Sunday, 31 October 2021
Saturday, 30 October 2021
Friday, 29 October 2021
Thursday, 28 October 2021
Wednesday, 27 October 2021
Tuesday, 26 October 2021
Monday, 25 October 2021
Sunday, 24 October 2021
Saturday, 23 October 2021
Thursday, 21 October 2021
Tuesday, 19 October 2021
*ज़िन्दगी से लम्हे चुरा* *बटुए में रखती रही!**फुरसत से खर्चूँगी**बस यही सोचती रही।* *उधड़ती रही जेब**करती रही तुरपाई**फिसलती रही खुशियाँ**करती रही भरपाई।**इक दिन फुरसत पायी**सोचा .......**खुद को आज रिझाऊं**बरसों से जो जोड़े**वो लम्हे खर्च आऊं।**खोला बटुआ..लम्हे न थे**जाने कहाँ रीत गए!**मैंने तो खर्चे नही**जाने कैसे बीत गए !!* *फुरसत मिली थी सोचा* *खुद से ही मिल आऊं।**आईने में देखा जो**पहचान ही न पाऊँ।**ध्यान से देखा बालों पे**चांदी सी चढ़ी थी,**थी तो मुझ जैसी पर**जाने कौन खड़ी थी।* *(हम सब की कहानी )*
Monday, 18 October 2021
Sunday, 17 October 2021
Saturday, 16 October 2021
Friday, 15 October 2021
Wednesday, 13 October 2021
Monday, 11 October 2021
इस दुनिया में सच कहना दुश्मन बनाना है। इस दुनिया में किसी से भी सच कहना दुश्मन बनाना है। झूठ बड़ी मित्रताएं स्थापित करता है। कभी एक दफा देखें, चौबीस घण्टे तय कर लें कि सच ही बोलेंगे! आप पाएंगे सब मित्र विदा हो गए। चौबीस घंटा, इससे ज्यादा नहीं। पत्नी अपना सामान बांध रही है, लड़के-बच्चे कह रहे हैं: नमस्कार मित्र कह रहे हैं कि तुम ऐसे आदमी थे! सारा जगत शत्रु हो जायेगा।- ओशो
Friday, 8 October 2021
Thursday, 7 October 2021
Monday, 4 October 2021
Sunday, 3 October 2021
Saturday, 2 October 2021
Friday, 1 October 2021
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