Monday, 6 November 2023

क्या होता है दुनिया छोड़कर जाना ! संग सोफे पर बैठकर रिमोट के लिए लड़ने वाले काउसी कमरे की दीवार पर एकमुस्कुराती तस्वीर में कैद हो जाना....क्या होता है दुनिया छोड़कर जाना !आँगन ,दर , दहलीज़ सब पहले से हर समान है जस का तस सिर्फ एक चेहरे की मौजूदगी कासदा के लिए कम हो आना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना !कैलेंडर के पन्ने पलटते जाते तारीखें अनन्त के सफर पर ।वक्त के पहिये घूमने के बावजूदजिंदगी का ठहर जाना ।क्या होता है किसी का जाना !दुनिया भर के हँसी-ठठो में एक खिलखिलाहट का कम हो जाना ।सर से तकिया छीनने वाले कोबाँस पर लिटा सफ़ेद चादर ओढ़ाना ।इतना ही है किसी का छोड़कर जाना !आदतन उनको पुकारने परजवाब में अटूट सन्नाटा पाना ।हिदायतों के साथ देते थे जोउन सामानों का लावारिस गर्द खाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना ...भरम सा बना रहता जैसेकही घूमने गए शाम लौट आएंगे ।हर त्यौहार, हर मौके परछाती पर पड़े पत्थर का वज़न बढ़ जाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना...भीड़ में जो हुए है तन्हा कदम पैमाना नही तौले जो वो खालीपन ।रैक में पड़ी चप्पल का रखा रह जाना परसी एक थाली का कम हो जाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जानाक्या होता है किसी का छोड़कर जाना(शेयर करने अनुमति की आवश्यकता नही है ।)Madhu- writer at film writer's association Mumbai