Friday, 13 November 2020

अब कहां दुआओं में वो बरक्कतें है, कहाँ वो नसीहतें हैं...कहाँ वो हिदायतें होती है, अब तो बस जरूरतों काजुलुस हैं... मतलबों के सलाम हैं...