Saturday, 7 September 2019

तू मायूस न हो न तू थका है न तू झुका है तू तो बस कुछ पल के लिए रुका है ... बेशक़ चाँद को छूने का ख्वाब था ,आँखे नम है पर करोड़ो दिलो को छू लिया वो भी क्या कम है ये चन्द किलोमीटर क्या तेरी प्रतिभा को दर्शाएंगे तेरे बिना तो वो चाँद तारे भी अकेले नजर आएंगे कर महनत लिख दे तू अब नई परिभाषा ... अब तो चाँद को भी है तिरंगे की अभिलाषा।