Monday, 8 August 2022

तरक़्क़ी इतनी हुई है की हज़ारों मील दूर बैठे लोगों को सुन सकते हैं ,और देख सकते हैं। और बेशर्म इतने हुए हैं की पास बैठे अपनों की ना तकलीफ़ दिखती है, ना महसूस होती है...।