सुनो स्त्रियों जब रहना मुश्किल हो जाए समाज में --- जब हर रिश्ता काटने को दौड़े जब हर रिश्ता बेवजह तोहमत लगाए --- जब ससुराल पक्ष के लोग दुश्मन नजर आए... जब मन घुटने लगे... और दुनिया छोड़ जाने का मन करने लगे - खुद को खत्म करने के अनेक विचार आयेँ .. तब एक पल को ठहरना और सोचना जरूर.. कि खुद को खत्म करके मिलना क्या है.. साबित कर दी जाओगी समाज के द्वारा उद्दंड साबित कर दी जाओगी जिद्दी साबित कर दी जाओगी बदचलन... तुम्हारी चिता की राख ठंडी होने से पहले ही... लोग ढूंढने लगेंगे तुम्हारा ऑप्शन... हो सकता है तुम्हारे पति को तुम से बेहतर पत्नी मिल जाए. तुम्हारी सास और नंद को तुमसे अच्छी बहू और भाभी मिल जाए... ऐसा सदियों से होता आया है... इसलिए--- तुम शक्ति बटोरनाशांत चित्त होकर बैठना और साँसे लेना दो चार बार सामान्य ढंग से...और शक्ति बटोर लेना जीने के लिए लड़ाई करना - जीवन को भरपूर जीना जीवन छोड़ना कोई ऑप्शन नहीं जीवन बिताना ही दरियादिली है और एक स्त्री में होती है इतनी शक्ति -- वह पार कर सकती है सभी दुर्गम रास्तों को ,--गर मन में ठान ले ---