कभी आपने महसूस किया है कि बस में सफर करते समय अगर हम पीछे की सीट में बैठते हैं तो धक्के ज्यादा लगते हैं। जैसे जैसे हम आगे की सीट पे जाते हैं तो धक्के कम लगते हैं। ड्राइवर और हमारी सीट में अंतर ज्यादा तो धक्के ज्यादा, ड्राइवर और हमारी सीट में अंतर कम तो धक्के कम। हमारी जीवन रूपी गाड़ी के ड्राइवर, सारथी, ईश्वर हैं ईश्वर से अंतर ज्यादा तो धक्के ज्यादा, ईश्वर से अंतर कम तो धक्के कम इसलिये परमात्मा से सच्चा और गहरा सम्बन्ध जोड़ें।