Friday, 5 June 2020

आजकल आती कहाँ हैं ज्यादा पीहर बेटियां 💃अपनी ही घर गृहस्ती बसाने में लगी रहती है बेटियाँ 💃जिम्मे-दारियों के बोझ तले दबी रहती है बेटियाँ 💃मन पीहर में लगा रहता है शरीर काम करते रहता है, कभी जताती नहीं है बेटियाँ 💃आँखें नम है फिर भी हँसते हुए फोन पर पीहर में सभी से बातें करती रहती हैं बेटियाँ 💃चंचल सी, नाजूक सी, मासूम सी, लेकिन अब सयानी सी हो गयी हैं बेटियाँ 💃जब कभी करते हैं शिकायत क्युं नहीं पीहर आती हैं बेटियांँ 💃 तो उल्टा नाराज होकर ड़ांटने के अंदाज में कहती हैं आपने इतने अच्छे संस्कार ही क्युं दिये ताकि ससुराल की जिम्मैदारी छोड़ कुछ दिनों के लिये सुस्ताने भी नहीं आ पाती है पीहर बेटियाँ 💃हाँ पीहर में किसी को भी कुछ भी हो जाये सब छोड़-छाड़ कर दौड़े चली आती हैं बेटियाँ 💃बाबूल का दिल है तो ससुराल की धड़कन होती हैं बेटियाँ💃 ✍️