Sunday, 16 December 2018

मुखौटे तमाम थे,,कुछ चेहरों पर.! गलती मेरी थी,, कि मैंने सिर्फ मुहब्बत ही पढ़ी.। साजिश वाला पासा देखा ही नहीं !s.k.l.