Tuesday, 23 June 2020

मनुष्य की प्रतिष्ठा उसकी छाया की भांति है।  जब वह मनुष्य के आगे चलती है , तो बहुत बड़ी हो जाती है । पर जब यह पीछे चलती है , तो बहुत छोटी हो जाती है।