Saturday, 28 December 2019

सुबह सुबह किसी ने द्वार खटखटाया, मैं लपककर आया,जैसे ही दरवाजा खोलातो सामने बुढ़ापा खड़ा था,भीतर आने के लिए, ,जिद पर अड़ा था..मैंने कहा :"नहीं भाई! अभी नहींअभी तो मेरी उमर ही क्या है..''वह हँसा और बोला :बेकार कि कोशिश ना कर,मुझे रोकना नामुमकिन है... मैंने कहा :".. अभी तो कुछ दिन रहने दे,अभी तक दूसरो के लिए जीया हूँ ..अब अकल आई है तो कुछ दिनअपने लिए और दोस्तों के साथ भी जीने दे..''*बुढ़ापा हंस कर बोला* :"अगर ऐसी बात है तो चिंता मत कर..उम्र भले ही तेरी बढ़ेगीमगर बुढ़ापा नहीं आएगा, तू जब तक दोस्तों के साथ जीएगा,खुद को जवान ही पाएगा..''*तो दोस्तों, चलो आजसे ही* *बढ़ती उम्र का लुत्फ़ उठाएं**और अपने बुढ़ापे को* *जवान बनाएं!!*😜