जानने की आकांक्षा सुख दुख से ऊपर नहीं ले जाती जाननें के बाद ये समाप्त होता हैजो जैसा चल रहा उसे स्वीकार करना जैसे एक बच्चा कर लेता है कभी रो कर कभी हँस कर इसलिए ही वह बेफिक्र रहता है.. क्योंकि पाने या खोने या मान लेने के लिए वो बुद्धि को ज्यादा देर तक नहीं लगाता बच्चा गफ़लत में ही अपना बचपन व्यतीत कर देता है.. और बचपन अच्छा होता है मुद्दा ये नहीं है , ...मुद्दा ये है की किसी भी विषय पर ज्यादा देर विश्लेषण नहीं करना ही बचपन है. #beautifullife #bachpan #Hindisuvihar #Adhyatama