हुए और मुझे बताया कि दर असल वो मेरा बहुत ख्याल रखते हैं।शुक्रिया उन लोगों का जिन्होंने मुझे अपना बना के छोड़ दिया और एहसास दिलाया कि दुनियां में हर चीज आखरी नहीं।शुक्रिया उन लोगों का जो मेरी जिंदगी में शामिल हुए और मुझे ऐसा बना दिया जैसा सोचा भी न था। और ज़्यादा शुक्रियामेरे रब का जिसने हालात का सामना करने की हिम्मत दी।

Sunday 31 October 2021

कभी किसी को छोटा न समझिए, हजारों के कपड़े शोरूम में लटकते रह गए और छोटा सा मास्क करोड़ों का व्यापार कर गया।

खुद का माइनस पॉइंट मालूम होना भी Post of बहुत बड़ा Indianप्लस पॉइंट होता है.

पैसों की कीमत तभी पता चलती है, जब खुद कमानापड़ता है..

उत्साह जैसा बल नहीं, धैर्य जैसा मित्र नहीं, संतोष जैसा धन नहीं और अनुभव जैसा गुरु नहीं।

न शिकायत किसी से ना किसी से अनबन है, बस अब जिंदगी में थोड़ा अकेले चलने का मन है..

न शिकायत किसी से ना किसी से अनबन है, बस अब जिंदगी में थोड़ा अकेले चलने का मन है..

Friday 29 October 2021

अगर आप अकेले पड़ गए हैं तो परेशान मत होइए क्योंकि अकेला वही होता है जो जीवन में सही फैसले लेता है।

अगर आप अकेले पड़ गए हैं तो परेशान मत होइए क्योंकि अकेला वही होता है जो जीवन में सही फैसले लेता है।

कुछ लोग कुछ भी नहीं करते मगर लोग उनसे खुश रहते हैं, और कुछ जान निकालकर हथेली पर भी रख दे तो भी उनकी कदर नहीं होती।

अगर आपकी बहस बदतमीज इंसान से हो तो हार मान लेनी चाहिएक्योंकि आपकी आवाज कितनी ही दमदार हो.. आप एक कुत्ते से अच्छा नहीं भौक सकते

Wednesday 27 October 2021

कभी कभी रिश्ता बचाने के लिए बिना गलती के भी गलती माननी पड़ती है..

किसी को इतना भी नजरअंदाज मत करो कि वो तुम्हे मनाने के बजाए तुम्हारे बिना रहना सीख जाए

किसी को इतना भी नजरअंदाज मत करो कि वो तुम्हे मनाने के बजाए तुम्हारे बिना रहना सीख जाए

यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितने साधन है, जब तक कि आपको उनका उपयोग करना हीनहीं आता।

अच्छे दिल के लोग बहुत सस्ते होते है,, जरा सा मीठा बोलते हीबिक जाते है!

Tuesday 19 October 2021

कुछ लोग आपसे इसलिए भी नफ़रत करने लग जाते हैं क्योंकि आपकी सही बात उन्हें कड़वी लग जाती है,,।

*ज़िन्दगी से लम्हे चुरा* *बटुए में रखती रही!**फुरसत से खर्चूँगी**बस यही सोचती रही।* *उधड़ती रही जेब**करती रही तुरपाई**फिसलती रही खुशियाँ**करती रही भरपाई।**इक दिन फुरसत पायी**सोचा .......**खुद को आज रिझाऊं**बरसों से जो जोड़े**वो लम्हे खर्च आऊं।**खोला बटुआ..लम्हे न थे**जाने कहाँ रीत गए!**मैंने तो खर्चे नही**जाने कैसे बीत गए !!* *फुरसत मिली थी सोचा* *खुद से ही मिल आऊं।**आईने में देखा जो**पहचान ही न पाऊँ।**ध्यान से देखा बालों पे**चांदी सी चढ़ी थी,**थी तो मुझ जैसी पर**जाने कौन खड़ी थी।* *(हम सब की कहानी )*

जमाने मे आये हो तो जीने का हुनर रखना दुश्मनों से कोई खतरा नहीं अपनों पर नज़र रखना

Sunday 17 October 2021

किसी के प्रति मन में क्रोध लिये रहने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है... जैसे क्षण भर में जल जाना देर तक सुलगने से अधिक अच्छा है..।

उधार दीजिए मगर सोच समझकर, अपने ही पैसे भिखारी बनकर मांगने पड़ते हैं... और अगला सेठ बनकर तारीख पर तारीख देता है.. बात कड़वी जरूर है पर सच्ची है!

Always pray. It's the most powerful tool against worry, doubt, and fear.

जो चीज आपको challenge करती हैं वहीं आपको change करती हैं।

अरमान ही, बरसों तक जला करते हैं, यारों..इंसान तो बस, इक पल में खाक हो जाता है...

Friday 15 October 2021

Monday 11 October 2021

People who start crying while expressing their feelings are the most innocent creatures on earth. So never hurt them.

इस दुनिया में सच कहना दुश्मन बनाना है। इस दुनिया में किसी से भी सच कहना दुश्मन बनाना है। झूठ बड़ी मित्रताएं स्थापित करता है। कभी एक दफा देखें, चौबीस घण्टे तय कर लें कि सच ही बोलेंगे! आप पाएंगे सब मित्र विदा हो गए। चौबीस घंटा, इससे ज्यादा नहीं। पत्नी अपना सामान बांध रही है, लड़के-बच्चे कह रहे हैं: नमस्कार मित्र कह रहे हैं कि तुम ऐसे आदमी थे! सारा जगत शत्रु हो जायेगा।- ओशो

बेचैनियाँ बाजारों में नहीं मिला करती, मेरेदोस्त....!इन्हें बाँटने वाला कोई बहुत नजदीक का होता है।

बेचैनियाँ बाजारों में नहीं मिला करती, मेरेदोस्त....!इन्हें बाँटने वाला कोई बहुत नजदीक का होता है।

आमदनी कम हो तो ख़र्चों पर क़ाबू रखिए.. जानकारी कम हो तो लफ़्ज़ों पर क़ाबू रखिए।

Saturday 2 October 2021

कभी कभार हमें सही होने के बावजूद भी चुप रहना पड़ता है इसलिए नहीं कि हम डरते है बल्कि इसलिए कि रिश्ते हमें बहस से ज्यादा प्यारे होते है

आग लगी थी मेरे घर में, सब जानने वाले आए, हाल पूछा ओर चले गए।एक सच्चे दोस्त ने पूछा क्या क्या बचा है..? मैने कहाँ· कुछ नहीं सिर्फ मै बच गया हूँ!उसने गले लगाकर कहा..तो फिर जला ही क्या है..?

सब को खुश रखना मेढकों को तोलने जैसा है.. एक को बिठाओ तो दूसरा कूद जाता है ।

मेरी गलतियां मुझसे कहो, दूसरों से नहीं, क्यूंकि सुधरना मुझे है, दूसरों को नहीं..

Thursday 30 September 2021

किसी ने ईश्वर से पूछा आपके सबसे नज़दीक कौन है! ईश्वर ने कहा वो इंसान जिसके पास बदला लेने की शक्ति हो और उसने फिर भी माफ़ कर दिया हो..

मैंने सबसे ज्यादा धोखा अपनी अच्छाई से खाया है, सामने वाले को वैसा ही मान लिया जैसा दिखा, लेकिन बाद में पता चला की यहां लोग रावण से भी ज्यादा चेहरे लिए फिरते हैं..

अनुभव कहता है खामोशियाँ ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं.. जिंदगी गुजर गयी.. सबको खुश करने में.. जो खुश हुए वो अपने नहीं थे, जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए..कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब.. बदलता ज़रूर है..

अगर लोगसिर्फ जरूरत पर ही आपको याद करते हैं,तो उन्हेंगलत मत समझिये,क्योंकिआप उनकी जिन्दगी कीवो रोशनी की किरण हैं,जो उन्हें सिर्फ अन्धेरोंमें ही दिखाई देती है।

Wednesday 29 September 2021

सही प्रशंसा व्यक्ति का हौंसला बढ़ाती है,अधिक प्रशंसा व्यक्ति को लापरवाह बनाती है ।

समय जब पलटता है तो सब कुछ पलट देता है, इसलिए अच्छे समय में घमंड ना करें और बुरे वक्त में सब्र ना छोड़े..

किसी भी व्यक्ति कीसहनशीलताएक खींचे हुए रबड़ की तरह होती है।एक सीमा से ज्यादा खींच जाने पर उसका टूटना तय है।

पलट कर ना बोलने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि जवाब नहीं हैमेरे पास...मगर कई बार रिश्ते को जिताने के लिए खुद का खामोश रहकर हार जाना बेहतर होता है।

बेहतर को छीन कर बेहतरीन देना जानता है, वो ईश्वर है आपका अच्छा बुरा आपसे बेहतर जानता है..

Monday 27 September 2021

स्त्रियों के लिए सुकून क्या हैजब पति कानों में आकर कहे आज तुम अच्छी लग रही हो वह सुकून है।जब बेटा पेट भर खाना खालेवह सुकून है।जब बेटी कहे आज तुम बैठो खाना मैं पकाती हूं वह सुकून है।जब ससुर कहे आज खाना खाकर मजा आ गया। वह सुकून है।जब सास कहे बस बहुत हुआ अब थोड़ा आराम कर ले वह सकून है।

कंधे पर बैग आज भी है बस फर्क इतना है ,कि पहले किताबें लेकर घूमते थे और आज जिम्मेदारियां लेकर घूमते हैं

अपनी हैसियत पर कभी अभिमान मत करना दोस्तों.....उड़ान ज़मीन से शुरू और ज़मीन पर ही ख़त्म होती है.......

नसीहतवह सच्चाई है, जिसे हम कभी गौर से नहीं सुनते.. और'तारीफवह धोखा है, जिसे हम पूरे ध्यान से सुनते हैं!'

खुद से बहस करोगे तो, सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे; अगर दूसरों से बहस करोगे तो, और नये सवाल खड़े हो जायेंगे।

सोच और नियत अच्छी रखिए... फिर आपके कष्ट प्रभु स्वयं दूर कर देंगे...।

Thursday 23 September 2021

एक औरत की कमी तब अखरती हैजब वो चली जाती है, ❤️और वापस लौट कर नहीं आतीछत पर लगे जाले व आँगन की धूलहटाने में संकोच आता है।" तुम्हारी ये सफाई " कहने का मौकानहीं मिल पाता !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब कालरों की मैल छुटाने मेंपसीना छूट जाता हैचूडियां साथ में नहीं खनकतीउसका "मेहनतकश" होना याद आता है !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब घर में देर से आने पररोटियां ठंडी हो जाती है सब्जियों मेंतुम्हारी पसंद का जायका नहीं रहताऔर तुमसे यह कहते नही बनता"मुझे ये पसंद नहीं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब बच्चा रात को ज़ोर से रोता हैआप अनमने से उठ जाते होऔर यह नहीं कह पाते"कितनी लापरवाह हो तुम"!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप रात में अकेले सोते हैंकरवट बदलते रहते हैं बगल मेंपर हाथ धरने पर कुछ नहीं मिलता!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब त्यौहारों के मौसम मेंनयी चीज़ों के लिए कोई नहीं लड़ताऔर तुमसे ये कहते नही बनता"और पैसे नहीं हैं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप गम के बोझ तले दबे होते हैं ,निपट अकेले रोते हैंऔर आपके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं होताआप किसी से कुछ नहीं कह पातेहाँ, औरत की कमी तब अखरती जरूर है...

10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मामी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बापअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।🙏

किसी के साथ गलत करके अपनी बारी का इंतजार जरुर करना !!

जीवन "गणित" है। सांसें "घटती" हैंअनुभव "जुड़ते" है। अलग अलग "कोष्ठकों" में 'बंद हम 'बुनते रहते हैं "समीकरण" ।लगाते रहते हैं , "गुणा"- "भाग" जबकिअंतिम सत्य "शून्य है.

जितने अच्छे सेआप दूसरों से, दूसरों की स्त्रियों से, दूसरों के माँ-बाप से, दूसरों के बच्चों से बात करते हैं, उतने ही अच्छे से यदि अपनों से बात करने लगें तो घर में ही स्वर्ग उतर आये।

याद रखना, सपने तुम्हारे हैं, तो पूरा भी तुम ही करोगे । न ही हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे और न लोग..

Monday 20 September 2021

कोई भी कारण हो, कोई भी बात हो, चिढ़ो मत - गुस्सा मत करो, जोर से मत बोलो, मन शांत रखो, विचार करो - फिर निर्णय लो, आवाज से आवाज नही मिटती, बल्कि चुप्पी से मिटती है, आप गुस्सा करेंगे तो तकलीफ सिर्फ आपको होगी, दुःख भी आपको ही होगा। मन शांत रखेंगे तो सुख भी आपको ही मिलेगा।

आप किसी के लिए चाहे,अपना वजूद दांव पर लगा दो। वह तब तक आपका हैं,जब तक आप उसके काम के हो। जिस दिन आप उसके काम के नहीं रहोंगे। या कोई गलती कर दोगे, उस दिन वो आपकी सारी #अच्छाईयाँ भूलकर अपनी फितरत दिखा देता हैं।

जिन्दगी ऐसी जिओ कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें’

अगर आप क्रोध के समय थोड़ा सा धैर्य रख लें, तो कम से कम आप सौ दुःख भरे दिनों से बच सकते हैं..।

Sunday 19 September 2021

किसी के दिल को इतना मत दुखाओ की, उसके अंदर रहने वाला परमात्मा भीदुःखी हो उठे..

अँधेरे में अपनी छाया भी साथ नहीं देती, बुढ़ापे में अपनी काया भी साथ नहीं देती, सारा जीवन दाव पर लगा दिया जिसके लिए अंत समय में वो माया भी साथ नहीं देती.।

जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है, इसलिए स्वयं को अधिक तनावग्रस्त न करे , क्योंकि परिस्थितियां चाहे कितनी भी खराब क्यों न हों लेकिन बदलेंगी जरूर..।

वक़्त कभी एक जैसा नहीं रहता , उन्हें रोना भी पड़ता है जी बेवजह दूसरों को रुलाते हैं..।

Friday 17 September 2021

मिटाने से मिटते नहीं ये भाग्य के लेख... कर्म अच्छे करता चल... फिर ईश्वर की महिमा देख.।

तरक्की की फसल, हम भी काट लेते, थोडे से तलवे, अगर हम भी चाट लेते....बस मेरे लहजे में, "जी हुजूर" न था, इसके अलावा, मेरा कोई कसूर न था..अगर पल भर को भी, मैं बे-जमीर हो जाता, यकीन मानिए, मै कब का अमीर हो जाता.

बहुत ही सुन्दर वर्णन है.मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....अभिमान मर जाएगा आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....पत्थर दिल पिघल जाएगा दांतों को आराम देकर देखिए...स्वास्थ्य सुधर जाएगा जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए..... क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए... खुशियों का संसार नज़र आएगा.।

जो अपना न हुआ उस पर कभी हक ना जताना और जो समझ ना सके उसे कभी दुःख नाबताना..

Thursday 16 September 2021

वक्त कभी भी,“सबूत” या “गवाह” नहीं मांगता, वो तो सीधा फैसला सुनाता है।

'ईमानदारी' एक महंगा शौक हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं हैं..

पति के लिए पत्नी से बढ़कर... और पत्नी के लिए पति से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो सकता..! अगर आपस में मशवरा करके जिंदगी के फैसले मिल कर लिए जाएं तो पूरी जिंदगी सकून से गुजरेगी..!!

पति के लिए पत्नी से बढ़कर... और पत्नी के लिए पति से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो सकता..! अगर आपस में मशवरा करके जिंदगी के फैसले मिल कर लिए जाएं तो पूरी जिंदगी सकून से गुजरेगी..!!

क्रोध में भी शब्दों का चुनाव ऐसा होना चाहिए किकल जब गुस्साउतरे तोखुद की नजरों में शर्मिंदा न होना पड़े

कभी कभी कुदरत हमें जान-बूझकर मुश्किल हालातों में डालती है ताकि उन लोगों के चेहरों पर लगे नक़ाब देख सके जिन पर हम आंख बंद कर भरोसा करते है।

Tuesday 14 September 2021

ताश के पत्तों में इक्का और ज़िंदगी में सिक्का,जब चलता है तो दुनिया सलाम ठोकती है…

जो हद से बढ़ जाए वो सिर्फ बर्बादी ही लाता है..फिर वो चाहे भरोसा" हो या "गुरूर"

जब से लोग बुजुर्गों की इज्जत कम करने लगे हैं तब से लोग दामन में अपने दुआएं कम, और दवाएं ज्यादा भरने लगे हैं....

जब लड़का शादी कर के अपने घरपहुँचा, तो सबने पूछा क्या क्या मिला है दहेज में, कुछ देर तो लड़का चुप रहा, फिर जब उसे अपनी दुल्हन की रोने की आहट हुयी तो उससे रहा नहीं गया, ओ बोला, आज मै दुनिया का अमीर आदमी बन गया, एक बाप ने मुझे अपनी जान से भी प्यारी बेटी दे दी, एक भाई ने अपनी हमजोली दे दी, एक बहन ने अपनी परछाई दे दी, और तो और एक माँ जो दुनिया को सबकुछ दे सकती हैं पर अपनी संतान नहीं ओ माँने अपने आँचल में खेली गुड़िया दे दी, और क्या चाहिए मुझे।

कड़वा सचहम उन्हे ही रुलाते हैं, जो हमारी परवाह करते हैं..( माता / पिता / पत्नी)हम उनके लिए रोते है, जो हमारी परवाह नहीं करते..(औलाद)और हम उनकी परवाह करते हैं, जो हमारे लिए कभी भी नहीं रोयेगें ...! (समाज)

Sunday 12 September 2021

कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिये क्योंकि किसी बीमार को देख कर स्वयं को बीमार कर लेना, यह समझदारी नहीं मूर्खता है..

कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिये क्योंकि किसी बीमार को देख कर स्वयं को बीमार कर लेना, यह समझदारी नहीं मूर्खता है..

आखिर लोग ऐसे क्यों होते हैं, जब उन्हें अपने मतलब की बात करनी होती है तो वह कितने अच्छे से बात करते हैं। और जब मतलब नहीं होता है तो अंदाज ही बदल लेते हैं..।

परवाह मत करो कि लोग क्या सोचेंगे और क्या कहेंगे। उसी राह चलो जो सीधी और साफ हो।

सांसों का रूक जाना ही मृत्यु नहीं है! वह व्यक्ति भी मरा हुआही है , जिसने गलत को गलत कहने की हिम्मत खो दी है!

नदी जब निकलती है कोई नक्शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है ? बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है। ऐसा नहीं है कि नदी कुछ नहीं करती । उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है। इसीलिए "कर्म" करते रहिये, नवशा तो भगवान पहले ही बना कर बैठे हैं , हमको तो सिर्फ "बहना" ही है |

कभी कभी दिमाग कहता है कि, लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करूँ, जैसा वो हमारे साथ करते हैं। लेकिन फिर दिल कहता है , की अगर हम भी उनके जैसे बन गए , तो उनमें और हम में फर्क क्या रह जाएगा..।

Saturday 11 September 2021

देना शुरू कर दो तो आना खुद शुरू हो जाएगा, इज्जत भी और दौलत भी..

जिस इंसान की सोच और नियत अच्छी होती है , भगवान उसकी मदद करने किसी न किसी रूप में जरूर आते हैं..।

ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे.....कोई तोहफा ना मिला आज तक,और आज फूल ही फूल दिये जा रहे थे.......तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये,और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे......दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे......आज पता चला कि मौत कितनी हसीन होती है, कमबख्त हम तो यूँ ही ज़िन्दगी जीये जा रहे थे.....!!

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना तुम लोग , क्योंकि शेर तब भी खतरनाक होता है, जब वो दहाड़ता नहीं.।

Wednesday 8 September 2021

खुली किताब थे हम... अफसोस कि अनपढ़ के हाथ में थे हम।

भाग्य बारिश का पानी है और.. परिश्रम कुंए का जल....बारिश में नहाना आसान तो है, लेकिन.. रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे नहीं रह सकते...!!इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी चीजें आसानी से मिल जाती हैं, किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते...!!

जिंदगी में कुछ दर्द ऐसे हैं जो जीने नहीं देते ..और कुछ फर्ज ऐसे जो मरने नहीं देते..।

कितना गुस्सा आता है ना उस वक्त जब कोई आपको झूठ बोल रहा हो और आपको सच पता हो..

दिन की शुरुआत में लगता है में है कि ज़िन्दगी में पैसा बहुत ज़रूरी है, लेकिन दिन ढलने पर समझ आता है। कि ज़िन्दगी में शांति अधिक जरूरी है..

खुद के व्यक्तित्व के लिए दो ही बाते महत्वपूर्ण है खुद को तराशो और खुद को तलाशो, तब ही असल में तुम्हारा किरदार निभाने योग्य बनता है।

बेहतर को छीन कर बेहतरीन देना जानता है, वो ईश्वर है आपका अच्छा बुरा आपसे बेहतर जानता है।

*बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये।* *बेटा परेशान था।* *बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, सत्तर की उम्र में सठिया गए हैं..?**पिता कमजोर और बीमार हैं....* *जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा।... पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था।**अब पिता की एक चारपाई बरामदे में भी आ गई थी।* *हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता।* *अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।* *कुछ देर लान में टहलते लान में नाती - पोतों से खेलते, बातें करते,* *हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।* *कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें भी लाने की फरमाईश भी करते ।* *खुद खाते , बहू - बेटे और बच्चों को भी खिलाते ....**धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था।**दादा ! मेरी बाल फेंको। गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,* *तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...😗*अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।**पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं....अंशुल भोलेपन से बोला।**क्या... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?* *पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं।* *लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी।* *जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है।* *शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है।**पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था.....* *बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं**से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है....।**बुज़ुर्गों का सम्मान करें ।* *यह हमारी धरोहर है ...!**यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !* _*लेख को पढ़ने के उपरांत अन्य समूहों में साझा अवश्य करें...!!**और अपने बुजुर्गों का खयाल हर हाल में अवश्य रखें...।*🙏🏼🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏

अच्छे संस्कार.....1. लगातार दो बार से अधिक किसी को कॉल न करें*। यदि वे आपकी *कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि इस वक्त उनके पास कुछ महत्वपूर्ण कार्य है।2. वह धन पहले लौटाएँ जो दूसरे व्यक्ति के याद दिलाने या माँगने से पहले ही लिया हो। *यह आपकी ईमानदारी और चरित्र को दर्शाता है।3. जब कोई आपको लंच / डिनर दे रहा हो तो कभी भी *मेनू पर महंगे पकवान का ऑर्डर न करें।* यदि *संभव हो तो उन्हें ही आपके लिए अपनी पसंद का ऑर्डर* करने के लिए कहें।4. ओह! तो आपने अभी तक शादी नहीं की है'? या अरे! 'क्या आपके बच्चे नहीं हैं’ जैसे अजीबो गरीब सवाल *नहीं पूछें।*'आपने घर क्यों नहीं खरीदा'? या 'आप कार क्यों नहीं खरीदते'? *यह आपकी समस्या नहीं है*।5. अपने *पीछे आने वाले व्यक्ति के लिए हमेशा दरवाजा खोलें*। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की, सीनियर है या जूनियर। आप सार्वजनिक रूप से किसी के भी साथ *अच्छा व्यवहार करें*।6. यदि आप किसी दोस्त के साथ टैक्सी लेते हैं, और वह अभी भुगतान करता है, तो *अगली बार आप भुगतान करने का प्रयास करें*।7. *विभिन्न प्रकार के विचारों का सम्मान करें*। याद रखें कि आपके लिए जो 6 दिख रहा है वो सामने से आने वाले लोगों को 9 दिखाई देगा। 8. लोगों से बात करते समय बीच में कभी *बाधा न डालें*। उन्हें अपनी बात कहने की अनुमति दें। 9. यदि आप किसी को चिढ़ाते हैं, और वे इसका आनंद नहीं लेते हैं, *तो इसे रोकें और फिर कभी ऐसा न करें*। 10. जब कोई आपकी मदद कर रहा हो तो *"धन्यवाद" जरूर कहें।*11. *सार्वजनिक रूप से प्रशंसा करें*! जरूरी हो तभी *निजी तौर पर आलोचना करें*।12. किसी के वजन पर टिप्पणी करने का कभी कोई मतलब नहीं है। *बस कहें, "आप शानदार दिखते हैं*।" 13. जब कोई आपको अपने मोबाईल पर एक फोटो दिखाता है, तो *स्वयं उसके मोबाइल पर बाएं या दाएं स्वाइप न करें*। आपको नहीं पता कि आगे उसका निजी फोटो है।14. यदि कोई सहकर्मी आपको बताता है कि उसे डॉक्टर से मिलना है, तो *यह न पूछें कि किस लिये मिलना है?*, बस कहें "मुझे आशा है कि आप ठीक हैं"। अपनी व्यक्तिगत बीमारी बताने के लिए उन्हें असहज स्थिति में न डालें। 15. अगर *आप अपने से नीचे के लोगों के साथ सम्मान* के साथ व्यवहार करते हैं तो लोग नोटिस करेंगे।16. यदि कोई व्यक्ति आपसे सीधे बात कर रहा है, तो अपने *फोन को देखना अशिष्टता है*;17. जब तक आप से नहीं पूछा जाये तब तक कभी भी *बिन मांगे सलाह न दें*;18. जब किसी से लंबे समय के बाद मिल रहे हो तो, जब तक वे इसके बारे में बात न करें, तब तक उनसे उनकी *उम्र और वेतन न पूछें*।19. अपने *काम से काम रखें* 20. अपने *धूप के चश्मे को हटा दें* जिस समय आप किसी से सड़क पर बात कर रहे हैं। यह सम्मान की निशानी है। *नेत्र संपर्क* आपके भाषण में महत्वपूर्ण है।21. *गरीबों के बीच* में अपने *धन के बारे में* कभी *बात न करें*।22. और अंत में...ऐसी *पोस्ट साझा करें।* जिससे कि आपने जो कुछ सीखा है उससे *दूसरों को भी सीखने में मदद मिले

Tuesday 7 September 2021

अपने वो नहीं होते जो रोने पर आते हैं... अपने वो होते हैं जो रोने नहीं देते ।

इंसान दो मामलों में बेबस है दुःख बेच नहीं सकता.. सुख खरीद नहीं सकता।

बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये।बेटा परेशान था।बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, अस्सी की उम्र में सठिया गए हैं..?पिता कमजोर और बीमार हैं....जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा।... पिता की इच्छा पू्री करना उसका स्वभाव था।अब पिता की एक चारपाई बरामदे में भी आ गई थी।हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता ।अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।कुछ देर लान में टहलते लान में नाती - पोतों से खेलते, बातें करते,हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें भी लाने की फरमाईश भी करते ।खुद खाते , बहू - बेटे और बच्चों को भी खिलाते ....धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था।दादा ! मेरी बाल फेंको। गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...😗अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।*पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं....अंशुल भोलेपन से बोला।*कया... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं। लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी। जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है।* *शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है।पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था.....*बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं**से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है....।**बुज़ुर्गों का सम्मान करें ।* *यह हमारी धरोहर है ...!**यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !*और अपने बुजुर्गों का खयाल हर हाल में अवश्य रखें...।🙏🏼🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏copied-—-—•—-—•-—-—•—-—•-—-—•—-—•बड़े बुज़ुर्ग पेड़ों के जैसे.. सृष्टि रहे संभाल ..जैसे तुझको पाला था .. वैसे इनको पाल..तू बड़ा ये तुझसे बड़े.. इन पर कभी न चीख..समझ का ये पिटारा.. कुछ सीख सके तो सीख.. -

Sunday 5 September 2021

विश्वास में वो शक्ति हैजिससे उजड़ी हुई दुनियां में फिर से प्रकाश किया जा सकता है।good morning

दोस्ती और रिश्तेदारी में उतने ही पैसे उधार दो, जितने भूल जाने की ताकत हो, वरना रिश्ता और पैसे दोनो गवाँ दोगे ।

मुझे बुरे लोगों से नहीं, दोगले लोगों से नफरत है.. बुरे आदमी को माफ किया जा सकता है, दोगले आदमी को नहीं..

शाम ढले हर पंछी को घर जाना पड़ता है,कौन ख़ुशी से मरता है मर जाना पड़ता हैं।

शाम ढले हर पंछी को घर जाना पड़ता है,कौन ख़ुशी से मरता है मर जाना पड़ता हैं।

ज़रुरी नहीं कि हर समय जुबां पर भगवान का नाम आये.... वो लम्हा भी भक्ति का होता है जब इंसान इंसान के काम आये।

किसी पर आरोप लगाने से पहले ये देखना चाहिए कि हम स्वयं कितने सही है..

किसी पर आरोप लगाने से पहले ये देखना चाहिए कि हम स्वयं कितने सही है..

अक्षर-अक्षर हमें सिखातेशब्द-शब्द का अर्थ बताते,कभी प्यार से कभी डाँट से, जीवन जीना हमें सिखाते। happy teacher 's day .

Saturday 4 September 2021

कोई अगर आपके रास्ते में गड्डा खोदे तो परेशान मत होना क्योंकि ये वही लोग है जो आपको छलांग लगाना सिखाएंगे..

जब तक किसी भी बात की पूरी जानकारी ना हो तब तक हमें वहाँ मौन रहना ही उत्तम है । क्योंकि अधूरा सत्य पूर्ण झूठ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है..।

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है पर जो रिश्ते हों उनमें जीवन होना जरूरी है।

शब्द मुफ्त में मिलते हैं, उनके चयन पर निर्भर करता हैकि उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी " "

Friday 3 September 2021

इतिहास गवाह है खबर हो या कब्रखोदते अपने ही है !

आप किसी का अच्छा करते रहो, करते रहो.. फिर होता यह है कि वह आपको बेवकूफ समझने लग जाता है...।

ये शोहरते, ये मोहोब्बते, ये कामयाबियाँ, सब फिजूल हों गए... जब जीनी चाही हमने जिंदगी, हम सुपुर्दे धूल हों गए.... अब यादें ही बावस्ता रह जाएंगी मेरी... अब हम हर दिल में रहेंगे सबकी नजरो से दूर हो गए....

ये शोहरते, ये मोहोब्बते, ये कामयाबियाँ, सब फिजूल हों गए... जब जीनी चाही हमने जिंदगी, हम सुपुर्दे धूल हों गए.... अब यादें ही बावस्ता रह जाएंगी मेरी... अब हम हर दिल में रहेंगे सबकी नजरो से दूर हो गए....

जिन चार लोगों में बैठकर आप दूसरों की बुराई करते हैं, यकीन मानिए आपके जाते ही वहां पर आपकी बुराई शुरू हो जाएगी..

जिंदगी का सच बस इतना सा हैं..इंसान पल भर में याद बन जाता हैं।

बहुत सी गलतियां हुई जिंदगी में, लेकिन जो गलतियाँ लोगों कोपहचानने में हुई, उनका नुकसान सब से ज़्यादा है..।

Thursday 2 September 2021

सुबह होते ही फूलों को भी नहीं पता होता है कि मंदिर जाना है या शमशान,इसलिए ज़िंदगी जैसी भी है हँस खेल के जिओ।।।। सुप्रभात ।।।

भरोसाउस पर करो जो तुम्हारी तीन बात समझ सके, मुस्कुराहट के पीछे का दर्द, गुस्से के पीछे का प्यार, चुप रहने के पीछे की वजह।

झूठा आदमीअन्त में अपने सिवायऔर किसी कोधोखा नहीं दे सकता ৷

अगर कठिन समय आए, तो ये सोचिए की अच्छा समय आपके लिए इंतजार कर रहा है ।

सस्ते में लूट लेती है येदुनिया अक्सर उन्हें, जिन्हेंखुद की कीमत का अंदाजानहीं होता।

गिले-शिकवे सिर्फ़ साँस लेने तक ही चलते हैं। बाद में तो सिर्फ़ पछतावे रह जाते हैं।दोनों तरफ़ से निभाया जाये, वही रिश्ता कामयाब होता है साहिब। एक तरफ़ से सेंक कर तो रोटी भी नहीं बनती।

Wednesday 1 September 2021

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया । ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे... ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है। सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!इस संसार में.... सबसे बड़ी सम्पत्ति *"बुद्धि "* सबसे अच्छा हथियार *"धैर्य"* सबसे अच्छी सुरक्षा *"विश्वास"* सबसे बढ़िया दवा *"हँसी"* हैऔर आश्चर्य की बात कि *"ये सब निशुल्क हैं "*सोच बदलो जिंदगी बदल जायेगी।(कॉपी)

वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, जो सबक सीखाया जिंदगी ने।

कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती हैं. किंतु तोता दूसरे की भाषा बोलता है, इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है. अपनी भाषा, अपने विचार और "अपने आप" पर विश्वास करें

जिन्होंने आपको कष्ट दिया.. कष्ट तो उन्हें भी मिलेगा, औरयदि आप भाग्यशाली रहे तो ईश्वर आपको यह देखने का अवसर भी देंगे!

शोर मचाने से सुर्खियां नही मिलती जनाब.. कर्म ऐसा करो की ख़ामोशी भी अखबारों में छप जाये..

*सीन_1**सुबह सब्जी मंडी का दृश्य :-काका आलू कैसे दिए।।**(किसान)- 15 ₹ किलो बाऊजी**सही लगाओ*किसान- सही है बाऊजी*बड़ी लूट मचा रखी है 10 के लगाओ।*किसान- नही बाऊजी, नही बैठेगा ।अरे देदो... दो किलो लूंगा*किसान- ठीक है बाउजी लेलो।😢**सीन_2*शाम का वक़्त घर का दृश्य:Hello pizza hut: Yes sir.Please book order, one large capsicum paneer pizza with extra cheez and one garlic bread.Ans: Okay sir.*सीन_3*Knock knock.... Ting tongकौन है ?Pizza delivery boy: Pizza hut, sir.Ohh coming... Thanks.... कितना हुआ ? Ans: 570 Rs. Sir.ये लो 600 and keep the change; बहुत मेहनत करते हो.Ans: Thanks Sir.*सीन_4*कमरे का दृश्य - TV में समाचारदो किसानों ने और आत्महत्या की।*(Pizza खाते हुए) - साला, ये गवर्नमेंट किसानों के बारे में बिल्कुल भी नही सोच रही...बड़े शर्म की बात है !**नाटक_समाप्त 🙄*

Tuesday 31 August 2021

आज की दुनिया में झूठ धीरे से बोलोगे तो भी सब सुन लेंगे, और सच चिल्लाने पर भी कोई नहींसुनता..

जो हद से "बढ़" जाए वो सिर्फ बर्बादी ही लाता है, फिर वो चाहे "भरोसा" हो या "गुरुर" !!

डिप्रेशन क्यो ???श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा..! पहले माँ छूटी, फिर पिता छूटे..! फिर जो नंद-यशोदा मिले, वे भी छूटे...संगी-साथी छूटे.. राधा भी छूटी... गोकुल छूटा, फिर मथुरा छूटी... श्रीकृष्ण से जीवन भर, कुछ न कुछ छूटता ही रहा.! नहीं छूटा तो देवत्व, मुस्कान और सकारात्मकता...। श्रीकृष्ण दुःख नहीं, उत्सव के प्रतीक हैं... सब कुछ छूटने पर भी, कैसे खुश रहा जा सकता यह श्री कृष्ण से अच्छा कोई नहीं सीखा सकता ! इसलिए हमेशा खुश रहें, सदा मुस्कुराते रहे...

*औरत के साथ और बाद का जीवन* एक औरत की कमी तब अखरती हैजब वो चली जाती है, और वापस लौट कर नहीं आतीछत पर लगे जाले व आँगन की धूलहटाने में संकोच आता है।" तुम्हारी ये सफाई " कहने का मौकानहीं मिल पाता !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब कालरों की मैल छुटाने मेंपसीना छूट जाता हैचूडियां साथ में नहीं खनकतीउसका "मेहनतकश" होना याद आता है !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब घर में देर से आने पररोटियां ठंडी हो जाती है सब्जियों मेंतुम्हारी पसंद का जायका नहीं रहताऔर तुमसे यह कहते नही बनता"मुझे ये पसंद नहीं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब बच्चा रात को ज़ोर से रोता हैआप अनमने से उठ जाते होऔर यह नहीं कह पाते"कितनी लापरवाह हो तुम"!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप रात में अकेले सोते हैंकरवट बदलते रहते हैं बगल मेंपर हाथ धरने पर कुछ नहीं मिलता!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब त्यौहारों के मौसम मेंनयी चीज़ों के लिए कोई नहीं लड़ताऔर तुमसे ये कहते नही बनता"और पैसे नहीं हैं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप गम के बोझ तले दबे होते हैं ,निपट अकेले रोते हैं और आपके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं होताआप किसी से कुछ नहीं कह पातेहाँ, औरत की कमी तब अखरती जरूर है!महिलाएं कभी अपने लिए नहीं जीती।। 🙏Author : Unknown,

कभी यह मत सोचो कि आप अकेले हो ; बल्कि यह सोचो की आप अकेले ही काफ़ी हो..।

राख तेरी उड़ जायेगीजब चिट्ठी कटेगी ऊपर वाले की तब समय होगा तेरे जाने का । सगे-सम्बन्धी तेरे सब जमा होकर तुझको चम्मच भर गंगाजल पिलायेंगे । आटे पानी का लड्डु रखेंगे सामने तेरे , जब जरूरत नहीं होगी तेरे खाने की । पाँच पच्चीस मिलकर जल्दी करेंगे तुझको ले जाने की , लकड़ी से अभी जला देंगे तुझको और जल्दी करेंगे नहाने की। अस्थि लेकर तेरी चल पड़ेंगे सब और राख तेरी उड़ जायेगी । दो दिन तक शोक मनायेगी दुनिया और उतावली होगी मिष्ठान खाने को। स्वार्थ की सारी है ये दुनिया सब पल भर में भूल जायेगी...।

कभी कभार हमें सही होने के बावजूद भी चुप रहना पड़ता है । इसलिए नहीं कि हम डरते हैं, बल्कि इसलिए कि रिश्ते हमें बहस से ज्यादा प्यारे होते हैं।

Monday 30 August 2021

जरा सोच कर बताना समाज में 27-28-32 उम्र की कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं *अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती है।* *हमारा समाज आज बच्चों के विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस मे रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं।* *समाज में आज 27-28-32 उम्र तक की बहुत सी कुँवारी लडकियाँ घर बैठी है क्योंकि इनके सपने हैसियत से भी बहुत ज्यादा है इस प्रकार के कई उदाहरण है।**ऐसे लोगो के कारण समाज की छवि बहुत खराब हो रही है।**सबसे बडा मानव सुख,**सुखी वैवाहिक जीवन होता है।**पैसा भी आवश्यक है।* *लेकिन कुछ हद तक।**पैसे की वजह से अच्छे रिश्ते ठुकराना गलत है।* *पहली प्राथमिकता सुखी संसार व अच्छा घर-परिवार होना चाहिये।* *ज्यादा धन के चक्कर मे अच्छे रिश्तों को नजर-अंदाज करना गलत है।* *"संपति खरीदी जा सकती है लेकिन गुण नही।"**मेरा मानना है कि घर- परिवार और लडका अच्छा देखें लेकिन ज्यादा के चक्कर मे अच्छे रिश्ते हाथ से नही जाने दें।**सुखी वैवाहिक जीवन जियें।**30 की उम्र के बाद विवाह नही होता समझौता होता है और मेडिकल स्थिति से भी देखा जाए तो उसमें बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती है।**"आज उससे भी बुरी स्थिति कुंडली मिलान के कारण हो गई हैं।"**आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है लेकिन घर और लड़का अच्छा नहीं और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं वहां कुण्डली नहीं मिलती और हम सब कुछ अच्छा होने के कारण भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैं,**आप सोच के देखें जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36 /36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन मे तकलीफें हो रही है।**क्योंकि हमने लडके के गुण नही देखे।**"कुंडली मिलान के गुण देखे।*आजकल समाज में लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के में) चौबीस टंच का सोना खरीदने जाते है,**देखते-देखते चार पांच साल व्यतीत हो जातें है,**उच्च "शिक्षा" या "जॉब" के नाम पर भी समय व्यतीत कर देते हैं।**लड़के देखने का अंदाज भी समय व्यतीत का अनोखा उदाहरण हो गया है?**खुद का मकान है कि नही?**अगर है तो फर्नीचर कैसा है?**घर में कमरे कितने हैं?**गाडी है की नही?**है तो कौनसी है?**रहन-सहन, खान-पान कैसा है?**कितने भाई-बहन हैं?**बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं?**बहन कितनी हैं,**उनकी शादी हुई है कि नहीं?**माँ-बाप का स्वभाव कैसा है?**घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्याल के हैं कि नही?**बच्चे का कद क्या है?**रंग-रूप कैसा है?**शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है?**लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं?**उसके कितने दोस्त हैं?**सब बातों पर पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है।**हालात को क्या कहे माँ -बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर।* *फिर चार-पाँच साल कि यह दौड़-धूप बच्चों की जवानी को बर्बाद करने के लिए काफी है।**इस वजह से अच्छे रिस्ते हाथ से निकल जाते हैं।**और माँ-बाप अपने ही बच्चों के सपनों को चूर चूर-चूर कर देते हैं।**"एक समय था जब खानदान देख कर रिश्ते होते थे।"**वो लम्बे भी निभते थे।* *समधी-समधन में मान मनुहार थी।**सुख-दु:ख में साथ था।**रिश्ते-नाते कि अहमियत का अहसास था।**चाहे धन-माया कम थी मगर खुशियाँ घर-आँगन में झलकती थी।**आज समाज की लडकियाँ और लड़के खुले आम दूसरी जाति की तरफ जा रहे है और दोष दे रहे हैं कि समाज में अच्छे लड़के या लड़कियाँ मेरे लायक नही हैं।**कारण लडकियाँ आधुनिकता की पराकाष्ठा पार कर गई है।**"जब ये लड़के-लड़कियाँ मन से मैरिज करते है तब ये कुंडली मिलान का क्या होता हैं तब तो कुंडली की कोई बात नहीं होती‌"**यही माँ पिता सब कुछ मान लेते हैं।**तब कोई कुण्डली, स्टेटस, पैसा, इनकम बीच में कुछ भी नही आता।**अगर अभी भी माँ पिता नही जागेंगे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो जाएगी।**समाज के लोगो को समझना होगा लड़कियों की शादी 22-23-24 में हो जाये और लड़का 25-26 का*परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा तमाशा किया है कि आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी "संस्कार"।**"समाज को अब जागना आवश्यक है"**"अन्यथा रिश्ते ढूढते रह जाएंगे।"* कुछ गलत कहा तो क्षमा करना 🙏 *धन्यवाद एवं शुभकामनाएं..* 🙏✍️😊 KL Pareek (कान्हा)

#मौली क्या है,क्यों है इसका इतना धार्मिक महत्व"=======================➡️ मौली/कलावा बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है। यज्ञ के दौरान इसे बांधे जाने की परंपरा तो पहले से ही रही है, लेकिन इसको संकल्प सूत्र के साथ ही रक्षा-सूत्र के रूप में तब से बांधा जाने लगा, जबसे असुरों के दानवीर राजा बलि की अमरता के लिए भगवान वामन ने उनकी कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधा था। इसे रक्षाबंधन का भी प्रतीक माना जाता है, जबकि देवी लक्ष्मी ने राजा बलि के हाथों में अपने पति की रक्षा के लिए यह बंधन बांधा था। मौली को हर हिन्दू बांधता है,इसे मूलत: रक्षा सूत्र कहते हैं।➡️ "मौली" का शाब्दिक अर्थ है 'सबसे ऊपर'। मौली का तात्पर्य सिर से भी है। मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है। मौली के भी कई प्रकार हैं। शिवजी के सिर पर चन्द्रमा विराजमान है इसीलिए उन्हें चंद्रमौली भी कहा जाता है।➡️मौली बांधने का मंत्र :-‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’ ➡️कैसी होती है मौली:-मौली कच्चे धागे (सूत) से बनाई जाती है जिसमें मूलत: 3 रंग के धागे होते हैं- लाल, पीला और हरा, लेकिन कभी-कभी यह 5 धागों की भी बनती है जिसमें नीला और सफेद भी होता है। 3 और 5 का मतलब कभी त्रिदेव के नाम की, तो कभी पंचदेव।➡️मौली बांधने के नियम :-शास्त्रों के अनुसार पुरुषों एवं अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधने का नियम है। कलावा बंधवाते समय जिस हाथ में कलावा बंधवा रहे हों, अक्षत/चावल लेकर उस हाथ की मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए। मौली कहीं पर भी बांधें, एक बात का हमेशा ध्यान रहे कि इस सूत्र को केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए व इसके बांधने में वैदिक विधि का प्रयोग करना चाहिए।➡️विज्ञान के मतानुसार फायदे:-शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों तक पहुँचने वाली ज्यादातर नसों में से कुछ नसें कलाई से होकर गुजरती है और कलाई पर कलावा बाँधने से इन नसों को नियंत्रण में करने में काफी मदद मिलती है। इससे त्रिदोष को दूर करने में मदद ली जा सकती है । इसके अलावा कलाई पर मौली या कलावा बांधने से रक्त चाप संबंधी समस्या, मधुमेह, हृदय रोग और लकवा जैसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या दूर करने में फायदा हो सकता है।➡️ मौली का प्रयोग वाहन, बही खाता, चाबी के छल्ले और तिजोरी आदि पर करने से काफी लाभ लिया जा सता है। इसके अलावा मौली से बनी सजावट की वस्तुएं भी घर में रखने से सुख शांति में वृद्धि होने लगती है।➡️कब बांधी जाती है मौली:-पर्व-त्योहार के अलावा किसी अन्य दिन कलावा बांधने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। हर मंगलवार और शनिवार को पुरानी मौली को उतारकर नई मौली बांधना उचित माना गया है। उतारी हुई पुरानी मौली को पीपल के वृक्ष के पास रख दें या किसी बहते हुए जल में बहा दें।

Sunday 29 August 2021

भगवान् श्री कृष्ण स्वयं आप के घर आएं। आप खुशी से दिए जलायें, हमारी तरफ से श्री कृष्ण जन्मोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएँ

माखन का कटोरा, मिश्री का थाल, मिट्टी की खुशबू,बारिश की फुहार, राधा की उम्मीदे, कृष्ण का प्यार, मुबारक हों आपको, जन्माष्टमी का त्यौहार।

इन्सान की सबसे बड़ी हार उस वक्त हो जाती है जब खुद सही होकर भी गलत लोगों के आगे सर झुका लेता है

ज़िंदा रहना है तो हालत से डरना कैसा जंग लाज़िम हो तो लशकर नहीं देखे जाते

ज़िंदा रहना है तो हालत से डरना कैसा जंग लाज़िम हो तो लशकर नहीं देखे जाते

Thursday 26 August 2021

हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी , पहला चरण - कैंची दूसरा चरण - डंडा तीसरा चरण - गद्दी ...*तब साइकिल की ऊंचाई 24 इंच हुआ करती थी जो खड़े होने पर हमारे कंधे के बराबर आती थी ऐसी साइकिल से गद्दी चलाना मुनासिब नहीं होता था।**"कैंची" वो कला होती थी जहां हम साइकिल के फ़्रेम में बने त्रिकोण के बीच घुस कर दोनो पैरों को दोनो पैडल पर रख कर चलाते थे*।और जब हम ऐसे चलाते थे तो अपना सीना तान कर टेढ़ा होकर हैंडिल के पीछे से चेहरा बाहर निकाल लेते थे, और *"क्लींङ क्लींङ" करके घंटी इसलिए बजाते थे ताकी लोग बाग़ देख सकें की लड़का साईकिल दौड़ा रहा है* ।*आज की पीढ़ी इस "एडवेंचर" से महरूम है उन्हे नही पता की आठ दस साल की उमर में 24 इंच की साइकिल चलाना "जहाज" उड़ाने जैसा होता था*।हमने ना जाने कितने दफे अपने *घुटने और मुंह तोड़वाए है* और गज़ब की बात ये है कि *तब दर्द भी नही होता था,* गिरने के बाद चारो तरफ देख कर चुपचाप खड़े हो जाते थे अपना हाफ कच्छा पोंछते हुए।अब तकनीकी ने बहुत तरक्क़ी कर ली है पांच साल के होते ही बच्चे साइकिल चलाने लगते हैं वो भी बिना गिरे। दो दो फिट की साइकिल आ गयी है, और *अमीरों के बच्चे तो अब सीधे गाड़ी चलाते हैं छोटी छोटी बाइक उपलब्ध हैं बाज़ार में* ।मगर आज के बच्चे कभी नहीं समझ पाएंगे कि उस छोटी सी उम्र में बड़ी साइकिल पर संतुलन बनाना जीवन की पहली सीख होती थी! *"जिम्मेदारियों" की पहली कड़ी होती थी जहां आपको यह जिम्मेदारी दे दी जाती थी कि अब आप गेहूं पिसाने लायक हो गये हैं* ।*इधर से चक्की तक साइकिल ढुगराते हुए जाइए और उधर से कैंची चलाते हुए घर वापस आइए* !और यकीन मानिए इस जिम्मेदारी को निभाने में खुशियां भी बड़ी गजब की होती थी।और ये भी सच है की *हमारे बाद "कैंची" प्रथा विलुप्त हो गयी* ।हम लोग की दुनिया की आखिरी पीढ़ी हैं जिसने साइकिल चलाना तीन चरणों में सीखा !*पहला चरण कैंची**दूसरा चरण डंडा**तीसरा चरण गद्दी।*● *हम वो आखरी पीढ़ी हैं*, जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है।● *हम वो आखरी लोग हैं*, जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल खेले हैं।● *हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।● *हम वही पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं।● *हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है।● *हम वो आखरी लोग हैं*, जो अक्सर अपने छोटे बालों में, सरसों का ज्यादा तेल लगा कर, स्कूल और शादियों में जाया करते थे।● *हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है।● *हम वो आखरी लोग हैं*, जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है।● *हम वो आखरी लोग हैं*, जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर, नुक्कड़ से भाग कर, घर आ जाया करते थे।● *हम वो आखरी लोग हैं*, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है। ● *हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं*, जिन्होंने चांदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं।● *हम ही वो आखिर लोग हैं*, जब हम सब शाम होते ही छत पर पानी का छिड़काव किया करते थे। उसके बाद सफ़ेद चादरें बिछा कर सोते थे। एक स्टैंड वाला पंखा सब को हवा के लिए हुआ करता था। सुबह सूरज निकलने के बाद भी ढीठ बने सोते रहते थे। वो सब दौर बीत गया। चादरें अब नहीं बिछा करतीं। डब्बों जैसे कमरों में कूलर, एसी के सामने रात होती है, दिन गुज़रते हैं।● *हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं*, जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटने वाले लोग देखे हैं, जो लगातार कम होते चले गए। अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं, उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता, अकेलेपन, व निराशा में खोते जा रहे हैं। *हम ही वो खुशनसीब लोग हैं, जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है...!!**हम एक मात्र वह पीढी है* जिसने अपने माँ-बाप की बात भी मानी और बच्चों की भी मान रहे है.

वक्त ने दिखायी है सबकी असलियत, वरना हम तो वो थे जो हर किसी को अपना कहा करते थे..

लाइफ में अगर आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ क्योंकि अधिकतर लोगों की बातें मनोबल गिराने वाली होती है !!

जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारी जिंदगी के फैसले दूसरे लोग ही लेते रहेंगे..

Wednesday 25 August 2021

राज तो हमारा हर जगह पे है। पसंद करने वालों के "दिल" में और नापसंद करने वालों के "दिमाग" में।

नसीब जिनके ऊंचे और मस्त होते है, इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते हैं..

हमेशा Valuable बनो, Available बनोगे तो दुनिया इस्तेमाल करती रहेगी..

जब आप फिक्र में होते हो तो खुद जलते हो ...और जब आप बेफिक्र होते हो, तो दुनिया जलती है। मस्त रहा करो। मौज लो, रोज़ लो, न मिले तो खोज लो । बहुत जी चुके उनके लिए जो आपके लिए सब कुछ थे, अब जीयो उनके लिए जिनके लिए आप सब कुछ हो।

जब सर पर जिम्मेदारी बड़ी हो तो हिसाब से रहना पड़ता हैं।बहुत कुछ सुनना और बहुत कुछसहना पड़ता हैं।

हम उस जमाने में रह रहे है दोस्तोंजहाँ अपने उधार दिए हुए पैसे थोड़े से दवाब डाल कर वापिस माँग लो तो हमें ही ये सुनना पड़ता है पैसे के लिए मर रहे हो क्या, पैसे के लिए रिश्ते को भूल गए, पैसा ही सब कुछ नहीं है! अरे भाई इतनी सुना रहे हो, पैसे वापिस करो ना फिर...

Monday 23 August 2021

जो धोखा खाने और दुःख मिलने केबाद भी गलत रास्ते पर नहीं जाताऔर ईमानदारी से अपना कार्य करता रहता है, ऐसा इंसान ईश्वर को सबसे प्रिय है.. अंत में ऐसे इंसान की जीत निश्चित होती है..

जो धोखा खाने और दुःख मिलने केबाद भी गलत रास्ते पर नहीं जाताऔर ईमानदारी से अपना कार्य करता रहता है, ऐसा इंसान ईश्वर को सबसे प्रिय है.. अंत में ऐसे इंसान की जीत निश्चित होती है..

जिस मेहनत से आज आप भाग रहे हो वही कल आपको सफलता दिलाएगी। झोंक दो खुदको इस आग में , यही कल आपको हीरा बनाएगी..।

कदर न करने पर ऊपर वाला छीन ही लेता है, शख्स भी और वक्त भी..

Sunday 22 August 2021

रिश्ते खून के नहीं होते विश्वास के होते हैं.. अगर विश्वास हो तो पराये भी अपने हो जाते हैं, और अगर विश्वास ना हो तो अपने भी पराए हो जाते है।

MAKE UP....(मेकअप)लोग कहते हैं कि ..औरतें बहुत “मेकअप” करती हैं सच ही तो है ..औरतें सिर्फ चेहरे पर ही नही.. बल्कि घर, परिवार, बच्चे, पति, समाज सभी की कमियों पर हमेशा “मेकअप” ही करती रहती हैंबेहतर न मिलने पर माता-पिता पर “मेकअप”शादी होने पर ससुराल वालों के तानों पर “मेकअप”मायके की कमियों पर “मेकअप”बच्चों की कमियों पर “मेकअप”बुढ़ापे में दामाद के द्वारा किये गए अनादर पर “मेकअप”तो बहु की बेरुखी पर “मेकअप”पोता-पोती की शरारतों पर “मेकअप”और आखिर में..बुढ़ापे में परिवार में अस्तित्वहीन होने पर “मेकअप”एक औरत जन्म से लेकर मृत्यु तक “मेकअप” ही तो करती रहती हैसिर्फ एक ही आस में कि उसे “तारीफ के दो बोल मिल जाये"😊

।। पिता का प्यार ।।बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गयामैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....पता तो चले कितना माल छुपाया है .....माँ से भी ...इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....मैंने जूता निकाल कर देखा .....मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...जैसे ही कुछ दूर चला ....मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिएपर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा थाउन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......ओह....अच्छे जुते पहनना ???पर उनके जुते तो ...........!!!!माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."मैं अब समझा कितने चलेंगे......तीसरी पर्ची ..........पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....पापा का स्कूटर .............ओह्ह्ह्हमैं घर की और भागा........अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....मैं घर पहुंचा .....न पापा थे न स्कूटर ..............ओह्ह्ह नहीमैं समझ गया कहाँ गए ....मैं दौड़ा .....औरएजेंसी पर पहुंचा......पापा वहीँ थे ...............मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया .......नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..वो भी आपके तरीके से ...।।"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है...और"पापा" एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है.... ।।।।जय श्री राधे राधे जी ।।।।

रिश्ते खून के नहीं होते विश्वास के होते हैं.. अगर विश्वास हो तो पराये भी अपने हो जाते हैं, और अगर विश्वास ना हो तो अपने भी पराए हो जाते है।

Friday 20 August 2021

ਜੁਆਈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਮਰਜੀ ਨੇਕ ਸੁਭਾਅ ਹੋਵੇ । ਸੱਸ ਦੀ ਬੁੱਕਲ ਚ ਸਿਰ ਨੀ ਰੱਖ ਸਕਦਾ ॥ ਨੂੰਹ ਜਿੰਨੀ ਮਰਜੀ ਸੁੰਗੜ ਸਾਊ ਹੋਵੇ । ਸਹੁਰਾ ਮੰਜੇ ਤੇ ਕੋਲ ਨੀ ਬਿਠਾ ਸਕਦਾ ॥ ਪਰਾਈ ਔਰਤ ਦਾ ਮਨ ਚ ਚਾਹੇ ਸਨਮਾਨ ਹੋਵੇ । ਭੈਣ ਦੀ ਫੀਲਿੰਗ ਨਾਲ ਰੱਖੜੀ ਨੀ ਬਣਾ ਸਕਦਾ ॥ ਭਾਈ ਭਾਈ ਦਾ ਚਾਹੇ ਲੱਖ ਪਿਆਰ ਹੋਵੇ । ਦੋਸਤਾਂ ਵਾਲੀ ਮਸਤੀ ਨੀ ਕੋਈ ਪਾ ਸਕਦਾ॥ ਦੋਸਤ ਭਾਵੇਂ ਹੋਵੇ ਜਿਗਰ ਦਾ ਟੁਕੜਾ । ਭਰਾਵਾ ਵਾਲਾ ਨੀ ਸਾਕ ਨਿਭਾ ਸਕਦਾ ॥ ਆਪਣੀ ਘਰਵਾਲੀ ਚਾਹੇ ਲੱਖ ਹੋਵੇ ਮਾੜੀ । ਬੇਗਾਨੀ ਤੇ ਕੋਈ ਰੋਹਬ ਨੀ ਪਾ ਸਕਦਾ। ਧੀਆਂ ਨੂੰ ਲੱਖ ਕੋਈ ਆਖੇ ਬਰਾਬਰ । ਪੁਤਰ ਬਿਨਾਂ ਘੁਮੰਡ ਨੀ ਆ ਸਕਦਾ ॥ ਪੁੱਤਾਂ ਨਾਲ ਚਾਹੇ ਲੱਖ ਮੁੱਛ ਖੜਦੀ । ਧੀ ਬਿਨਾ ਅਕਲ ਨੀ ਕੋਈ ਪਾ ਸਕਦਾ ॥ ਇਹ ਰਿਸ਼ਤੇ ਹੈ ਸਭ, ਭਾਵੇ ਹੋਣ ਸਾਰੇ ਝੂਠੇ । ਇਹਨਾਂ ਬਿਨਾ ਜਿੰਦਗੀ ਨੀ ਕੋਈ ਲੰਗਾਹ ਸਕਦਾ ।

माना कि किसी से ज्यादा नाराज नहीं रहना चाहिए मग़र सामने वाले को हमारी जरुरत ही नहीं तो जबरदस्ती रिश्ते रखने से क्या फायदा..

*कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है*जीवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई! अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया कीजिए। आपकी सुविधा - असुविधा, आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है। तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है। आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है। चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ। ये ऐसा है और वो ऐसा है। कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हैं। उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है। वरना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा। अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:एक दिन *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही है। पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे।तो मैं जा रही हूँ।जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जीयेंगे ऐसा वचन दिया था पर अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुझको पता नहीं था।मुझे जाने दो।अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ। बहुत दर्द हो रहा है मुझे।लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब मैं कुछ नहीं कर सकती।मुझे जाने दोबेटा और बेटे की मां दोनों रो रहे थे !मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। अपना बेटा बेटी बा बा बा कर रहा है अभी यह 3 साल के हैं और ना समझ है, इनको ऐसे मत बोलना मम्मी मर गई है इनको बोल दो मम्मी आपके लिए ढेर सारी भगवान के पास आइसक्रीम लेने गई है 10 12 दिनों में लौट आएगी हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।मुझे जाने दोअभी आपकी बहन ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी बिल्कुल नही रोना।मुझे जाने दोजिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम में डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल लेना।मुझे जाने दोआपने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर व्यवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।मुझे जाने दोआपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मीठा नहीं खाना अन्यथा परेशानी होगी। सुबह उठते ही दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो मां पर गुस्सा न करना। अब मैं नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।मुझे जाने दोअपना बेटा बेटी और मां कुछ बोले तोचुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नहीं होना। मुझे जाने दोअपने बेटे बेटी के साथ खूब खेलना अपने दोनों बच्चों को एहसास ही मत होने देना मम्मी की घर में कमी खलकती है जैसे जैसे यह दोनों बड़े हो जाएंगे अपने आप समझदार हो जाएंगे इनको अपने आप मालूम चल जाएगा कि पापा हमसे झूठ बोला करते थे हमारे लिए कोई मम्मी आइसक्रीम लेने नहीं गई भगवान के पास मम्मी तो हमें छोटा सा छोड़कर बिना बताए सदा के लिए भगवान के पास चली गई थी और हां आप भी अपने दोस्तों के साथ थोड़ा बाहर समय बताना अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके। अगर मेरी याद आये तो चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।मुझे जाने दोमेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नहीं। सब कुछ ध्यान से रखने और याद रखने की आदत डालना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर मां भूल जाये तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।मुझे जाने दोबुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और धीरे धीरे से चलना।यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा।मुझे जाने दोशाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना। प्यास लगे तभी पानी पी लेना।अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नहीं उसका ध्यान रखना।मुझे जाने दोशादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुझे नहीं मिलेगी।मुझे जाने दोउठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।मुझे जाने दोऔर हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये हैं। मेरी मां ने सिखाया था। एक - एक रुपया जमा करके कोने में रख दिया। इसमें से पाँच - पाँच लाख बेटे और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना अपने लिए।मुझे जाने दोभगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब फिर कभी नहीं मिलेंगे !!मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुझे माफ कर देना। *मुझे जाने दो* *मुझे जाने दो*🙏🙏 🙏🙏

इन्सान कर्म करने मेंमनमानी तो कर सकता हैलेकिन फल भोगने में नहीं

नहींआप मेरी बेटी को अपनी इच्छा (सहूलियत) के हिसाब से नहीं रख सकते।मैंने कई पिता को अपने दामाद और उसके परिवार से कहते सुना है कि "अब हमारी बेटी आपकी हुई, आपको जैसे ठीक लगे वैसे उसे रखना।" पर नहीं, आप हमेशा याद रखना की मेरी बेटी आज भी मेरी बेटी है और ताउम्र रहेगी।जैसे आपका बेटा एक अच्छे जीवनसाथी को पाने के लिए शादी के बंधन में बंधा है वैसे ही मेरी बेटी भी एक सच्चे हमसफर को पाने ही चाह लेकर ही आपके बेटे से शादी के बंधन में बंधी है।जैसे आप चाहते है कि मेरी बेटी आपकी सारी अपेक्षाएं पूर्ण करें ऐसे मैं भी चाहता हूँ कि आपका बेटा भी मेरी अपेक्षाओं में खरा उतरे।आप जैसे चाहते हैं कि मेरी बेटी आपके बेटे की हर ख़्वाहिश पूरी करे वैसे मैं भी चाहता हूँ कि आपका बेटा भी मेरी बेटी का हर सपना पूरा करे।आप जैसी अपेक्षाएं मेरी बेटी से रखते हैं वैसे ही अपेक्षाएं मैं आपके बेटे से भी रखता हूँ।जैसे मैंने अपनी बेटी को प्यार से पाला है वैसे ही आपको भी मेरी बेटी को रखना होगा, आप जैसे चाहे वैसे उसे रख नहीं सकते। मेरी नज़र हमेशा उस पर बनी रहेगी।मेरी बेटी अपने पति का प्यार पाने के लिए तरसेगी नहीं, वो उसके जीवन का अविभाज्य अंग है। अगर वो अपने पति को समय देने से कतराती नहीं तो उन दोनों के बीच भी कोई नहीं आएगा।वो आपके घर के किसी कोने में पति के समय और साथ का इंतज़ार करते हुए रोनी नहीं चाहिए और उसकी इस अपेक्षा को गुनाह मानना भी उसे मंजूर नहीं होगा।जमाइराज, अगर आप उसके साथ हो तो वो उस घर में या धरती के किसी भी कोने में अकेली कैसे हो सकती है? और आपकी अर्धांगिनी है तो फिर बाहर से आनेवाली के ताने या उपेक्षा वो क्यों सहे?उसे कभी भी वो जो है जैसी है उस बात के लिए शर्म या संकोच नहीं होना चाहिए, वो हंसमुख है तो खुले दिल से हँसेगी भी। वो सरल, शांत होने के साथ साथ स्वतंत्र भी है।आपने जैसे संस्कार अपने बेटे को दिए है वैसे ही संस्कार मैंने अपनी बेटी को भी दिए हैं इसलिये उसके संस्कारों को निशाना बनाने की गलती मत कीजियेगा।याद रहे वो सिर्फ अपना घर बदल रही है अपना व्यक्तित्व या अस्तित्व नहीं।उसे खुलकर हँसने का, जीने का, अपने विचारों को व्यक्त करने का पूरा हक है और उसके इस हक का सम्मान आपको करना होगा।आपके बेटे से बिल्कुल भी कम मत आँकना मेरी बेटी की ज़िंदगी को, वो ऐसी ज़िन्दगी क्यों जिये जो उसकी नहीं है?..कभी भी ऐसा मत सोचियेगा की अब उसका कोई नहीं है, शादी के बाद बेटियां पराई हो जाती थी वो दिन भी अब पराये (पुराने)हो गए।मैं पिता हूँ उसका और जब जब उसे ज़रूरत होगी उसके साथ खड़ा रहूंगा। उसके पिता के घर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे और वहाँ का आँगन हमेशा उसकी राह ताकता रहेगा।वो भी आपके परिवार की सदस्य है अब उसका स्वीकार वैसे ही करना जैसे आपने अपने बच्चों का किया है।उसे अकेला या परायेपन का एहसास ना हो इसका ध्यान रखना। क्योंकि मेरी बेटी स्वतंत्र ज़रूर है पर अकेली नहीं।वो हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा अनमोल खज़ाना है,वो हमारी ज़िंदगी में खुशियां और प्यार लेकर आई है। वैसी ही खुशियाँ और प्यार वो आपके घर में भी बिखेरेगी ऐसे संस्कार दिए है मैंने। उसका सम्मान करना।क्योंकि जिस दिन मेरी बेटी की आँख में आँसू आये, उसका पिता सबकी आंखों से आँसू बहा देगा।#गुजरात के कवि श्री तुषार शुक्ल की लिखी हुई रचना का हिंदी अनुवाद ।

जब तक अपनों से ठोकर ना मिले, इंसान होश में नहीं आता..

किसी के बुरे वक्त पर हँसने की गलती मत करना ये वक्त है जनाब चेहरे याद रखता है !!

Thursday 19 August 2021

यकीन मानिए बिना करियर के ना कोई इज्ज़त है और न सुख है इसलिए मेहनत कीजिए और बेहतर करियर बनाइए !

Post no 3बहन की शादी को 6 साल हो गए हैं।मैं कभी उसके घर नही गया। होली दिवाली भइया दूज पर कभी-2 मम्मी पापा जाते हैं।मेरी बीवी एक दिन मुझे कहने लगी आपकी बहन जब भी आती है उसके बच्चे घर के हाल बिगाड़ कर रख देते हैं। ख़र्च डबल हो जाता है और तुम्हारी मां हमसे छुप, छुपाकर कभी उसको साबुन की पेटी देती है कभी कपड़े कभी सर्फ के डब्बे।और कभी कभी तो चावल का थैला भर देती है अपनी मां को बोलो ये हमारा घर है कोई ख़ैरात सेंटर नही। मुझे बहुत गुस्सा आया मैं मुश्किल से ख़र्च पूरा कर रहा हूँ और मां सब कुछ बहन को दे देती है। बहन एक दिन घर आई हुई थी उसके बेटे ने टीवी का रिमोट तोड़ दिया मैं मां से गुस्से में कह रहा था मां बहन को बोलो कि यहा भैयादूज पर आया करे बस।और ये जो आप साबुन सर्फ और चावल का थैला भर कर देती हैं ना उसको बन्द करें सब। मां चुप रही लेकिन बहन ने मेरी सारी बातें सुन ली थी, बहन कुछ ना बोली 4 बज रहे थे अपने बच्चों को तैयार किया और कहने लगी भाई मुझे बस स्टॉप तक छोड़ आओ मैंने झूठे मुँह कहा रह लेती कुछ दिन और लेकिन वह मुस्कुराई नही भाई बच्चों की छुट्टियां ख़त्म होने वाली है।फिर जब हम दोनों भाईयों में ज़मीन का बंटवारा हो रहा था तो मैंने साफ़ इनकार किया भाई मैं अपनी ज़मीन से बहन को हिस्सा नही दूँगा।बहन सामने बैठी थी।वह खामोश थी कुछ ना बोली मां ने कहा बेटी का भी हक़ होता है लेकिन मैंने गाली दे कर कहा कुछ भी हो जाये मैं बहन को हिस्सा नही दूँगा।मेरी बीवी भी बहन को बुरा भला कहने लगी। वह बेचारी खामोश रही।बड़ा भाई अलग हो गया कुछ वक़्त बाद।मेरे बड़े बेटे को टीवी हो गई मेरे पास उसके इलाज करवाने के पैसे नहीं थे में बहुत परेशान था, एक लाख रुपया कर्ज भी ले लिया था।मैं बहुत परेशान था कमरे में अकेला बैठा अपने हालात पर रो रहा था।उस वक़्त वही बहन घर आ गई मैंने गुस्से से बोला अब ये आ गई है मनहूस।मैंने बीवी को कहा कुछ तैयार करो बहन के लिए तो बीवी मेरी पास आ गई कोई ज़रूरत नही कुछ भी पकाने की इसके लिए।फिर एक घण्टे बाद वह मेरे पास आई भाई परेशान हो.? बहन ने मेरे सर पर हाथ फेरा बड़ी बहन हूँ तुम्हारी।अब देखो मुझसे भी बड़े लगते हो फिर मेरे क़रीब हुई अपने पर्स से सोने की कंगन निकाले मेरे हाथ में रखे और आहिस्ता से बोली पागल तू ऐसे ही परेशान होता है,ये कंगन बेचकर अपना ख़र्चा कर बेटे का इलाज करवा। शक्ल तो देख ज़रा क्या हालत बना रखी तुमने,मैं खामोश था बहन की तरफ देखे जा रहा था वह आहिस्ता से बोली किसी को ना बताना कि कंगन के बारे में तुमको मेरी क़सम है।मेरे माथे पे बोसा किया और एक हज़ार रुपये मुझे दिया जो सौ ,पचास के नोट थे शायद उसकी जमा पूंजी थी मेरी जेब मे डालकर बोली बच्चों को कुछ खाने के लिए ला देना परेशान ना हुआ कर।जल्दी से अपना हाथ मेरे सर पे रखा देख तेरे बाल सफ़ेद हो गए वह जल्दी से जाने लगी उसके पैरों की तरफ़ मैं देखा टूटी हुई जूती पहनी थी,पुराना सा दुपट्टा ओढ़ रखी थी जब भी आती थी वही दुपट्टा ओढ़ कर आती।हम भाई कितने मतलब परस्त होते हैं बहनों को पल भर में बेगाना कर देते हैं और बहनें भाईयों का ज़रा सा दुख बर्दाश्त नही कर सकती।वह हाथ में कंगन पकड़े ज़ोर ,ज़ोर से रो रहा था उसके साथ मेरी आँखें भी नम थी। अपने घर में #भगवान जाने कितने दुख सह रही होती हैं।कुछ लम्हा बहनों के पास बैठकर हाल पूछ लिया करें। शायद उनके चेहरे पे कुछ लम्हों के लिए एक सुकून आ जाये।बहनें मां का रूप होती हैं।😢 नोट। ये पोस्ट उन भाइयों के लिए है जिनकी #sister मर गई है।

Monday 16 August 2021

एक समय था जब मंत्र काम करते थे।फिर समय आया जब तंत्र काम करते थे। फिर समय आया जब यंत्र काम करने लगे।फिर समय आया जब षड्यंत्र काम करने लगे।

_ननद ने अपनी भाभी को फोन किया और पूछा : भाभी मैंने राखी भेजी थी मिल गयी क्या आप लोगों को ???__भाभी : नहीं दीदी अभी नहीं मिली_ ._ननद : भाभी कल तक देख लो अगर नहीं मिली तो मैं खुद आऊंगी राखी लेकर_ ._अगले दिन भाभी ने खुद फोन किया : हाँ दीदी आपकी राखी मिल गयी है, बहुत अच्छी है Thank you Didi_._ननद ने फोन रखा और आँखों में आंसू लेकर सोचने लगी "लेकिन भाभी मैंने तो अभी राखी भेजी ही नहीं और आपको मिल भी गयी !!!"_._"""यह बहुत पुरानी कहानी कई जगह अब सच होने लगीं हैं दोस्तों कृपया अपने पवित्र रिश्तों को सिमटने और फिर टूटने से बचाएं क्योंकि रिश्ते हमारे जीवन के फूल हैं जिन्हें ईश्वर ने खुद हमारे लिए खिलाया है...__रिश्ते काफी अनमोल होते है इनकी रक्षा करे__बहन बेटी पर किये गए खर्च__से हमेशा फ़ायदा ही होता है__बहने हमसे चंद पैसे लेने नही बल्कि हमे बेसकिमति दुआएं देने आती है, हमारी बलाओं को टालने आती है, अपने भाई भाभी व परिवार को मोहब्बत भरी नज़र से देखने आती है__मायका एक बेटी के लिये_ _मायाजाल की तरह होता है। वह मरते दम तक इसे नही भूला पाती।_ _बाबुल का घर और बचपन की यादें शायद ही कोई बेटी भुला पाती होगी।_ _प्लीज एक बेटी को_ _एक बहिन हो__एक बुआ को__एक ननद को__उसके अधिकार से वंचित मत कीजिए।__उसे प्रेमपूर्वक आमंत्रित कीजिए।__आज ही फोन उठाइये और राखी के लिए इनवाइट कीजिए कि दीदी टाइम पर आ जाइएगा।_ _आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा।__आपके फोन का कमाल ये होगा कि दीदी अगले कुछ दिनों तक चिड़िया की तरह चहक उठेगी।_ _बेसब्री से मायके आने के सपने गुंदने में लग जाएगी।_ यकीन नही तो आप करके देखिए_ _।।।।।एक फोन।।।_ _आप दिल से ननद को बुलाने की तैयारी कीजिए। ईश्वर सब देखता है। एक फोन आपके पास भी आएगा।_ _आपके वजूद को महकाने के लिए।__आपके लबों पर मुस्कान लाने के लिए।__आपके बचपन मे ले जाने के लिए__बाबुल के घर बुलाने के लिए😑 हाँ,, बाबुल के घर,,__खुश रहिए_

जिंदगी में,कभी भी किसी रिलेशन के लिए, रोना नहीं चाहिए । क्योंकि जिस के लिए रोना पड़े, वह आंसुओं के लायक नहीं। और जो लायक होगा, वह कभी रोने नहीं देगा।

Sunday 15 August 2021

स्वीकार करने की हिम्मतऔरसुधार करने की नियत हो तोइंसान बहुत कुछ सीख सकता है।

घमंड किस बात का करना यारों, एक रात ऐसी भी आएगी जिसके बाद सवेरा ही नहीं होगा..

अहमियत-बीबी की.... ❤️सुबह उठ कर पत्नी को पुकारते है, सुनो चाय लाओ,थोड़ी देर बाद फिर आवाज़, सुनो नाश्ता बनाओ,क्या बात है, अभी तक अखबार नहीं आया....जरा देखो तो,किसी ने दरवाजा खटखटाया,अरे आज बाथरूम में साबुन नहीं....•और देखो तो,तौलिया कितना गीला पड़ा है....अरे ये शर्ट का बटन टूटा गया जरा लगा दो....और मेरे मौजे कहाँ है, जरा ढूंढ के ला दो....•लंच के डब्बे में आलू के परांठे बनाये है ना,दो ज्यादा रख देना....देखो अलमारी पर कितनीधुल जमी पड़ी है....लगता है कई दिनों से डस्टिंग नही की है....गमले में पौधे सूख रहे है, क्या पानी नहीं डालती हो,दिन भर करती क्या हो बस गप्पे मारती हो....•शाम को डोसा खाने का मूड है, बना देना....बच्चों की परीक्षाये आ रही है, पढ़ा देना....•सुबह से शाम तक कर फरमाईशें नचाते है हम, चैन से सोने भी नहीं देते हम....ये तब मालूम पड़ता है जब वो बीमार पड़ती है.....एक दिन में घर अस्त व्यस्त हो जाता हैरोज का सारा रूटीन ही ध्वस्त हो जाता हैआटे दाल का सब भाव पतापड़ जाता.....बीबी की अहमियत क्या है....🙌🏻😊ये पता चल जाता हैं....दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई, रात नींद को मनाने मे गुजर गई। जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं, सारी उमर उस घर को सजाने मे गुजर गई।हरि ऊँ 🙏🙏☺

Friday 13 August 2021

सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते हैं, जितनी जगह मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं।

10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मामी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बापअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।

।।नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।नागदेव फुफकारो आज कर दो दुष्टों का विनाश विगत वर्षों से निरंतर शोभा कुल की बढ़ाते नाग पंचमी के दिन हम नाम को दूध पिलाते हैं। देश में उपजे कई विकार मानवता पर किया प्रहार पाखंडियों का द्वार द्वार ,कर दो आज सर्वनाश । शिवजी तुमको ध्याते हैं हमको भी तुम भाते हो स्वप्न में कभी काल बनकर हरदम हमें सताते होलुका छुपी का खेल खेल में फिर ओझल हो जाते होहर लो सारे विष को आज कर दो विषाणु का विनाशसबसे कीमती नागमणि अपने कंठ में छुपाते होजब चाहे उसकी चमक से घूम घूम कर इठलाते हो एक बार फिर से जग में दूर करो यह अंधकार बिखेरो चारों ओर प्रकाशकर दो दुष्टों का विनाश

Monday 9 August 2021

#पति_पत्नी_एक_दूसरे_का_शोषण_करते_रहते_हैं । #OSHO सैकड़ो पति-पत्नियोँ को मैं जानता हूं, लेकिन ऐसे पति-पत्नी को मैंने नहीं देखा, जो एक-दूसरे पर क्रोध में न हों । उसका कारण है । होना स्वाभाविक है । क्योंकि जिस पर भी हम निर्भर होते है, उस पर क्रोध आता है । जिस पर भी हम निर्भर होते है, वह मालिक मालूम पड़ता है, हम गुलाम हो गए । और दोनों की यह प्रतीति है, क्योंकि दोनों ही निर्भर है । मालिक कोई भी नहीं, दोनों गुलाम है । और गुलाम की गुलामी, उस पर निर्भर रहना पड़ता है । और निर्भरता का एक-दूसरे पर वे शोषण करते है ।अक्सर अगर घर में विवाद हो, पत्नी जीत जाती है – चाहे गलत हो, चाहे सही हो – क्योंकि पति उस पर निर्भर है कामवासना के लिए । वह डरता है, व्यर्थ का विवाद खड़ा करो, वह कामवासना से इंकार कर देगी । झंझट करो, तो प्रेम मिलना मुश्किल हो जाएगा । और प्रेम चाहिए तो इतना सौदा करना पड़ता है । इसलिए अक्सर पति हार जाता है । और पत्नी जानती है । इसलिए दो ही मौके पर पत्नियां उपद्रव खड़ा करती है – या तो पति भोजन कर रहा हो, या प्रेम करने की तैयारी कर रहा हो । क्योंकि वही दो बातो पर वह निर्भर है । उन्ही दो बातों पर वह गुलाम है । इसलिए पति भोजन की थाली पर बैठा कि पत्नी की शिकायतें शुरू हो जाती है । उपद्रव शुरू हुआ । और पति डरता है कि किसी तरह भोजन… तो हां-हूं भरता है।और ध्यान रहे, भोजन और कामवासना दोनों जुड़े हैं । भोजन तुम्हारे अस्तित्व के लिए जरुरी है, व्यक्ति के; और कामवासना समाज के अस्तित्व के लिए जरुरी है । कामवासना एक तरह का भोजन है, समाज का भोजन । और वह व्यक्ति का भोजन है । दोनों बातों पर पति निर्भर है ।इसलिए बड़े से बड़ा पति, चाहे वह नेपोलियन क्यों न हो, घर लौटकर दब्बू हो जाता है । नेपोलियन भी जोसोफिन से ऐसा डरता है जैसे कोई भी पति अपनी पत्नी से डरता है । वह सब बहादुरी, युद्ध का मैदान, वह सब खो जाता है । क्योंकि यहां किसी पर निर्भर है । कुछ जोसोफिन से चाहिए, जो कि वह इंकार कर सकती है ।वेश्याएं ही अपने शरीर का सौदा करती है, ऐसा आप मत सोचना; पत्नियां भी करती है । क्योंकि यह सौदा हुआ कि इतनी बातों के लिए राजी हो जाओ, तो शरीर मिल सकता है; नहीं तो नहीं मिल सकता । शरीर चाहिए, तो इतनी बातों के लिए राजी हो जाओ ।इसलिए क्रोध पति का पत्नी पर बना रहता है । पत्नी का क्रोध पति पर बना रहता है । क्योंकि वह भी निर्भर है इस पर ।जहां भी निर्भरता है, वहां क्रोध होगा, वहां प्रेम नहीं हो सकता ।प्रेम तुम उसी दिन कर पाओंगे, जिस दिन तुम निर्भर नहीं हो । जिस दिन तुम स्वावलंबी हुए, प्रेम की दिशा में स्वावलंबी हुए । तुम अकेले भी हो सकते हो, और तुम्हारे आनंद में रत्तीभर फर्क नहीं पड़ेगा । बस, उस दिन तुम प्रेम कर सकोगे और उसी दिन पत्नी तुम्हारी तुम्हें सताना बंद करेगी । क्योंकि अब वह जानती है कि अब सताने का कोई अर्थ नहीं रहा, अब झुकाने का कोई उपाय नहीं रहा, निर्भरता समाप्त हो गई है ।#OSHOनहिं राम बिन ठांव, प्रवचन # १२

भाई-भाई का रिश्ता भगवान ने विपत्ति बाँटने के लिए बनाया था, लेकिन अफसोस आज ये सिर्फ संपत्ति बाँटने तक सिमट कर रह गया है...

Tuesday 3 August 2021

ll #स्नेह_के_आँसू ll गली से गुजरते हुए सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया। ऊपर से बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा। "बीबी जी ! सब्जी ले लो । बताओ क्या- क्या तोलना है। कई दिनों से आपने सब्जी नहीं खरीदी मुझसे, कोई और देकर जा रहा है?" सब्जी वाले ने चिल्लाकर कहा। "रुको भैया! मैं नीचे आती हूँ।"उसके बाद महिला घर से नीचे उतर कर आई और सब्जी वाले के पास आकर बोली - "भैया ! तुम हमारी घंटी मत बजाया करो। हमें सब्जी की जरूरत नहीं है।""कैसी बात कर रही हैं बीबी जी ! सब्जी खाना तो सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। किसी और से लेती हो क्या सब्जी ?" सब्जीवाले ने कहा। "नहीं भैया! उनके पास अब कोई काम नहीं है। और किसी तरह से हम लोग अपने आप को जिंदा रखे हुए हैं। जब सब ठीक होने लग जाएगा, घर में कुछ पैसे आएंगे, तो तुमसे ही सब्जी लिया करूंगी। मैं किसी और से सब्जी नहीं खरीदती हूँ। तुम घंटी बजाते हो तो उन्हें बहुत बुरा लगता है, उन्हें अपनी मजबूरी पर गुस्सा आने लगता है। इसलिए भैया अब तुम हमारी घंटी मत बजाया करो।" महिला कहकर अपने घर में वापिस जाने लगी। "ओ बहन जी ! तनिक रुक जाओ। हम इतने बरस से तुमको सब्जी दे रहे हैं । जब तुम्हारे अच्छे दिन थे, तब तुमने हमसे खूब सब्जी और फल लिए थे। अब अगर थोड़ी-सी परेशानी आ गई है, तो क्या हम तुमको ऐसे ही छोड़ देंगे ? सब्जी वाले हैं, कोई नेता जी तो है नहीं कि वादा करके छोड़ दें। रुके रहो दो मिनिट।" और सब्जी वाले ने एक थैली के अंदर टमाटर , आलू, प्याज, घीया, कद्दू और करेले डालने के बाद धनिया और मिर्च भी उसमें डाल दिया । महिला हैरान थी। उसने तुरंत कहा – "भैया ! तुम मुझे उधार सब्जी दे रहे हो, कम से कम तोल तो लेते, और मुझे पैसे भी बता दो। मैं तुम्हारा हिसाब लिख लूंगी। जब सब ठीक हो जाएगा तो तुम्हें तुम्हारे पैसे वापस कर दूंगी।" महिला ने कहा। "वाह..... ये क्या बात हुई भला ? तोला तो इसलिए नहीं है कि कोई मामा अपने भांजी -भाँजे से पैसे नहीं लेता है। और बहिन ! मैं कोई अहसान भी नहीं कर रहा हूँ । ये सब तो यहीं से कमाया है, इसमें तुम्हारा हिस्सा भी है। गुड़िया के लिए ये आम रख रहा हूँ, और भाँजे के लिए मौसमी । बच्चों का खूब ख्याल रखना। ये बीमारी बहुत बुरी है। और आखिरी बात सुन लो .... घंटी तो मैं जब भी आऊँगा, जरूर बजाऊँगा।" और सब्जी वाले ने मुस्कुराते हुए दोनों थैलियाँ महिला के हाथ में थमा दीं। अब महिला की आँखें मजबूरी की जगह स्नेह के आंसुओं से भरी हुईं थीं || Is Mahamari Mein Ek dusre ka Sath den ❤️❤️❤️❤️ ✍️✍️✍️✍️ ❤️❤️❤️❤️thanks for reading...🙏🙏

आज की दुनिया में सबसे बड़ा अपराध किसी को पैसा उधार देना है। और उससे भी बड़ा अपराध अपना उधार दिया पैसा वापिस मांगना। आप पैसे मांगते ही तुंरत दुश्मन लगने लगते हो। इसलिए आप उतना ही पैसा किसी को उधार दीजिए जितने को आप भूल सको। क्योंकि रिश्ते, नाते, दोस्ती तभी रह सकती है जब आप दिए हुए पैसे वापिस नही मांगो। ये मेरी निजी व व्यक्तिगत राय है।

दोस्ती पर कितना ही ज्ञान छाँट लो , पर जब कोई आपका क़रीबीदोस्त झटका देता हैं तोसारा ज्ञान धरा रह जाता है ।

लोगों से रिश्ता निभा के एक ही बात सीखी है कि किसी की हद से ज्यादा फ़िक्र करोगे तो वो इंसान तुम्हें रद्दी के भाव समझने लगेगा.

Monday 2 August 2021

सुकून से इसलिए हूँ... क्योंकि धोखा खाया है, दिया नहीं है..।

अन्त में हम दोनों ही होंगे !!!.***********************भले ही झगड़े, गुस्सा करे, एक दूसरे पर टूट पड़ेएक दूसरे पर दादागिरि करने के लिये, अन्त में हम दोनों ही होंगेजो कहना हे, वह कह ले, जो करना हे, वह कर लेएक दुसरे के चश्मे और लकड़ी ढूँढने में, अन्त में हम दोनों ही होंगेमैं रूठूं तो तुम मना लेना, तुम रूठो ताे मै मना लूँगाएक दुसरे को लाड़ लड़ाने के लिये, अन्त में हम दोनों ही होंगेआँखे जब धुँधली होंगी, याददाश्त जब कमजोर होंगीतब एक दूसरे को एक दूसरे मे ढूँढने के लिए, अन्त में हम दोनों ही होंगेघुटने जब दुखने लगेंगे, कमर भी झुकना बंद करेगीतब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए,अन्त में हम दोनों ही होंगे"मेरी हेल्थ रिपोर्ट एक दम नॉर्मल है, आइ एम आलराईटऐसा कह कर ऐक दूसरे को बहकाने के लिए, अन्त में हम दोनों ही होंगेसाथ जब छूट जायेगा, बिदाई की घड़ी जब आ जायेगीतब एक दूसरे को माफ करने के लिए, अन्त में हम दोनों ही होंगे......

Sunday 1 August 2021

Don't get bitter. Don't Hold a grudge. Be good to those who have done you wrong. Let God pay back the people that have hurt you. You're not the Judge. You're not the Jury. Leave it in God's hands.

पीवी सिंधू ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। दिल से सैल्यूट...#pvsindhu

'दोस्त' दोस्त तुम मेरे दोस्त हमेशा ही रहना, सुख हो या दु:ख तुम साथ मेरे चलना।कभी ज़िंदगी में धूप भी आएगी, तुम उस धूप में छावं मेरी बनना।रिश्तों की डोर भले छोटी हो, पर मजबूत दोस्ती का रिश्ता दोनों तरफ से रखना ।तुम हमेशा मेरे सच्चे दोस्त रहना, मैं पास रहो या दूर ये भेद न करना ।दुनियां कहती हैं और कहेगी, पर तुम बिलकुल रंज न करना।दोस्ती हमारी पक्की है और पक्की रहेगी, दोस्ती सच्ची है इसमें शक न करना ।कहते हैं दुनिया में भगवान ने हर रिश्ता बना दिया, पर दोस्ती एक एेसा रिश्ता हैं, जिसे हमें भगवान ने हमें खुद बनाने के लिए छोड़ दिया ।दोस्ती में अवगुण ओर दुर्गुण नही देखे जाते, दोस्त तो वह है जो हर मुश्किल में आगे आते हैं ।दोस्ती न अमीरी ना गरीबी देखती हैं, दोस्ती में न उम्र और न ही कॉसट होती हैं ।दोस्ती हो सच्ची तो अपनी ही होती हैं, दोस्ती तो भगवान के लिए भी एक मिसाल होती हैं ।अजी.........जैसे कृष्ण ओर सुदामा.......... 🌹🌹 मानवी

उनको भीदोस्ती की बधाई... जो हमारे सामने कुछ और हैं और पीठ पीछे कुछ और हैं,।

उस इंसान को कोई नहीं बदल सकता,, जिस इंसान को ख़ुद की गलती नज़र नहीं आती,,

एक बेटे के अनेक मित्र थे, जिसका उसे बहुत घमंड था। उसके पिता का एक ही मित्र था, लेकिन था सच्चा । एक दिन पिता ने बेटे को बोला कि तेरे बहुत सारे दोस्त है, उनमें से आज रात तेरे सबसे अच्छे दोस्त की परीक्षा लेते है। बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों, बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे।बेटे ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा नहीं खुला, बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद दोनो ने सुना कि अंदर से बेटे का दोस्त अपनी माताजी को कह रहा था कि माँ कह दे, मैं घर पर नहीं हूँ।यह सुनकर बेटा उदास हो गया, अतः निराश होकर दोनों घर लौट आए।फिर पिता ने कहा कि बेटे, आज तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूँ।दोनों रात के 2 बजे पिता के दोस्त के घर पहुंचे। पिता ने अपने मित्र को आवाज लगाई। उधर से जवाब आया कि ठहरना मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूँ। जब दरवाजा खुला तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपये की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी। पिता ने पूछा, यह क्या है मित्र। तब मित्र बोला....अगर मेरे मित्र ने दो बजे रात्रि को मेरा दरवाजा खटखटाया है, तो जरूर वह मुसीबत में होगा और अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है, या तो रुपये पैसे की या किसी से विवाद हो गया हो। अगर तुम्हें रुपये की आवश्यकता हो तो ये रुपये की थैली ले जाओ और किसी से झगड़ा हो गया हो तो ये तलवार लेकर मैं तुम्हारें साथ चलता हूँ। तब पिता की आँखे भर आई और उन्होंने अपने मित्र से कहा कि, मित्र मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं, मैं तो बस मेरे बेटे को मित्रता की परिभाषा समझा रहा था।ऐसे मित्र न चुने जो खुद गर्ज हो और आपके काम पड़ने पर बहाने बनाने लगे !!*अतः मित्र, कम चुनें, लेकिन नेक चुनें।*********************सभी बेशकीमती दोस्तों की दोस्ती को समर्पित... 🙏Jai Shri Krishna🙏

एक बेटे के अनेक मित्र थे, जिसका उसे बहुत घमंड था। उसके पिता का एक ही मित्र था, लेकिन था सच्चा । एक दिन पिता ने बेटे को बोला कि तेरे बहुत सारे दोस्त है, उनमें से आज रात तेरे सबसे अच्छे दोस्त की परीक्षा लेते है। बेटा सहर्ष तैयार हो गया। रात को 2 बजे दोनों, बेटे के सबसे घनिष्ठ मित्र के घर पहुंचे।बेटे ने दरवाजा खटखटाया, दरवाजा नहीं खुला, बार-बार दरवाजा ठोकने के बाद दोनो ने सुना कि अंदर से बेटे का दोस्त अपनी माताजी को कह रहा था कि माँ कह दे, मैं घर पर नहीं हूँ।यह सुनकर बेटा उदास हो गया, अतः निराश होकर दोनों घर लौट आए।फिर पिता ने कहा कि बेटे, आज तुझे मेरे दोस्त से मिलवाता हूँ।दोनों रात के 2 बजे पिता के दोस्त के घर पहुंचे। पिता ने अपने मित्र को आवाज लगाई। उधर से जवाब आया कि ठहरना मित्र, दो मिनट में दरवाजा खोलता हूँ। जब दरवाजा खुला तो पिता के दोस्त के एक हाथ में रुपये की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी। पिता ने पूछा, यह क्या है मित्र। तब मित्र बोला....अगर मेरे मित्र ने दो बजे रात्रि को मेरा दरवाजा खटखटाया है, तो जरूर वह मुसीबत में होगा और अक्सर मुसीबत दो प्रकार की होती है, या तो रुपये पैसे की या किसी से विवाद हो गया हो। अगर तुम्हें रुपये की आवश्यकता हो तो ये रुपये की थैली ले जाओ और किसी से झगड़ा हो गया हो तो ये तलवार लेकर मैं तुम्हारें साथ चलता हूँ। तब पिता की आँखे भर आई और उन्होंने अपने मित्र से कहा कि, मित्र मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं, मैं तो बस मेरे बेटे को मित्रता की परिभाषा समझा रहा था।ऐसे मित्र न चुने जो खुद गर्ज हो और आपके काम पड़ने पर बहाने बनाने लगे !!*अतः मित्र, कम चुनें, लेकिन नेक चुनें।*********************सभी बेशकीमती दोस्तों की दोस्ती को समर्पित... 🙏Jai Shri Krishna🙏

दोस्ती ::दोस्ती वो नहीं जो जान देती है, दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है है, -अरे सच्ची दोस्ती तो वो है.. ● जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।

Friday 30 July 2021

फालतू में खर्च करने से पहले उन लोगों का कर्ज उतार दें जिन्होंने आपको अच्छा इंसान समझकर उधार दिया था।

जो हम पढ़ते,लिखते और सुनते हैं, वही हमारे मन में बैठ जाता है, इसलिए पढ़ते, लिखते और सुनते समय ध्यान रखें।

Best graduation degree in life is B.Calm.

शब्द शक्ति है शब्द भाव है शब्द सदा अनमोल... शब्द बनाये शब्द बिगाड़े तोल मोल के बोल । संसार में सबसे बड़ी संवाद समस्या यह है कि हम किसी की बात को समझने के लिए नहीं सुनते...बल्कि उस बात का जवाब देने के लिए सुनते है।

लोगों की बातों में आकर किसी इंसान की ग़लत इमेज़ अपने दिमाग़ में बनाना, सबसे बड़ी बेवकूफ़ी है..

कोई बुरा करना चाहता है तो ये उनके कर्मों में लिखा जाएगा। हम क्यूँ किसी का बुरा सोच कर अपना कर्म और वक्त खराब करें ।

Wednesday 28 July 2021

इसे कहते है आत्मसम्मानदूसरों के सामने हाथ फैलाने से बेहतर अम्मा ने मेहनत करके खाना मंजूर किया

दूसरों के चरित्र पर शक करने से पहले एक बार ईमानदारी से खुद के चरित्र में झांक लीजिये।

कभी सुनी सुनाई बात पर यकीन मत कीजिए एक बात के तीन पहलू होते हैं आपका, उनका और सच

अकेले बैठ करखुद से एक सवाल करें की आपके मरने के बाद कितने लोगों को फर्क पड़ेगा... जिन लोगों को फर्क पड़ेगा उनका ख्याल करे बाकियोंको छोड़ दे...

Whatever you give away today,or think or say or dowill multiply about tenfoldand then return to you.It may not come immediately,nor from the obvious sourcebut the law applies unfailingly,through some invisible force.Whatever you feel about another,be it love or hate or passionwill surely bounce right back to youin some clear (or secret) fashionIf you speak about some person,a word of praise or two,soon, tens of other peoplewill speak kind words of you.Our thoughts are broadcasts of the soul,not secrets of the brain.Kind ones bring us happiness;petty ones, untold pain.Giving works as surelyas reflections in a mirror.If hate you send, hate you'll get back,but loving brings love nearer.Remember, as you start this dayand duty crowds your mind,that kindness comes so quickly backto those who first are kind.~ Author Unknown

Tuesday 27 July 2021

कितने अजीब होते हैं लोग, गलत साबित होने पर माफी नहीं मांगते...बल्कि, आपको गलत साबित करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं।

आज की दुनिया मे सबसे बड़ा अपराध किसी को पैसा उधार देना है। और उससे भी बड़ा अपराध अपना उधार दिया पैसा वापिस मांगना। आप पैसे मांगते ही तुंरत दुश्मन लगने लगते हो। इसलिए आप उतना ही पैसा किसी को उधार दीजिए जितने को आप भूल सको। क्योंकि रिश्ते, नाते, दोस्ती तभी रह सकती है जब आप दिए हुए पैसे वापिस नही मांगो। ये मेरी निजी व व्यक्तिगत राय है।

तजुर्बा कहता है ये जो बिना वजह आपकी हर बात पर हँसते हैं. गौर करना आपको यही लोग सांप की तरह डसते हैं!

Thursday 22 July 2021

*जब हम छोटे बच्चे थे, पड़ोस में जब किसी के यहां कंस्ट्रक्शन का काम चलता था तो रेती बाहर ही पड़ी रहती थी, हम उस पर खेलते कूदते थे।* *उस रेत पर हम छोटे छोटे घर बनाते थे, और कहते थे, यह मेरा घर, यह मेरा घर और कभी कभी जब वह ढह जाता था तो एक दूसरे से लड़ते भी थे, और कहते थे, ''ये मेरा एरिया है और वो तेरा"* *जबकि उस रेत की कोई कीमत नही रहती, और जब खेलते खेलते समय हो जाता, घर से मां पुकारती थी, चलो जल्दी खाना खा लो, बहुत देर हो गई है, जल्दी आओ।* *तो हम उस रेत को, उस एरिया को, यहां तक कि उस घर को जो हमने बनाया था, जिसके लिये लड़ रहे थे, उसे भी छोड़कर चले जाते थे।क्योंकि हम जानते थे, वह सिर्फ खेल कूद की ही जगह थी, हमारा असली घर तो वो है जहां से हमें पुकारा गया है।* *इस जीवन का भी ऐसा ही है जब मालिक का बुलावा आयेगा, सब जैसे का तैसा छोड़कर चले जाना है। फिर इन सांसारिक चीजों के लिये इतने समय की बर्बादी क्यों?* *विचार करें, जो कुछ करना है वो अब ही करना है। जो मकसद है वह करना है। मक्सद सिर्फ एक ही, परमात्मा की प्राप्ती!*🙏🙏🙏🙏🙏🙏

जहां पेड़ और पानी साथ हो... वहां हरियाली अपने आप आ जाती है। जीवन भी यही है... जहां मन की सरलता और परिवार के संस्कार हों वहां जिन्दगी में हरियाली आती है।

जब तेरा बोध हो जाता है मालिक!तो पता ही नहीं चलताकि मैंने काफिले छोड़ दिएया काफिलों ने मुझे छोड़ दिया।

कोई भी इंसान ऐसे ही अपने आप नहीं बदलता, जिंदगी में कुछ हादसे ऐसे हो जाते हैंजो इंसान कोबदलने पर मजबूर कर देते हैं..!

कदर करना सीख लो. ना जिंदगी वापस आती है... ना जिंदगी में आये हुये लोग....कई बार तबियत दवा लेने से नहीं, हाल पूछने से भी ठीक हो जाती है कैसे हो आप !!

Tuesday 20 July 2021

"अरदास की महिमा"अरदास करना कभी मत भूले, अरदास मेँ अपार शक्ति होती है रोज़ अरदास किया करो "ऐ मेरे सतगुरु जी" तेरे हर पल का "शुकराना",हर स्वांस का "शुकराना", हाथ थामने का "शुकराना", सिर पर हाथ रखने का "शुकराना", हर दुख से बचाने का "शुकराना", अंग संग रहने का"शुकराना", अपना बनाने का "शुकराना", जब समस्या भारी हो और आपकी ताकत उसके लिए काफी न होतो परेशान मत होना क्योंकि जहाँ हमारी ताकत खत्म होती है,वहां से गुरु की रहमत शुरू होती है

जो लोग दिल के अच्छे होते हैं,दिमाग वाले उनका जमकर फायदाउठाते हैं।

इंसान मुसीबतों से नहीं हारता वो उस समय हार जाता है जब मुसीबतों में अपने साथछोड़ देते है..

इंसान मुसीबतों से नहीं हारता वो उस समय हार जाता है जब मुसीबतों में अपने साथछोड़ देते है..