मनुष्य की गहरी से गहरी और पहली बीमारी अहंकार है। जहां अहंकार है, वहां दया झूठी है। और जहां अहंकार है, वहां अहिंसा झूठी है। और जहां अहंकार है, वहां शांति झूठी है। और जहां अहंकार है, वहां कल्याण और मंगल और लोकहित की बातें झूठी हैं। क्योंकि जहां अहंकार है, वहां ये सारी की सारी चीजें सिर्फ अहंकार के आभूषण के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं हैं।