एक बार मोमबत्ती के अंदर के धागे ने कहा,
”मैं जलता हूं तो, तू क्यों पिघलती है?”
मोमबत्ती ने उत्तर दिया, ”जिसको दिल में जगह दी वो जब बिछड़ता है तो,
आंसू खुद-ब-खुद निकल ही आते हैं.”
एक बार शमा ने इर्द–गिर्द डोलते परवाने से कहा,
”मैं जलती हूं तो, तू मेरे साथ क्यों जलता है?”
परवाने ने उत्तर दिया, ”जिसके साथ दिल लगाया वो ही जल जाए तो,
मेरे रहने का कोई मकसद ही नहीं रहता है.”
एक बार कमल के फूल ने भंवरे से पूछा ”क्यों डोलता है मेरे इर्द-गिर्द?”
तुझे पता है कि, मैं सूरज के ओझल होते-होते बंद हो जाऊंगा
भंवरे ने उत्तर दिया, ”जिसके साथ हो मन का डेरा उसीके भीतर ही रहूं तो अच्छा है,
अन्यथा जीते रहने का कोई आनंद ही नहीं रहता है.”