Wednesday, 1 June 2022

सत्य इन्सान की जिन्दगी में "हार जीत" का फैसला उसकी "औलाद" करती है।अगर "संस्कारी और कमाऊ"है तो जीत है ।अगर औलाद "बेकार और आवारा" है, तो करोड़ों की कमाई हुई पुंजी होते हुये भी हार है।