Friday, 13 December 2019

दोस्ती से बढ़कर कोई जागीर नहीं होती ....दोस्ती से ख़ूबसूरत कोई तस्वीर नहीं होती ....दोस्ती - यूँ तो एक कच्चा धागा होता है़ ....मगर इस धागे से मजबूत भी कोई ज़ंजीर नहीं होती .।