माँ के माथे की लकीरें सिर्फ उम्र की निशानी नहीं होतीं,वो हर उस चिंता की कहानी होती हैं जो उसने तेरे लिए की है।जब बेटा दिन-रात मेहनत करता है,जब उसकी कमाई से माँ के चेहरे पर मुस्कान लौटती है,और वो चिंता की लकीरें धीरे-धीरे गायब होने लगती हैं…तब समझ लेना —वो दिन ही असली "सफलता" का दिन होता है।ना कोई अवॉर्ड चाहिए, ना शोहरत…बस माँ की आँखों में सुकून हो —यही है असली जीत। ❤️