उम्रदराज न बनेंउम्र को दराज़ में रख देंखो जाएं ज़िन्दगी मेंमौत का इन्तज़ार न करेंजिनको आना है आएजिसको जाना है जाएपर हमें जीना हैये न भूल जाएंजिनसे मिलता है प्यारउनसे ही मिलें बार बारमहफिलों का शौक रखेंदोस्तों से प्यार करेंजो रिश्ते हमें समझ सकेंउन रिश्तों की कद्र करेंबंधें नहीं किसी से भीना किसी को बँधने परमजबूर करेंदिल से जोड़ें हर रिश्ताऔर उन रिश्तों से दिल से जुड़े रहेंहँसना अच्छा होता हैपर अपनों के लियेरोया भी करेंयाद आएं कभी अपने तोआँखें अपनी नम भी करेंज़िन्दगी चार दिन की हैतो फिर शिकवे शिकायतेंकम ही करेंउम्र को दराज़ में रख देंउम्रदराज़ न बनें।........