Friday, 25 September 2020

चिंता से चतुराई घटे,घटे रूप और ज्ञान। चिंता बड़ी अभागिनी,चिंता चिता समान ।तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोय ,अनहोनी होनी नहीं, होनी होय सो होय ।