Sunday 28 April 2019

इस जीवन की चादर में सांसों के ताने बाने हैं'। दुख की थोड़ी सी सलवट हैं , सुख के कुछ फूल सुहाने हैं । क्यों सोचें आगे क्या होगा, अब कल के कौन ठिकाने हैं। ऊपर बैठा वो बाजीगर जाने क्या मन में ठाने है। चाहे जितना भी जतन करें भरने का दामन तारों से, झोली में वो ही आएँगे, जो तेरे नाम के दाने हैं।