Thursday, 4 July 2019

भरोसा हो तो खामोशी भी समझी जा सकती हैं। बिना भरोसे के हर शब्द ग़लत समझा जाता हैं। भरोसा ही हर "रिश्ते" की नींव होती हैं। Skl.