Tuesday, 6 August 2019

कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है, पर मैं बेईमान नहीं। मैं सबको अपना मानता हूँ, सोचता फायदा या नुकसान नहीं। एक शौक है, अपनी मर्जी से जीने का, कोई और मुझमें गुमान नहीं। छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ, वैसा मैं इंसान नहीं।