Wednesday, 8 June 2022

पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं; उड़ जाएंगे एक दिन तस्वीर से रंगों की तरह हम वक्त की टहनी पर..बैठे हैं परिंदों की तरह खटखटाते रहिए दरवाजा.. एक दूसरे के मन का; मुलाकातें ना सही, आहटें आती रहनी चाहिए ना राज़ है."ज़िन्दगी" ना नाराज़ है. "ज़िन्दगी " बस जो है वो आज है."ज़िन्दगी"