Sunday 27 March 2022

उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आयातो वो दौड़ते गए,हमें सुकून में कामयाबी दिखीतो हम ठहर गए !ख़्वाहिशों के बोझ में बशरतू क्या क्या कर रहा हैइतना तो जीना भी नहींजितना तू मर रहा है। ●●●बशर नवाज़