Monday, 27 May 2024
Saturday, 25 May 2024
ससुराल में साली काबाग़ में माली काहोंठो में लाली कापुलिस में गाली कामकान में नाली काकान में बाली कापूजा में थाली काखुशी में ताली का ------ बड़ा महत्व है।फलों में आम काभगवान में राम कामयखाने में जाम काफैक्ट्री में काम कासुर्ख़ियों में नाम काबाज़ार में दाम कामोहब्ब्त में शाम का ------- बड़ा महत्व है।व्यापार में घाटा कालड़ाई में चांटा कारईसों में टाटा काजूतों में बाटा कारसोई में आटा का ----- बड़ा महत्व है।फ़िल्म में गाने काझगड़े में थाने काप्यार में पाने काअंधों में काने कापरिंदों में दाने का ----- बड़ा महत्व है।ज़िंदगी में मोहब्ब्त कापरिवार में इज्ज़त कातरक्की में किसमत कादीवानो में हसरत का ------ बड़ा महत्व है।पंछियों में बसेरे कादुनिया में सवेरे काडगर में उजेरे काशादी में फेरे का ------ बड़ा महत्व है।खेलों में क्रिकेट काविमानों में जेट काशरीर में पेट कादूरसंचार में नेट का ----- बड़ा महत्व है।मौजों में किनारों कागुर्वतों में सहारों कादुनिया में नज़ारों काप्यार में इशारों का ------ बड़ा महत्व है।खेत में फसल कातालाब में कमल काउधार में असल कापरीक्षा में नकल का। ----- बड़ा महत्व है।ससुराल में जमाई कापरदेश में कमाई काजाड़े में रजाई कादूध में मलाई का ----- बड़ा महत्व है।बंदूक में गोली कापूजा में रोली कासमाज में बोली कात्योहारों में होली काश्रृंगार में रोली का ----- बड़ा महत्व है।बारात में दूल्हे कारसोई में चूल्हे का ------- बड़ा महत्व है।सब्जियों में आलू काबिहार में लालू कामशाले में बालू काजंगल में भालू काबोलने में तालू का ------- बड़ा महत्व है।मौसम में सावन काघर में आँगन कादुआ में दामन कालंका में रावन का ------- बड़ा महत्व है।चमन में बहार काडोली में कहार काखाने में अचार कामकान में दीवार का ----- बड़ा महत्व हैसलाद में मूली काफूलों में जूली कासज़ा में सूली कास्टेशन में कूली का ------ बड़ा महत्व है।पकवानों में पूरी कारिश्तों में दूरी काआँखों में भूरी कारसोई में छूरी का ---- बड़ा महत्व है।माँ की गोदी कादेश में मोदी का ----- बड़ा महत्व है।खेत में साप कासिलाई में नाप का टीवीखानदान में बाप का ----- बड़ा महत्व हे। 🙏🙏🌹 राम राम जी 🌹
Thursday, 23 May 2024
Saturday, 18 May 2024
#baap #beti #,rishta #beautifullife बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है, क्यों, चलिए आज आप विस्तारित रूप से समझिए।बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर करके रोता है।माँ बेटी के रिश्तों पर तो बात होती ही है, पर बाप और बेटी का रिश्ता भी समुद्र से गहरा है।हर बाप घर के बेटे को गाली देता है, धमकाता और मारता है, पर वही बाप अपनी बेटी की हर गलती को नकली दादागिरी दिखाते हुए, नजर अंदाज कर देता है।बेटे ने कुछ मांगा तो एक बार डांट देता है, पर अगर बिटिया ने धीरे से भी कुछ मांगा तो बाप को सुनाई दे जाता है और जेब में रूपया हो या न हो पर बेटी की इच्छा पूरी कर देता है।दुनिया उस बाप का सब कुछ लूट ले तो भी वो हार नही मानता, पर अपनी बेटी के आंख के आंसू देख कर खुद अंदर से बिखर जाए उसे बाप कहते हैं।और बेटी भी जब घर में रहती है, तो उसे हर बात में बाप का घमंड होता है। किसी ने कुछ कहा नहीं कि वो बेटी तपाक से बोलती है, "पापा को आने दे फिर बताती हूं।"बेटी घर में रहती तो माँ के आंचल में है, पर बेटी की हिम्मत उसका बाप रहता है।बेटी की जब शादी में विदाई होती है तब वो सबसे मिलकर रोती तो है, पर जैसे ही विदाई के वक्त कुर्सी समेटते बाप को देखती है, जाकर झूम जाती है, और लिपट जाती है, और ऐसे कसके पकड़ती है अपने बाप को जैसे माँ अपने बेटे को। क्योंकि उस बच्ची को पता है, ये बाप ही है जिसके दम पर मैंने अपनी हर जिद पूरी की थी।खैर बाप खुद रोता भी है, और बेटी की पीठ ठोक कर फिर हिम्मत देता है, कि बेटा चार दिन बाद आ जाऊँगा, तुझको लेने और खुद जान बूझकर निकल जाता है, किसी कोने में और उस कोने में जाकर वो बाप कितना फूट फूट कर रोता है, ये बात सिर्फ एक बेटी का बाप ही समझ सकता है।जब तक बाप जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और घर में भी ज़िद कर लेती है और कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे बाप का घर है। पर जैसे ही बाप मरता है और बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है कि, सारे रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है।और वो बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है, क्योंकि उस दिन उसका बाप ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती हैं।आपने भी महसूस किया होगा कि बाप की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई- भाभी के घर वो जिद नहीं करती जो अपने पापा के वक्त करती थी, जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया क्योंकि जब तक उसका बाप था तब तक सब कुछ उसका था यह बात वो अच्छी तरह से जानती है। आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहती हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है। बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है।
Thursday, 16 May 2024
मेरी बेटी बड़ी हो गई,साथ मेरे खड़ी हो गई।डांट देती मुझे ऐसे,मेरी वो सहेली हो गई।बीपी शुगर क्यों बड़ाई आपने,क्यों मीठा खाया आपने ।पहन लेती हो कुछ तो भी कपड़े बेतुके ,मैं दिलाऊ तुम्हें कुछ ढंक के।हो जाती हैं नाराज मुझसे,मैं फिर करती हूं बात उससे।कुर्ती पहन रखी इतनी बड़ी,जी लो खुद के लिए दो घड़ी। सफेद बाल क्यों रख रखे?मेंहदी लगाने से क्यों डर रहे । सहज योग, मेडिटेशन क्यों नही करते,अपने आप को पॉजिटिव क्यो नही रखते।मॉर्निंग वाक पर जाओ,अपना मन ध्यान योग पर लगाओ।नेगेटिव विचार मन से हटा दो,अपना मन भक्ति में लगा दो।मेरी हर कमी पुरी हो गई,मेरी बेटी बड़ी हो गई। दुनियां से लड़ेगी मेरे लिए,मेरे कंधे से ऊंची हों गई,मैरी बिटिया मुझसे समझदार हो गई।।#maa #beti.
Wednesday, 15 May 2024
Tuesday, 14 May 2024
*भक्ति और कर्म जीवन रुपी गाड़ी के दो पहियों के समान हैं ।* *मनुष्य दिन रात भक्ति करे,मगर उसके कर्म अच्छे ना हो तो जीवन व्यर्थ है ।* *और अगर मनुष्य के कर्म अच्छे हो और जीवन मे उस परमात्मा के नाम का रस ना हो तो भी मानव जीवन का कोई महत्व नही ।* *इसलिये जीवन को अगर सुखी बनाना चाहते हो तो भक्ति और कर्म दोनो अच्छे होने चाहिये ।।**🙏✨जय गुरुजी महाराज दया करो🙏🕉️*
Tuesday, 7 May 2024
जानने की आकांक्षा सुख दुख से ऊपर नहीं ले जाती जाननें के बाद ये समाप्त होता हैजो जैसा चल रहा उसे स्वीकार करना जैसे एक बच्चा कर लेता है कभी रो कर कभी हँस कर इसलिए ही वह बेफिक्र रहता है.. क्योंकि पाने या खोने या मान लेने के लिए वो बुद्धि को ज्यादा देर तक नहीं लगाता बच्चा गफ़लत में ही अपना बचपन व्यतीत कर देता है.. और बचपन अच्छा होता है मुद्दा ये नहीं है , ...मुद्दा ये है की किसी भी विषय पर ज्यादा देर विश्लेषण नहीं करना ही बचपन है. #beautifullife #bachpan #Hindisuvihar #Adhyatama
❤️ एक औरत की कमी तब अखरती हैजब वो चली जाती है, और वापस लौट कर नहीं आतीछत पर लगे जाले व आँगन की धूलहटाने में संकोच आता है।" तुम्हारी ये सफाई " कहने का मौकानहीं मिल पाता !!😢एक औरत की कमी तब अखरती हैजब कालरों की मैल छुटाने मेंपसीना छूट जाता हैचूडियां साथ में नहीं खनकतीउसका "मेहनतकश" होना याद आता है !!❤️एक औरत की कमी तब अखरती हैजब घर में देर से आने पररोटियां ठंडी हो जाती है सब्जियों मेंतुम्हारी पसंद का जायका नहीं रहताऔर तुमसे यह कहते नही बनता"मुझे ये पसंद नहीं "!!❤️एक औरत की कमी तब अखरती हैजब बच्चा रात को ज़ोर से रोता हैआप अनमने से उठ जाते होऔर यह नहीं कह पाते"कितनी लापरवाह हो तुम"!!❤️एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप रात में अकेले सोते हैंकरवट बदलते रहते हैं बगल मेंपर हाथ धरने पर कुछ नहीं मिलता!!❤️एक औरत की कमी तब अखरती हैजब त्यौहारों के मौसम मेंनयी चीज़ों के लिए कोई नहीं लड़ताऔर तुमसे ये कहते नही बनता"और पैसे नहीं हैं "!!❤️एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप गम के बोझ तले दबे होते हैं ,निपट अकेले रोते हैंऔर आपके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं होताआप किसी से कुछ नहीं कह पातेहाँ, औरत की कमी तब अखरती जरूर है!! ......... ...... ......... ...... ......... ...... ..... ..... ..... हर उस औरत की कमी अखरती है जो संस्कारी, गृहकार्य में दक्ष तथा हर रिश्ते को बखूबी निभाना जानती है। #beautifullife #hindisuvichsr
Monday, 6 May 2024
जानने की आकांक्षा सुख दुख से ऊपर नहीं ले जाती जाननें के बाद ये समाप्त होता हैजो जैसा चल रहा उसे स्वीकार करना जैसे एक बच्चा कर लेता है कभी रो कर कभी हँस कर इसलिए ही वह बेफिक्र रहता है.. क्योंकि पाने या खोने या मान लेने के लिए वो बुद्धि को ज्यादा देर तक नहीं लगाता बच्चा गफ़लत में ही अपना बचपन व्यतीत कर देता है.. और बचपन अच्छा होता है मुद्दा ये नहीं है , ...मुद्दा ये है की किसी भी विषय पर ज्यादा देर विश्लेषण नहीं करना ही बचपन है. #beautifullife #bachpan #Hindisuvihar #Adhyatama
Friday, 3 May 2024
If someone misses, then the person certainly will look for you and make a call. If the person needs you, the man will tell about that firmly. Do not go looking for proofs of care. The person certainly will relate to you with warmth if the person cares. If it didn’t occur, then the person doesn’t deserve your attention. Do not waste your time to the people who do not value your presence in their life. Stay with those people who appreciate you and who surround with you of love. Your time is not endless, and you should spend it with the people who need that, as well as who you need too.Beautifullifeskl
उर्दू के टीचर ने सवाल पूछा-*नाकाम इश्क़"* और *मुकम्मल इश्क़* में क्या फर्क होता है?स्टूडेंट ने जवाब दिया:*नाकाम इश्क* बेहतरीन शायरी करता है, ग़ज़ल गाता है, पहाड़ों में घूमता है, उम्दा शराब पीता है..*मुकम्मल इश्क, सब्ज़ी के साथ मुफ्त में धनिया कैसे मिले,रास्ते से ब्रेड लाने, और दाल में नमक ज़्यादा/कम , संडे को पंखा साफ़ करने, घर के मच्छर मारने, में दम तोड़ देता है..*😜😁🙏🏻
🏺कभी भी गिलास में पानी ना पियें,जानिए लोटे और गिलास के पानी में अंतर⚱भारत में हजारों साल की पानी पीने की जो सभ्यता है वो गिलास नही है, ये गिलास जो है विदेशी है. गिलास भारत का नही है. गिलास यूरोप से आया. और यूरोप में पुर्तगाल से आया था. ये पुर्तगाली जबसे भारत देश में घुसे थे तब से गिलास में हम फंस गये. गिलास अपना (भारत का) नहीं हैं।अपना लोटा है. और लोटा कभी भी एकरेखीय नही होता. वागभट्ट जी कहते हैं कि जो बर्तन एकरेखीय हैं उनका त्याग कीजिये. वो काम के नही हैं. इसलिए गिलास का पानी पीना अच्छा नही माना जाता. लोटे का पानी पीना अच्छा माना जाता है. इस पोस्ट में हम गिलास और लोटे के पानी पर चर्चा करेंगे और दोनों में अंतर बताएँगे.⚱फर्क सीधा सा ये है कि आपको तो सबको पता ही है कि पानी को जहाँ धारण किया जाए, उसमे वैसे ही गुण उसमें आते है. पानी के अपने कोई गुण नहीं हैं. जिसमें डाल दो उसी के गुण आ जाते हैं. दही में मिला दो तो छाछ बन गया, तो वो दही के गुण ले लेगा. दूध में मिलाया तो दूध का गुण.⚱लोटे में पानी अगर रखा तो बर्तन का गुण आयेगा. अब लौटा गोल है तो वो उसी का गुण धारण कर लेगा. और अगर थोडा भी गणित आप समझते हैं तो हर गोल चीज का सरफेस टेंशन कम रहता है. क्योंकि सरफेस एरिया कम होता है तो सरफेस टेंशन कम होगा. तो सरफेस टेंशन कम हैं तो हर उस चीज का सरफेस टेंशन कम होगा. और स्वास्थ्य की दष्टि से कम सरफेस टेंशन वाली चीज ही आपके लिए लाभदायक है.अगर ज्यादा सरफेस टेंशन वाली चीज आप पियेंगे तो बहुत तकलीफ देने वाला है. क्योंकि उसमें शरीर को तकलीफ देने वाला एक्स्ट्रा प्रेशर आता है.🏺गिलास और लोटे के पानी में अंतर---+---+---+---+---+---+---+---+---+---गिलास के पानी और लोटे के पानी में जमीं आसमान का अंतर है. इसी तरह कुंए का पानी, कुंआ गोल है इसलिए सबसे अच्छा है. आपने थोड़े समय पहले देखा होगा कि सभी साधू संत कुए का ही पानी पीते है. न मिले तो प्यास सहन कर जाते हैं, जहाँ मिलेगा वहीं पीयेंगे. वो कुंए का पानी इसीलिए पीते है क्यूंकि कुआ गोल है, और उसका सरफेस एरिया कम है. सरफेस टेंशन कम है. और साधू संत अपने साथ जो केतली की तरह पानी पीने के लिए रखते है वो भी लोटे की तरह ही आकार वाली होती है. 🏺सरफेस टेंशन कम होने से पानी का एक गुण लम्बे समय तक जीवित रहता है. "पानी का सबसे बड़ा गुण है सफाई करना".अब वो गुण कैसे काम करता है वो आपको बताते है. आपकी बड़ी आंत है और छोटी आंत है, आप जानते हैं कि उसमें मेम्ब्रेन है और कचरा उसी में जाके फंसता है. पेट की सफाई के लिए इसको बाहर लाना पड़ता है. ये तभी संभव है जब कम सरफेस टेंशन वाला पानी आप पी रहे हो. अगर ज्यादा सरफेस टेंशन वाला पानी है तो ये कचरा बाहर नही आएगा, मेम्ब्रेन में ही फंसा रह जाता है.🏺दुसरे तरीके से समझें, आप एक एक्सपेरिमेंट कीजिये. थोडा सा दूध ले और उसे चेहरे पे लगाइए, 5 मिनट बाद रुई से पोंछिये. तो वो रुई काली हो जाएगी. स्किन के अन्दर का कचरा और गन्दगी बाहर आ जाएगी. इसे दूध बाहर लेकर आया. अब आप पूछेंगे कि दूध कैसे बाहर लाया तो आप को बता दें कि दूध का सरफेस टेंशन सभी वस्तुओं से कम है. तो जैसे ही दूध चेहरे पर लगाया, दूध ने चेहरे के सरफेस टेंशन को कम कर दिया .क्योंकि जब किसी वस्तु को दूसरी वस्तु के सम्पर्क में लाते है तो वो दूसरी वस्तु के गुण ले लेता है.🏺इस एक्सपेरिमेंट में दूध ने स्किन का सरफेस टेंशन कम किया और त्वचा थोड़ी सी खुल गयी. और त्वचा खुली तो अंदर का कचरा बाहर निकल गया. यही क्रिया लोटे का पानी पेट में करता है. आपने पेट में पानी डाला तो बड़ी आंत और छोटी आंत का सरफेस टेंशन कम हुआ और वो खुल गयी और खुली तो सारा कचरा उसमें से बाहर आ गया. जिससे आपकी आंत बिल्कुल साफ़ हो गई. अब इसके विपरीत अगर आप गिलास का हाई सरफेस टेंशन का पानी पीयेंगे तो आंते सिकुडेंगी क्यूंकि तनाव बढेगा. तनाव बढते समय चीज सिकुड़ती है और तनाव कम होते समय चीज खुलती है. अब तनाव बढेगा तो सारा कचरा अंदर जमा हो जायेगा और वो ही कचरा , मुल्व्याद जैसी सेंकडो पेट की बीमारियाँ उत्पन्न करेगा.🏺इसलिए कम सरफेस टेंशन वाला ही पानी पीना चाहिए. इसलिए लोटे का पानी पीना सबसे अच्छा माना जाता है, गोल कुए का पानी है तो बहुत अच्छा है. गोल तालाब का पानी, पोखर अगर खोल हो तो उसका पानी बहुत अच्छा. नदियों के पानी से कुंए का पानी अधिक अच्छा होता है. क्योंकि नदी में गोल कुछ भी नही है वो सिर्फ लम्बी है, उसमे पानी का फ्लो होता रहता है. नदी का पानी हाई सरफेस टेंशन वाला होता है और नदी से भी ज्यादा ख़राब पानी समुन्द्र का होता है उसका सरफेस टेंशन सबसे अधिक होता है.🏺अगर प्रकृति में देखेंगे तो बारिश का पानी गोल होकर धरती पर आता है. मतलब सभी बूंदे गोल होती है क्यूंकि उसका सरफेस टेंशन बहुत कम होता है. तो गिलास की बजाय पानी लोटे में पीयें. लोटे ही घर में लायें. गिलास का प्रयोग बंद कर दें. तो वागभट्ट जी की बात मानिये और लोटे को वापिस लाइए और प्रयोग करें।। Beautifullifeskl.
Wednesday, 1 May 2024
#maa कहते हैं पुरुषों के हिस्सें,कई माएँ आती हैं।माँ तो होतीं हीं हैं,बहनें भी माँ बन जाया करतीं हैं।विवाह के बाद,पत्नी भी माँ सा दुलार रखती हैं।बड़ी होतीं बेटियाँ भी अक्सर, पिता से माँ का स्नेह जताती हैं।लेकिन स्त्रियों के हिस्सें,बस एक बार हीं माँ आती हैं।उसका भी एक समय सीमा होता है,मायके के दहलीज लांघते हीं,ये माँ भी अक्सर पीछे छुट जातीं हैं।उसके बाद उस स्त्री से जीवनभर,कोई माँ सा लाड़ नहीं जताता।इसतरह "माँ" के प्यार से, वंचित रहती हैं स्त्रियाँ ताउम्र...#beautifullife
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