“अहंकार”दिखाकरकिसी रिश्ते को तोड़ने से कहीं अच्छा है कि, "क्षमा" मांग कर उस रिश्ते को निभाया जाये ।केवल "रोजी रोटी"कमाना ही हुनर की बात नही है....*बल्कि*परिवार के साथ "राजी राजी रोटी" खाना भी बहुत बड़ा हुनर है..!श्री कृष्ण भगवान कहते हैं...कभी किसी के चहरे को मत देखो...बल्कि उसके मन को देखो।*क्योंकि*अगर सफेद रंग में वफा होती तो नमक जख्मों की दवा होता.।