Sunday, 17 October 2021

उधार दीजिए मगर सोच समझकर, अपने ही पैसे भिखारी बनकर मांगने पड़ते हैं... और अगला सेठ बनकर तारीख पर तारीख देता है.. बात कड़वी जरूर है पर सच्ची है!