Monday, 15 April 2024

लड़के ! हमेशा खड़े रहेखड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रहीबस उन्हें कहा गया हर बारचलो तुम तो लड़के होखड़े हो जाओछोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहेकक्षा के बाहर.. स्कूल विदाई परजब ली गई ग्रुप फोटो,लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं,और लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहेवे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं..कॉलेज के बाहर खड़े होकर,करते रहे किसी लड़की का इंतज़ार,या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे,एक झलक, एक हाँ के लिएअपने आपको आधा छोड़ वे आज भीवहीं रह गए हैं...बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे,मंडप के बाहर बारात का स्वागत करने के लिएखड़े रहे रात भर हलवाई के पास,कभी भाजी में कोई कमी ना रहेखड़े रहे खाने की स्टाल के साथ,कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाएखड़े रहे विदाई तकदरवाजे के सहारे और टैंट केअंतिम पाईप के उखड़ जाने तकबेटियाँ-बहनें जब तक वापिस लौटेंगीवे खड़े ही मिलेंगे...वे खड़े रहे पत्नी को सीट पर बैठाकर,बस या ट्रेन की खिड़की थाम कर वे खड़े रहेबहन के साथ घर के काम में,कोई भारी सामान थामकरवे खड़े रहेमाँ के ऑपरेशन के समयओ. टी.के बाहर घंटों. वे खड़े रहेपिता की मौत परअंतिम लकड़ी के जल जाने तकवे खड़े रहे ,अस्थियाँ बहाते हुए गंगा के बर्फ से पानी मेंलड़कों ! रीढ़ तो तुम्हारी पीठ में भी है,क्या यह अकड़ती नहीं.....?- #marad #boys #gents #admit