Thursday, 11 April 2019

भले ही लड़ लेना – झगड़ लेना, पिट जाना – पीट देना, मगर बोल – चाल बंद मत करना। क्योकि बोल – चाल के बंद होते ही, सुलह के सारे दरबाजे बंद हो जाते है। गुस्सा बुरा नहीं है। गुस्से के बाद आदमी जो बैर पाल लेता है, वह बुरा है।।