इनको नहीं पता कोरोना क्या है? इनको कोरोना होगा भी नहीं, इन्हें न स्वाइन फ्लू हुआ था न बर्ड फ्लू, इन्हें साबुन नहीं मालूम तो सेनेटाइजर तो दूर की बात है.। इन्हें बस मालूम है कि सड़कों पर से लोग गायब है, मंदिर बंद है, रेल्वे स्टेशन बस स्टैण्ड पर आवाजाही कम है और इनको भीख नहीं मिलने वाली ये न कुछ खरीद सकते हैं और न जमा कर सकते हैं. इन्हें भूखे ही सोना है और अगर ये मरेंगे तो भूख से ही मरेंगे.।आप सभी से निवेदन है कि जब तक लॉक डाउन की परिस्थित बनी रहेगी तब तक इन्हें हर तरीके से मदद करें।, ध्यान रहे हमारे देश में जितना लोग खाते हैं उससे ज्यादा नाली मे फेंक देते हैं बावजूद इसके ये भूख से न भरें.।हम कर रहे हैं आप भी करें. थाली बाद मे भी बजा सकते हैं पहले इनकी थाली में अनाज होना चाहिए.।कुछ भी करो पर इंसानियत को मरने मत दो, धर्म और राजनीति से पहले इंसानियत होती है. मानव धर्म का पालन करें।ईश्वर से प्रार्थना करें कि"प्रभु मुझे सिर्फ इतना देना कि मैं मेरे घर परिवार वाले भूखे न रहें और मेरे दरवाजे पर आया मानव भूखा न जाए"।🙏🙏शुक्रिया धन्यवाद