पिता एक उम्मीद है , एक आस है, परिवार की हिम्मत है, एक विश्वास है, बाहर से सख्त अंदर से नर्म हैं। पिता संघर्ष की आंधी में होंसले की दीवार है । परेशानियों से लड़ने की दोधारी तलवार है । बचपन में खुश करने वाला खिलौना है । नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछोना है। सपनों को पूरा करने वाली जान है। इन्हीं से तो मां और बच्चों की पहचान है।