"उठो सुबह हो गई चाय नहीं पीनी" "नहीं मैंने सुबह की चाय पीनी छोड़ दी है" "क्यों ""जब तुम थी तो सुबह सुबह मेरे हाथ की बनी चाय पीती थी, हम दोनों खुली छत या बरांडे में चाय की चुस्की लेते थे, परंतु अब नहीं"" मगर क्यों ? ""क्योंकि वो चाय नहीं प्यार का ही एक रूप था, तुम्हारे चले जाने के बाद, अब चाय की प्याली का क्या मतलब ? " "अरे ये क्या तुम बिस्तर झाड़ रहे हो,चादर ठीक कर रहे हो ?" "हां कर रहा हूं ""मेरे होने पर तो नहीं करते थे""तब मैं यह काम तुम्हारा समझता था,एक बेफिक्री थी । अब तुम्हारे सारे काम में खुद ही करता हूं ""बहुत सुधर गए हो, अब क्या करोगे ?"" टहलने जाऊंगा ""वहीं जहां मेरे साथ कभी कभी जाते थे"" हां वही ढूंढता हूं तुम्हें ,लेकिन तुम मिलती ही नहीं, निराश होकर लौट आता हूं ""फिर क्या करते हो ?"थोड़ी देर बाद नहाने चला जाता हूं ""इतनी सुबह सुबह पहले तो तुम 12:00 बजे के बाद नहाते थे तुम्हारे साथ साथ मेरी भी तो देर से नहाने की आदत हो गई थी""हां मगर अब सुबह ही नहा लेता हूं"" क्यों ?""क्योंकि अब जिंदगी के मायने बदल गये हैं "" नहाने के बाद क्या करते हो ?"" पूजा करता हूं भगवान जी और तुम्हारे फोटो के सामने अगरबत्ती जलाता हूं ""मेरे फोटो के सामने"" हां " "किस लिए ?""भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह तुम्हारी आत्मा को शांति प्रदान करें"और हर जन्म में मुझे तुम ही पत्नी के रूप में मिलो. "मेरा इतना ख्याल रखते हो," "इतना प्यार करते हो मुझे"" पहले भी रखता था बस तुम समझती नहीं थी"" मैं भी तो रखती थी तुम ही कहां समझते थे"" हां,कह तो ठीक ही रही हो" "अब क्या करोगे ? "अब योग ,प्राणायाम आदि करूंगा " "मेरे सामने तो नहीं करते थे"" तब मन शांत था, अब मन को शांत करना होता है"" चाय भी नहीं पीई, कुछ खाया भी नहीं है ,नाश्ता नहीं करोगे ?""हां ,10:00 बजे करूंगा""अरे, नाश्ते में ये क्या खा रहे हो?"" जो बना है ""अब फरमाइश नहीं करते"" नही अब बहुत कम, हाँ जब कभी तुम्हारी बनाई डिश की याद आती है तो कभी कभी मांग लेता हूं"" अक्सर क्यों नहीं ?""तुमसे ही तो करता था, क्योंकि तुम पर मेरा एक विशेष अधिकार था इसलिए ,उसमें भी अधिकतर तो तुम बिना कहे ही मेरी पसंद की डिश बना लाती थी"" तो अब कहकर बनवा लिया करो ""जो तुम बनाती थीं वो हर कोई थोड़े ही बना सकता है ? वैसे भी मेरे स्वाद और पसंद तो तुम्हारे साथ चले गए" "अच्छा,अब क्या करोगे ?""अब 2 घंटे मोबाइल चलाऊंगा"तुम्हारे लिए कुछ लिखूंगा"2 घंटे ? ""क्यों ? ऊपर जाने के बाद भी मेरे मोबाइल से तुम्हारा बैर खत्म नहीं हुआ?"" मैं,शुरु शुरु में ही तो टोका करती थी बाद में तो टोकना बंद कर दिया था"" हां बंद तो कर दिया था , लेकिन तुम्हारे मन में मेरा मोबाइल हमेशा सौत ही बना रहा, बस दिखावे के लिए चुप रहती थी" "अच्छा अब लड़ो नहीं, चलो चला लो लिख लो"" तुम तो 2 घण्टे से भी ज्यादा देर तक चलाते रहे "***"हां ,तुम टोकने वाली नहीं थी ना" "अच्छा,अब भी उलाहना ,अब क्या करोगे ?"" अब आंखें थक गई हैं थोड़ी देर आंखों को आराम दूंगा, आंख बंद करके लेटूंगा ।"" अच्छा है आराम कर लो""अरे सोते ही रहोगे 2:30 बज गए तुम्हारा खाने का टाइम तो 12:00 बजे का है उठो खाना खा लो ""अच्छा क्या बना है ?""पता नहीं ""देखता हूं ""यह सब्जी, यह तो तुम्हें बिल्कुल पसन्द नही थी ""लेकिन ,अब पसन्द है "" कैसे ?""क्योंकि जब तुम थी तो मुझे चैलेंज करती थी ना कि मैं ही हूं जो तुम्हारे सारे नखरे बर्दाश्त करती हूं ,मैं चली जाऊंगी तब पता चलेगा "" अब तुम चली गई अपने साथ-साथ मेरे सारे नखरे और तुनक मिजाजी भी ले गई,अब तो मैं तुम्हारे सारे चैलेंज स्वीकार कर चुका हूं" "बहुत बदल गए हो" गलत ,बदल नहीं गया हूं, असल में जो मैं था वह तो तुम साथ ले गई ,अब तो बस शरीर है सांसे चल रही है ,कब तक चलेंगी,पता नहीं ""अरे देखो तुम्हारी कामवाली ने तुम्हारी पसंद का लाफिंग बुद्धा तोड़ दिया"" टूट जाने दो ""अरे,तुम्हें गुस्सा नहीं आया"" नहीं अब मुझे गुस्सा नहीं आता"" क्यों ?"" क्योंकि गुस्सा तो अपनों पर आता है, तुम तोड़ती तो जरूर आता, इस पर कैसा गुस्सा ?"" काश ! तुम मेरे होते हुए भी ऐसे ही होते हैं ?""हां, मैं भी यही सोचता हूं कि मैं तुम्हारे होते हुए ऐसा क्यों नहीं था ? क्यों हमने जिंदगी के कितने ही अमूल्य पल नोकझोंक अपने ईगो में गंवा दिए ?"" मुझे याद करते हो ?"" भूलता ही नहीं,तो याद करने की बात कहां से आ गई, हर समय मेरे चारों ओर जो घूमती रहती हो, "" रात हो गयी है, चलो अब सो जाओ तुम्हारे सोने का समय हो गया है,"" अच्छा ठीक है " "अरे ! सोते-सोते उठ कर कहां जा रहे हो ?""टीवी बंद कर दूँ ,अब तुम तो हो नहीं जो मेरे सोने के बाद बंद कर दोगी ""मैं तो अब चाह कर भी तुम्हारी मदद नहीं कर सकती, तुम्हें छू भी नहीं सकती । चलो, दूर से ही थपकी देकर सुला देती हूँ " "चलो सुला दो, अब सो ही जाता हूं ...."अगर इस कहानी का एक भी शब्द आपके मन को छुआ है अगर आंखे थोड़ी भी नम हुई हैं,तो अभी सही समय है अपने जीवनसाथी से क्षमा मांगने का अगर आप भी उस पर बात बात गुस्सा करते हैं, गले लगिए और मांग लीजिए अपनी हर गलती के लिए उससे माफी उसके जीते जी उसे बता दीजिए आप उससे कितना प्यार करते हैं,क्योंकि बो भी आपसे असीम प्रेम करती है😢😢#hindistorytelling #beautifullife