Monday, 24 June 2024

एक बार एक राज-महल में कामवाली बाई का लड़का खेल रहा था, खेलते खेलते उसके हाथ में एक हीरा आ गया, वो दौड़ता दौड़ता अपनी माँ के पास ले गया, माँ ने देखा और समझ गयी कि ये हीरा है तो उसने झूठमुठ का बच्चे को कहा कि ये तो कांच का टुकड़ा है और उसने उस हीरे को महल के बाहर फेंक दिया,और थोड़ी देर के बाद वो बाहर से हिरा उठा कर चली गयी, और उसने उस हीरे को एक सोनी को दिखाया, सोनी ने भी यही कहा ये तो कांच का टुकड़ा है और उसने भी बाहर फेंक दिया, वो औरत वहां से चली गयी बाद में उस सोनी ने वो हिरा उठा लिया और जोहरी के पास गया और जोहरी को हीरा दिखाया। जोहरी को पता चल गया की ये तो एक नायाब हीरा है और उसकी नियत बिगड़ गयी और उसने भी सोनी को कहा की ये तो कांच का टुकड़ा है और उसने उठा के हीरे को बाहर फेंक दिया और बाहर गिरते ही वो हिरा टूट कर बिखर गया!एक आदमी इस पूरे वाकये को देख रहा था, उसने जाके हीरे को पूछा, जब तुम्हे दो बार फेका गया तब नहीं टूटे और तीसरी बार क्यों टूट गए?हीरे ने जवाब दिया:- ना वो औरत मेरी कीमत जानती थी और नाही वो सोनी। मेरी सही कीमत वो जोहरी ही जानता था और उसने जानते हुए भी मेरी कीमत कांच की बना दी बस मेरा दिल टूट गया और में टूट के बिखर गया!जब किसी इन्सान की सही कीमत जानते हुए भी लोग नाकारा कहते है तो वो भी हीरे की तरह टूट जाता है और कभी आगे नहीं बढ़ सकता है,इसलिये अगर आपके आसपास कोई भाई-बहन बेटी बहु या कोई भी हो अगर वो अपने हुनर को निखारते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करता है तो उसका हौसला बढाओ, support करो और यह ना भी कर सको तो कम से कम हीरे को काच बताकर तोड़ने का काम भी मत करो!🙏🏻 हीरा खुद एक दिन अपनी जगह ले लेगा!👍🏻#story