Saturday, 2 July 2022

परिदों को मंज़िल मिलेगी यक़ीनन.. ये फैले हुए उनके पंख बोलते हैं। वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर.. जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं ।