Saturday 21 December 2019

ऐ ज़िन्दगी इतने भी दर्द न दे कि मैं बिखर जाऊं,ऐ ज़िन्दगी इतने भी ग़म न दे कि ख़ुशी भूल जाऊं,ऐ ज़िन्दगी इतने भी आँसू न दे कि मैं हँसना भूल जाऊं,इतने भी इम्तिहान न ले कि मैं हार के जीना भूल जाऊं।