Sunday, 27 January 2019

पहले 20 रुपए की लेदर की बॉल के लिए ११ दोस्त पैसे इकट्ठे करते थे ,, और आज बॉल तो अकेले ला सकते हैं पर 11 दोस्त इकटठे नहीं होते.

जो हम में कमियां बताता है समझ लो वही काबिल बनाता है! Skl.

मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन यकीन हो गया जब मैंने अमीर और गरीब का एक जैसा कफ़न देखा

कामयाबी उन्ही लोगों के कदम चूमती है, जो अपनें फ़ैसलों से दुनियाँ बदल कर रख देते हैं और नाकामयाबी उन लोगों का मुकद्दर बन कर रह जाती है जो लोग दुनियाँ के डर से अपनें फैसले बदल दिया करते हैं|

पिता की दौलत पर* *घमंड करने में क्या खुद्दारी,* *मजा तो तब है जब दौलत* *अपनी हो और घमंड पिता करे।*

यदि कहने के लिए कुछ अच्छा नहीं हो तो चुप रहना ही एक बेहतर विकल्प है ।

पिता की दौलत पर घमंड करने में क्या खुद्दारी मजा तो तब है जब दौलत अपनी हो और घमंड पिता करे...

यदि कहने के लिए कुछ अच्छा नहीं हो तो चुप रहना ही एक बेहतर विकल्प है ।

Thursday, 24 January 2019

आज से बेहतर कुछ नहीं क्योंकि कल कभी आता नहीं और आज कभी जाता नहीं।

एक बार मोमबत्ती के अंदर के धागे ने कहा, ”मैं जलता हूं तो, तू क्यों पिघलती है?” मोमबत्ती ने उत्तर दिया, ”जिसको दिल में जगह दी वो जब बिछड़ता है तो, आंसू खुद-ब-खुद निकल ही आते हैं.” एक बार शमा ने इर्द–गिर्द डोलते परवाने से कहा, ”मैं जलती हूं तो, तू मेरे साथ क्यों जलता है?” परवाने ने उत्तर दिया, ”जिसके साथ दिल लगाया वो ही जल जाए तो, मेरे रहने का कोई मकसद ही नहीं रहता है.” एक बार कमल के फूल ने भंवरे से पूछा ”क्यों डोलता है मेरे इर्द-गिर्द?” तुझे पता है कि, मैं सूरज के ओझल होते-होते बंद हो जाऊंगा भंवरे ने उत्तर दिया, ”जिसके साथ हो मन का डेरा उसीके भीतर ही रहूं तो अच्छा है, अन्यथा जीते रहने का कोई आनंद ही नहीं रहता है.”

वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं; वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं; कभी कह दिया अपना तो कभी कर दिया पराया; दिन और रात की तरह ज़िंदगी के एहसास बदल जाते हैं।

Tuesday, 22 January 2019

दीपक  मिट्टी का है या  चांदी का , यह  महत्बपूर्ण नहीं है, बल्कि वो  अँधेरा होने पर प्रकाश कितना देता है , यह महत्बपूर्ण है । उसी तरह मित्र गरीब है या  अमीर है , यह महत्बपूर्ण नहीं , बल्कि वो आपके  कठिन समय में आपका कितना  साथ देता है ; यह महत्बपूर्ण है।

सच्चाई ये नही की "इंसान" बदल जाते हैं ... सच तो ये है की "नकाब" उतर जाते हैं....!,

वक्त ही खराब हो तो किस्मत को क्या दोष देना

वक्त कहता है मैं फिर न आऊंगा, मुझे खुद नहीं पता तुझे हसाऊंगा या रुलाऊंगा, जीना है तो इस पल को जी ले, क्योंकि मै किसी भी हाल में इस पल को, अगले पल तक रोक न पाऊंगा।.

Friday, 11 January 2019

इस जीवन की चादर में, सांसों के ताने बाने हैं, दुख की थोड़ी सी सलवट है, सुख के कुछ फूल सुहाने हैं. क्यों सोचे आगे क्या होगा, अब कल के कौन ठिकाने हैं, ऊपर बैठा वो बाजीगर , जाने क्या मन में ठाने है. चाहे जितना भी जतन करे, भरने का दामन तारों से, झोली में वो ही आएँगे, जो तेरे नाम के दाने है।

तस्वीर का रंग चाहे जो भी हो, मुस्कान का रंग हंमेशा खुबसूरत होता है ।

कफ़न "- भी क्या चीज़ है.. जिसने बनाया उसने बेच दिया.. जिसने खरीदा उसने इस्तेमाल ही नही किया.. और जिसने इस्तेमाल किया उसे मालूम ही नहीँ ..।

गुस्सा अकेला आता है, मगर हमसे सारी अच्छाई ले जाता है। सब्र भी अकेला आता है, मगर हमें सारी अच्छाई दे जाता है !! परिस्थितियाँ जब विपरीत होती हैं , तब व्यक्ति का "प्रभाव और पैसा" नहीं "स्वभाव और सम्बंध" काम आते हैं । जो ईश्वर के सामने झुकता है .... ईश्वर उसे किसी के सामने झुकने नही देता ।

ढूँढना ही है तो परवाह करने वालों को ढूँढिये.. इस्तेमाल करने वाले तो खुद ही आपको ढूँढ लेंगे..

बहुत शौक था हमें सबको जोडकर* रखने का….. होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकडे देखे..!!…

Monday, 7 January 2019

लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें

तन की जाने, मन की जाने, जाने चित की चोरी । ऊस साहिब से क्या छिपावे जिसके हाथ है सब की डोरी…

रूलाएगा खुदा उन्हें भी एक दिन जरूर, रिवाज़ बना रखा है जिन्होंने, दिल तोड़ने का।

हर इंसान दुसरो को बदलने में लगा हुआ है!खुद को बदलने का तो कोई विचार ही नही करता। :जलालुदीन रूमी : एक सूफी फकीर हुए। जब वो जवान थे तो खुदा से कहा मुझे इतनी ताकत दे कि दुनिया को बदल दूँ। खुदा ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर समय बीता। रूमी ने कहा खुदा इतनी ताकत दे कि मैं अपने बच्चों को बदल सकुं। फिर कोई जवाब नहीं मिला। रूमी जब बूढ़ा हो गया उसने कहा कि खुदा इतनी ताकत दे कि मैं खुद को बदल सकुं। तब खुदा ने कहा कि रूमी ये बात तो जवानी में पूछता तो कभी की क्रांति घट जाती। दुनिया में सबसे ज्यादा कलेश यही है, पत्नी अपने पति को बदलना चाहती है, पति अपनी पत्नी को, माँ बाप अपने बच्चों को,, बस इसी जद्दोजहद में जीवन बीत जाता है।पर कोई अपने आप को बदलना नहीं चाहता।۔۔۔

Saturday, 5 January 2019

जिसको भगवान की कृपा पर भरोसा है, और उनके न्याय पर विश्वास है : उसको संसार की कोई स्थिति विचलित नहीं कर सकती !

तुम कितने भी अच्छे काम करो, कितने भी अच्छे बनो, ईमानदार बनो, पर दुनिया तो तुम्हारी एक गलती के इंतजार में रहती है।

यदि आप एक बार अपने साथियों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे।

फुर्सत नहीं है इन्सान को घर से मन्दिर तक जाने की..। ख्वाहिश रखता है श्मशान से सीधे स्वर्ग जाने की..।

उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है ; फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है ।

Wednesday, 2 January 2019

मुँह पर कड़वा बोलने वाले लोग कभी धोखा नहीं देते, डरना तो मीठा बोलने वालों से चाहिए जो दिल मे नफरत पालते है ओर वक्त के साथ बदल जाते हैं।

Indhan छोटे थे, माँ उपले थापा करती थी हम उपलों पर शक्लें गूँधा करते थे आँख लगाकर – कान बनाकर नाक सजाकर – पगड़ी वाला, टोपी वाला मेरा उपला – तेरा उपला – अपने-अपने जाने-पहचाने नामों से उपले थापा करते थे हँसता-खेलता सूरज रोज़ सवेरे आकर गोबर के उपलों पे खेला करता था रात को आँगन में जब चूल्हा जलता था हम सारे चूल्हा घेर के बैठे रहते थे किस उपले की बारी आयी किसका उपला राख हुआ वो पंडित था – इक मुन्ना था – इक दशरथ था बरसों बाद – मैं श्मशान में बैठा सोच रहा हूँ आज की रात इस वक्त के जलते चूल्हे में इक दोस्त का उपला और गया ! Gulzar

मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नहीं दोस्तों… कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शख्स ही काफी है…।

जिंदगी तो अपने हिसाब से जीनी चाहिए, औरों के कहने पर तो सर्कस में शेर भी नाचते हैं ।

गलतफहमियों के सिलसिले आज कल इतने दिलचस्प हैं, कि हर ईंट यही सोचती है कि पूरी दीवार मुझ पर ही टिकी है..!!

Appreciation And Criticism Both Should Be Accepted Gracefully As Rain And Sun Both Are Required To Grow up the Flowers.skl