Monday, 30 November 2020
सतगुरु नानक परगटया..।।मिटी धुंध जग चानण होआ..।।धन धन श्री गुरू नानक देव जी के प्रकाश उत्सव की आप सभी को लख-लख बधाईयां...।। सतनाम श्री वाहेगुरु जी..।।SAT GURU NANAK PARGATIYAA..!MITTI DHUNDH JAGG CHAANAN HOAAA..!!DHAN DHAN SHRI GURU NANAK DEV JI KE PARKASH UTSAV KI AAP SABHI KO LAKH LAKH VADHAYIA..!!SATNAM SHRI WAHEGURU JI..!!!#waheguruji#DhanGuruNanak
Saturday, 28 November 2020
Friday, 27 November 2020
Thursday, 26 November 2020
Wednesday, 25 November 2020
Tuesday, 24 November 2020
Monday, 23 November 2020
कल सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ ..🤔"हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣लाइट क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ..🙄"आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ".. 🤣चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया ..🤪"मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।"🤣🤣🤣🤣🤣एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ..🙄"यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।"इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ..🙄"अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए "..😂😂😂😂गोलगप्पे के ठेले पर एक स्लोगन लिखा था ..😜"गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें" ..🤣🤣🤣🤣फल भंडार वाले ने तो स्लोगन लिखने की हद ही कर दी ..😅"आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे ".. 🤣🤣🤣घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब स्लोगन लिखा ..?"भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें..."..🤣🤣🤣🤣ज्योतिषी ने बोर्ड पर स्लोगन लिखवाया ..😅"आइए .. मात्र 100 रुपए में अपनी ज़िंदगी के आने वाले एपिसोड देखिए ..."🤣🤣🤣बालों के तेल क़ी एक कंपनी ने हर प्रोडक्ट पर एक स्लोगन लिखा ..😜"भगवान ही नहीं, हम भी बाल बाल बचाते हैं।" ..😂😂😂😂अंत में शराब की दुकान पर लिखा सबसे अच्छा सबसे बढ़िया स्लोगन- "बोतल शराब की ख़ुद "ख़ाली" होकर🍾दूसरों को "फ़ुल" कर देती है !! परोपकार की जय!!!🤗🤗🤗🤗🤗 ".. 🤣🤣
एक औरत को आखिरक्या चाहिए होता है?एक बार जरुर पढ़े ये छोटी सी कहानी: राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए।हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा...यदि तुम एक प्रश्न का जवाब हमें लाकर दे दोगे तो हम तुम्हारा राज्य लौटा देंगे, अन्यथा उम्र कैद के लिए तैयार रहें।प्रश्न है.. एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ?इसके लिए तुम्हारे पास एक महीने का समय है हर्षवर्धन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया..वे जगह जगह जाकर विदुषियों, विद्वानों और तमाम घरेलू स्त्रियों से लेकर नृत्यांगनाओं, वेश्याओं, दासियों और रानियों, साध्वी सब से मिले और जानना चाहा कि एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? किसी ने सोना, किसी ने चाँदी, किसी ने हीरे जवाहरात, किसी ने प्रेम-प्यार, किसी ने बेटा-पति-पिता और परिवार तो किसी ने राजपाट और संन्यास की बातें कीं, मगर हर्षवर्धन को सन्तोष न हुआ।महीना बीतने को आया और हर्षवर्धन को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला..किसी ने सुझाया कि दूर देश में एक जादूगरनी रहती है, उसके पास हर चीज का जवाब होता है शायद उसके पास इस प्रश्न का भी जवाब हो..हर्षवर्धन अपने मित्र सिद्धराज के साथ जादूगरनी के पास गए और अपना प्रश्न दोहराया।जादूगरनी ने हर्षवर्धन के मित्र की ओर देखते हुए कहा.. मैं आपको सही उत्तर बताऊंगी परंतु इसके एवज में आपके मित्र को मुझसे शादी करनी होगी ।जादूगरनी बुढ़िया तो थी ही, बेहद बदसूरत थी, उसके बदबूदार पोपले मुंह से एक सड़ा दाँत झलका जब उसने अपनी कुटिल मुस्कुराहट हर्षवर्धन की ओर फेंकी ।हर्षवर्धन ने अपने मित्र को परेशानी में नहीं डालने की खातिर मना कर दिया, सिद्धराज ने एक बात नहीं सुनी और अपने मित्र के जीवन की खातिर जादूगरनी से विवाह को तैयार हो गयातब जादूगरनी ने उत्तर बताया.."स्त्रियाँ, स्वयं निर्णय लेने में आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं | "यह उत्तर हर्षवर्धन को कुछ जमा, पड़ोसी राज्य के राजा ने भी इसे स्वीकार कर लिया और उसने हर्षवर्धन को उसका राज्य लौटा दियाइधर जादूगरनी से सिद्धराज का विवाह हो गया, जादूगरनी ने मधुरात्रि को अपने पति से कहा..चूंकि तुम्हारा हृदय पवित्र है और अपने मित्र के लिए तुमने कुरबानी दी है अतः मैं चौबीस घंटों में बारह घंटे तो रूपसी के रूप में रहूंगी और बाकी के बारह घंटे अपने सही रूप में, बताओ तुम्हें क्या पसंद है ?सिद्धराज ने कहा.. प्रिये, यह निर्णय तुम्हें ही करना है, मैंने तुम्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया है, और तुम्हारा हर रूप मुझे पसंद है ।जादूगरनी यह सुनते ही रूपसी बन गई, उसने कहा.. चूंकि तुमने निर्णय मुझ पर छोड़ दिया है तो मैं अब हमेशा इसी रूप में रहूंगी, दरअसल मेरा असली रूप ही यही है।बदसूरत बुढ़िया का रूप तो मैंने अपने आसपास से दुनिया के कुटिल लोगों को दूर करने के लिए धरा हुआ था ।अर्थात, सामाजिक व्यवस्था ने औरत को परतंत्र बना दिया है, पर मानसिक रूप से कोई भी महिला परतंत्र नहीं है।इसीलिए जो लोग पत्नी को घर की मालकिन बना देते हैं, वे अक्सर सुखी देखे जाते हैं। आप उसे मालकिन भले ही न बनाएं, पर उसकी ज़िन्दगी के एक हिस्से को मुक्त कर दें। उसे उस हिस्से से जुड़े निर्णय स्वयं लेने दें।
Sunday, 22 November 2020
Saturday, 21 November 2020
Friday, 20 November 2020
Thursday, 19 November 2020
Wednesday, 18 November 2020
Tuesday, 17 November 2020
Monday, 16 November 2020
Sunday, 15 November 2020
Saturday, 14 November 2020
एक दिया ऐसा भी हो , जोभीतर तलक प्रकाश करे ,एक दिया मुर्दा जीवन में ,फिर आकर कुछ श्वास भरे |एक दिया सादा हो इतना ,जैसे साधु का जीवन ,एक दिया इतना सुन्दर हो ,जैसे देवों का उपवन |एक दिया जो भेद मिटाए ,क्या तेरा क्या मेरा है ,एक दिया जो याद दिलाये ,हर रात के बाद सवेरा है |एक दिया उनकी खातिर हो ,जिनके घर में दिया नहीं ,एक दिया उन बेचारों का ,जिनको घर ही दिया नहीं |एक दिया सीमा के रक्षक ,अपने वीर जवानों का ,एक दिया मानवता-रक्षक ,चंद बचे इंसानों का |एक दिया विश्वास दे उनको ,जिनकी हिम्मत टूट गयी ,एक दिया उस राह में भी हो ,जो कल पीछे छूट गयी |एक दिया जो अंधकार का ,जड़ के साथ विनाश करे ,एक दिया ऐसा भी हो , जोभीतर तलक प्रकाश करे ||आपको दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज की अग्रिम ढेंरों बधाई एवं शुभकामनाएं ! 🌹🙏🙏🙏🙏🌹
Friday, 13 November 2020
खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है। हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये🙏बाल रंगने है तो रंगिये, वज़न कम रखना है तो रखिये, मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,बच्चों की तरह खिलखिलाइये, अच्छा सोचिये, अच्छा माहौल रखिये, शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये। कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती, कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,कोई तेल बाल नही उगाता, कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता। चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि .....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं। ये सब कुदरती होता है। उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है। पुरानी मशीन को Maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नही कर सकते।ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम। किसी क्रीम में केसर नही होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती ! कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....फिर भी हम सुंदर हैं, अपनी सुंदरता को पहचानिए।दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं ...और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही।आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,यह खाओ, वो मत खाओ ठंडा खाओ, गर्म पीओ, कपाल भाती करो, सवेरे नीम्बू पीओ,रात को दूध पीओज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो दाहिने से सोइये ,बाहिने से उठिए,हरी सब्जी खाओ, दाल में प्रोटीन है,दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !!आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।ये सारा ऑर्गेनिक, एलोवेरा, करेला, मेथी, पतंजलि में फंसकर दिमाग का दही हो जाता है। स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है।अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।हर चीज़ सही मात्रा में खाइये, हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है। *भोजन का संबंध मन से होता है* *और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।**मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।*थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,टहलने जाइये, लाइट कसरत करिये,व्यस्त रहिये, खुश रहिये,शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये
Thursday, 12 November 2020
Tuesday, 10 November 2020
Monday, 9 November 2020
Sunday, 8 November 2020
Saturday, 7 November 2020
Friday, 6 November 2020
Wednesday, 4 November 2020
Tuesday, 3 November 2020
"ये गृहणियाँ भी थोड़ी पागल होती हैं"-----------------------------------------------सलीके से आकार दे कररोटियों को गोल बनाती हैंऔर अपने शरीर को हीआकार देना भूल जाती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं।।ढेरों वक्त़ लगा कर घर काहर कोना कोना चमकाती हैंउलझी बिखरी ज़ुल्फ़ों कोज़रा सा वक्त़ नही दे पाती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं।।किसी के बीमार होते हीसारा घर सिर पर उठाती हैंकर अनदेखा अपने दर्दसब तकलीफ़ें टाल जाती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं ।।खून पसीना एक करसबके सपनों को सजाती हैंअपनी अधूरी ख्वाहिशें सभीदिल में दफ़न कर जाती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं।।सबकी बलाएँ लेती हैंसबकी नज़र उतारती हैंज़रा सी ऊँच नीच हो तोनज़रों से उतर ये जाती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं।।एक बंधन में बँध करकई रिश्तें साथ ले चलती हैंकितनी भी आए मुश्किलेंप्यार से सबको रखती हैंये गृहणियाँ भीथोड़ी पागल सी होती हैं।।मायके से सासरे तकहर जिम्मेदारी निभाती हैकल की भोली गुड़िया रानीआज समझदार हो जाती हैंये गृहणियाँ भी.....वक्त़ के साथ ढल जाती हैं।।Author: Unknown
Monday, 2 November 2020
Sunday, 1 November 2020
Subscribe to:
Posts (Atom)