Saturday 4 May 2019

स्त्री सब सह लेती है,सबसे ज्यादा दर्द बर्दाश्त करने की, क्षमता उसी में है। बचपन में, भेदभाव ससुराल के उलाहने सहने, के बाद भी नहीं टूटती ; “बस” टूटती हैै तो सिर्फ एक वजह से , कि जिस हमसफर के लिए वो सब त्याग कर आई , एक वहीं उसे समझ नहीं पाता है ।