Saturday 11 December 2021

* सबसे सुंदर बात * कोई भी मनुष्य किस बात को, किस प्रकार से समझता है। यह उसकी मानसिकता तय करती है। कोई दूसरों की थाली में से भी, छीन कर खाने में अपनी शान समझता है तो कोई अपनी थाली में से दूसरों को, निवाले खिला कर संतुष्ट होता है। सारा खेल संस्कारों, समझ, और मानसिकता का है लेकिन एक बात तो तय है कि छीन कर, खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता। और बाँट कर खाने वाले, कभीभी भूखे नहीं रहते।