माँ के जाने के बाद माएका खतम हो जाता है , ये हमने बहुत सुना है , लेकिन सास के जाने के बाद ससुराल भी खतम हो जाता है या कम सुनने को मिलता है !!! ससुराल-----------अक्सर कहा जाता है कि मायका माँ के साथ ही,खत्म हो जाता है !सच कहूं तो ,ससुराल भी सास के साथ ही खत्म हो जाता है !रह जाती हैं बस यादें..उनकी उस न्यौछावर की,जो मुझ पर वार कर, दिया करतीथीं वो मिसरानी को! वो ताक़ीद जो मेहँदी माँडने वाली को बीच-बीच में आके दे जाती थीं...*बाई सुंदर सी माँडना, मोटी मत कर देना*उनकी उस ढाल की जो,छूछक में मायके से आए सामानके लिए रिश्तेदार महिलाओं के सामने*डिज़ाइन तो एक से एक है!* कहकर...सहलाती नज़रों से मेरा मुँह देखने लगी थीं...!उनकी उस 'ख़ुश रहो!'वाले आशीष की,जो अपने गठजोड़ संग उनके चरण स्पर्श करते ही मिली थी!उनकी उस चेतावनी की,जो हर त्यौहार से पहले मिल जाया करती थी... *कल त्यौंहार है, मेहंदी लगा लेना* उनकी उस दूरदृष्टि की जो,मेरी अपूर्ण ख्वाहिशों के मलाल को सांत्वना देते दिखतीं कि'ग़म खाने से देर-सबेर सब मिला करता है!'उनके उस घबराहट की,जो डिलीवरी के लिये अस्पतालजाने के नाम से तैयार हो जाता कि*पता नहीं क्यों जी घबड़ा रहा है!*उनके उस उलाहने की,जो बच्चों संग सख्ती के दौरान सुनाया जाता,*हमने तो कभी नहीं मारा!*उनके उस कुबूलनामे की, जो अक्सर पीठ पीछे करतीं…*"न दिन देखती है न रात, काम तो बहोत जल्दी सीखा इसने! *मिनटों में काम निपटाती है!*"अब तो मैं बायने के त्योंहार परअक्सर मेहँदी लगाना भूल जाती हूँ,अब कोई नहीं जो याद दिलाये!सच ही है....सास के बाद ससुराल भी ख़त्म हो जाता है..!🙏😔सच मे यदि👆 ये कविता दिल को छूई तो शब्दो से या इमोजी से लाइक जरुर करना 🙏🙏