Tuesday, 15 October 2019

फूलों की तरह मुस्कुराते रहिये, भंवरों की तरह गुनगुनाते रहिये, चुप रहने से रिश्तें भी उदास हो जाते है, कुछ उनकी सुनिए कुछ अपनी सुनाते रहिये, भूल जाइए शिकवे शिकायतें की पलों को और छोटी छोटी खुशियों के मोती लुटाते रहिये !!