ढेर सारी किताबें पढ़कर, डॉक्टर, इंजीनियर,वकील,प्रोफेसर, वैज्ञानिक , प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी बनने के बाद भी अगर दिमाग में अंधविश्वास, सड़े-गले विचार, अवैज्ञानिक पुराने तौर-तरीके वैसे ही बने रहें तो यह किताबी ज्ञान गधे पर रखी किताबों का बोझ जैसा है। इतना ज्ञान हासिल करने का क्या फ़ायदा जबकि आपका दिमाग पाखण्डी अन्धविश्वास से भरा है तो आपका ज्ञान व्यर्थ है