Thursday, 8 August 2019

फूंक मारकर हम 'दीया' को "बुझा" सकते है ... पर "अगरबत्ती" को 'नहीं' क्योंकि ... जो "महकता" है... उसे कौन "बुझा" सकता है... और जो "जलता" है वह "खुद बुझ" जाता है!