Wednesday, 23 March 2022

सोनाली बेंद्रे - कैंसरअजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस(कंधे की गंभीर बीमारी)इरफान खान - कैंसरमनीषा कोइराला - कैंसरयुवराज सिंह - कैंसरसैफ अली खान - हृदय घातरितिक रोशन - ब्रेन क्लोटअनुराग बासु - खून का कैंसरमुमताज - ब्रेस्ट कैंसरशाहरुख खान - 8 सर्जरी(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसरराकेश रोशन - गले का कैंसरलीसा राय - कैंसरराजेश खन्ना - कैंसर,विनोद खन्ना - कैंसरनरगिस - कैंसरफिरोज खान - कैंसरटोम अल्टर - कैंसर...ये वो लोग हैं या थे-जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैंजो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।जिम भी जाते है।रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।अब सवाल उठता है कि आखिरअपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमालबहुत कम करते है।या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा।कितनी भी फ्रूटी पी लो ,वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करतेतो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी सेलाख गुण अच्छा था।आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिएजहां एक भी कीटाणु ना हो।बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो,वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है।एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोगसेनिटाइजर लगाते हुए देखते हैं हम।इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।आपने कभी गौर किया है--पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों कीएक बुखार में धरती घूमने लगती है।और वहीं दूध दही छाछ के शौकीनगांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है।क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है।प्राकृतिक चीजों को अपनाओ!विज्ञान के द्वारा लैब में तैयारहर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक है!पैसे से कभी भी स्वास्थ्य और खुशियां नहीं मिलती।।आइए फ़िर से_ चलें प्रकृति की ओर...🙏🏻